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Wednesday, August 19, 2020
कमलनाथ होंगे नेता प्रतिपक्ष,, विधानसभा पहुंचा कांग्रेस का पत्र
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे,, इस बाबत कांग्रेस की तरफ से विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र पहुंच गया है ,,,आपको बता दें कि इसके पहले भी यह तय कर दिया गया था कि कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष होंगे लेकिन इसको लेकर कागजी प्रक्रिया आज कांग्रेस की तरफ से पूरी की गई......
उपचुनाव में परंपरागत फेक्टरों को मात दे सकता है जन आक्रोश, बीजेपी के लिए अधिकांश सीटों पर मुश्किल
मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के लिए मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं,, सबसे बड़ी मुश्किल बी जे पी के लिए ये है की चुनाव वास्तव में भाजपा बनाम कांग्रेस का ना रहकर भाजपा बनाम जनता हो गया है ,, एक अजीब सी नाराजगी हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस छोड़कर आए प्रत्याशियों के लिए साफ तौर पर नजर आ रही है ,, इसके अलावा 35 करोड़ के लेनदेन की बात भी कहीं ना कहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं के मन में बैठी हुई है! ,,, जिसने सभी संभावित प्रत्याशियों के लिए ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर दी है , इतना ही नहीं लगभग 22 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय बड़े चेहरे मौजूद हैं ,, जो कांग्रेस छोड़कर आये भाजपाई प्रत्याशियों का चुपचाप विरोध करते नजर आ रहे हैं,, ऐसे में अब तक ग्वालियर चंबल में जीत हार का कारण रहे परंपरागत मुद्दे दरकिनार होते नजर आ रहे हैं ,चाहे वह जातिगत समीकरण हो या फिर बसपा शायद यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी के अब तक किए गए कोई भी प्रयास सफल नजर नहीं आ रहे हैं , देखना यह होगा कि 22 अगस्त से अपना चुनावी दौरा शुरू कर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या इन हालातों को बदल पाते हैं या नहीं..... लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखा गया है कि एक आक्रोश ग्वालियर चंबल में सिंधिया समर्थकों के लिए लगातार पनपता नजर आ रहा है ,,जहां पर भी सिंधिया समर्थक प्रत्याशी प्रचार के लिए जा रहे हैं वहां पर लोग उनको घेर रहे हैं, और विरोध करते नजर आ रहे हैं ....
Sunday, August 16, 2020
मध्य प्रदेश में अक्टूबर में हो सकते हैं उपचुनाव: सूत्र
सूत्रों के मुताबिक भारत निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तारीख जल्द घोषित कर सकता है , माना जा रहा है कि उपचुनाव अक्टूबर में हो सकते हैं ,लगातार कोविड-19 के चलते हो रही देरी के बाद आयोग ने पूरे देश से चुनाव को लेकर रिपोर्ट मांगी थी,, इसके अलावा अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से भी फीडबैक लिया गया था, तमाम फीडबैक के बाद और कुछ देशों में हुए आम चुनाव के मॉडल को अपनाते हुए अब आयोग देश में राज्यों के चुनाव और उप चुनाव की तैयारी में जुट गया है,, और माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में अक्टूबर में उप चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।
Friday, January 13, 2017
खास होगा लालू के घर पर दही-चूड़ा का भोज
पटना: मकर संक्रांति के अवसर पर जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण की ओर से दिया जाने वाला भोज काफी बड़ा होता है जिसमें आम और खास सभी लोग शामिल होते हैं। हालांकि राजद अध्यक्ष लालू यादव के घर के चूड़ा-दही काफी खास होता है। लेकिन इस बार लालू-राबड़ी के दस सर्कुलर आवास पर विशेष भोज का आयोजन होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार लालू प्रसाद के आवास पर आयोजित होने वाले भोज में पक्ष और विपक्ष के नेता भी शामिल होंगे। सभी नेताओं को आमंत्रण भेज दिया गया है। भोज का आयोजन 14 जनवरी को 10 बजे होगा।
सूत्रों के मुताबिक 14 जनवरी को भोज के अलावा एक भोज उसके अगले दिन भी आयोजित होगा। 15 जनवरी के भोज में लालू मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए भोज का आयोजन कर रहे हैं। उन्हें इस विशेष भोज के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। 14 जनवरी वाले भोज में पक्ष-विपक्ष के नेता और बिहार सरकार के मंत्री के अलावा पार्टी कार्यकर्त्ता और मीडिया के लोग शामिल होंगे। दूसरे दिन वाले भोज में मुस्लिम समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया है। लालू के आवास पर पिछले साल आयोजित भोज काफी चर्चा में रहा था। इस मौके पर नीतीश कुमार लालू प्रसाद के आवास पर पहुंचे थे। लालू ने सीएम नीतीश का दही का तिलक लगाकर स्वागत किया था।
सूत्रों के मुताबिक 14 जनवरी को भोज के अलावा एक भोज उसके अगले दिन भी आयोजित होगा। 15 जनवरी के भोज में लालू मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए भोज का आयोजन कर रहे हैं। उन्हें इस विशेष भोज के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। 14 जनवरी वाले भोज में पक्ष-विपक्ष के नेता और बिहार सरकार के मंत्री के अलावा पार्टी कार्यकर्त्ता और मीडिया के लोग शामिल होंगे। दूसरे दिन वाले भोज में मुस्लिम समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया है। लालू के आवास पर पिछले साल आयोजित भोज काफी चर्चा में रहा था। इस मौके पर नीतीश कुमार लालू प्रसाद के आवास पर पहुंचे थे। लालू ने सीएम नीतीश का दही का तिलक लगाकर स्वागत किया था।
Wednesday, December 7, 2016
जंग जो मर्जी कर लें, पर मोदी कभी मुस्लिम को उपराष्ट्रपति नहीं बनाएंगे: केजरीवाल
नई दिल्ली.अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली के एलजी नजीब जंग को लेकर बड़ा बयान दिया। बुधवार को उन्होंने ट्वीट किया, ''जंग हिटलर की तरह काम कर रहे हैं।उपराष्ट्रपति बनना चाहते हैं, लेकिन मोदी कभी मुस्लिम को उपराष्ट्रपति नहीं बनाएंगे। चाहे जो मर्जी कर लें।'' पिछले दिनों दिल्ली महिला आयोग (DCW) में मेंबर सेक्रेटरी की भर्ती को लेकर केजरीवाल खफा हैं। केजरीवाल ने और क्या कहा...
- पहले ट्वीट में दिल्ली के सीएम ने DCW की मेंबर सेक्रेटरी की भर्ती से जुड़ी खबर ट्वीट कर कहा, ''जंग हिटलर जैसा बर्ताव कर रहे हैं, अपने मालिकों मोदी और अमित शाह के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। नजीब जंग ने उपराष्ट्रपति बनने के लिए अपनी आत्मा मोदी को बेच दी।''
# केजरीवाल ने क्यों कहा ऐसा?
- एलजी ने आईएएस दिलराज कौर को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का मेंबर सेक्रेटरी बनाया है। फिलहाल वह सोशल वेलफेयर सेक्रेटरी हैं, उन्हें DCW की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीएम की मांग है कि आगे से DCW की सभी भर्तियां सरकार के नॉमिनेशन पर ही की जाएं।
- इस फैसले से 8 दिन पहले केजरीवाल ने पूर्व मेंबर सेक्रेटरी अलका दीवान की नियुक्ति को गैरकानूनी बताकर उन्हें हटाने की मांग की थी। जंग को लिखे लेटर में कहा था कि ये हैरान करने वाला है कि आपके द्वारा नियुक्ति सेक्रेट्री का नाम चुनी हुई सरकार ने नॉमिनेट नहीं किया।
- केजरीवाल ने कहा था, 'सरकार पहले ही एक नाम नॉमिनेट कर चुकी थी और बिना विचार किए दीवान को इस पोस्ट पर बैठा दिया गया। यह हाईकोर्ट के ऑर्डर और DCW एक्ट के खिलाफ है।'
- पहले ट्वीट में दिल्ली के सीएम ने DCW की मेंबर सेक्रेटरी की भर्ती से जुड़ी खबर ट्वीट कर कहा, ''जंग हिटलर जैसा बर्ताव कर रहे हैं, अपने मालिकों मोदी और अमित शाह के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। नजीब जंग ने उपराष्ट्रपति बनने के लिए अपनी आत्मा मोदी को बेच दी।''
# केजरीवाल ने क्यों कहा ऐसा?
- एलजी ने आईएएस दिलराज कौर को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का मेंबर सेक्रेटरी बनाया है। फिलहाल वह सोशल वेलफेयर सेक्रेटरी हैं, उन्हें DCW की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीएम की मांग है कि आगे से DCW की सभी भर्तियां सरकार के नॉमिनेशन पर ही की जाएं।
- इस फैसले से 8 दिन पहले केजरीवाल ने पूर्व मेंबर सेक्रेटरी अलका दीवान की नियुक्ति को गैरकानूनी बताकर उन्हें हटाने की मांग की थी। जंग को लिखे लेटर में कहा था कि ये हैरान करने वाला है कि आपके द्वारा नियुक्ति सेक्रेट्री का नाम चुनी हुई सरकार ने नॉमिनेट नहीं किया।
- केजरीवाल ने कहा था, 'सरकार पहले ही एक नाम नॉमिनेट कर चुकी थी और बिना विचार किए दीवान को इस पोस्ट पर बैठा दिया गया। यह हाईकोर्ट के ऑर्डर और DCW एक्ट के खिलाफ है।'
मुलायम बोले- नोट बदलने का क्या मतलब था, कालेधन वालों को कोई फर्क नहीं पड़ा
बरेली.यहां मुलायम सिंह यादव ने सपा वर्कर्स को आने वाले चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया। उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी ने हर वर्ग के लिए काम किया है। केंद्र ने किसानों से 15 लाख रुपए देने के लिए कहा था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया है। सपा ने दवाइयां फ्री कर दीं। बीजेपी ने नोट बदल दिए। इसका क्या मतलब था। कालेधन वालों को कोई फर्क नहीं पड़ा। बीजेपी तो झूठ बोलने में नंबर एक है।' और क्या बोले मुलायम...?
- जीआईसी मैदान में बुधवार को मंडलीय सम्मेलन में बोलते हुए मुलायम ने कहा, 'सपा में सभी के साथ एक जैसेा व्यवहार होता है।'
- 'सरकार जनता को परेशान करने के लिए नहीं होती है। बीजेपी झूठ बोलने में नंबर एक है।'
- 'सपा की करनी और करनी में अंतर नहीं है। सपा सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है।'
- 'जनता सेे किया वादा निभाया जाना चाहिए। शिवपाल ने पार्टी के लिए बहुत काम किया है।'
- 'हिंदी और उर्दू भाषा सगी बहनों की तरह हैं। हम अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ हैं।'
- 'हम भाषा और धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते हैं। हमने घोषणा पत्र में किए सारे वादे पूरे किए हैं।'
- 'कांग्रेस-बीजेपी ने देश को पीछे ढकेल दिया। नोट बदलने का क्या मतलब था, क्या जरूरत थी। उससे क्या फायदा हो गया। जनता आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।'
- 'नोटबंदी से लोगों को जनता को किए गए 15-15 लाख के वादे का क्या हुआ। नए नोट तो बैंक और एटीएम में हैं ही नहीं।'
- 'बीजेपी की नीति से किसान, व्यापारी, बुनकर सब परेशान हैं। नोटबंदी से कई किसानों की मौत हो गई।'
- 'किसान और प्यापारी सगे भाई की तरह हैं। बीजेपी से ज्यादा झूठ कौन बोल सकता है।'
- 'कालाधन रखने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। परेशानियों का जनता जवाब देगी।'
- 'किसान बर्बाद होगा तो देश प्रभावित होगी। बीज और खाद के लिए किसान परेशान है।'
नोटबंदी का दिखा असर
- आमतौर पर सपा के ऐसे आयोजनों में झंडा, बैनर, पोस्टर से मुख्य सड़कों को पाट दिया जाता है।
- लेकिन इस बार मुलायम सिंह के आगमन पर भी बैनर, पोस्टर और स्वागत द्वारों की कतार कम दिखी।
- बता दें, इससे पहले सपा ने मंडलीय रैली की शुरुआत पूर्वांचल के गाजीपुर से की थी।
- जीआईसी मैदान में बुधवार को मंडलीय सम्मेलन में बोलते हुए मुलायम ने कहा, 'सपा में सभी के साथ एक जैसेा व्यवहार होता है।'
- 'सरकार जनता को परेशान करने के लिए नहीं होती है। बीजेपी झूठ बोलने में नंबर एक है।'
- 'सपा की करनी और करनी में अंतर नहीं है। सपा सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है।'
- 'जनता सेे किया वादा निभाया जाना चाहिए। शिवपाल ने पार्टी के लिए बहुत काम किया है।'
- 'हिंदी और उर्दू भाषा सगी बहनों की तरह हैं। हम अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ हैं।'
- 'हम भाषा और धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते हैं। हमने घोषणा पत्र में किए सारे वादे पूरे किए हैं।'
- 'कांग्रेस-बीजेपी ने देश को पीछे ढकेल दिया। नोट बदलने का क्या मतलब था, क्या जरूरत थी। उससे क्या फायदा हो गया। जनता आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।'
- 'नोटबंदी से लोगों को जनता को किए गए 15-15 लाख के वादे का क्या हुआ। नए नोट तो बैंक और एटीएम में हैं ही नहीं।'
- 'बीजेपी की नीति से किसान, व्यापारी, बुनकर सब परेशान हैं। नोटबंदी से कई किसानों की मौत हो गई।'
- 'किसान और प्यापारी सगे भाई की तरह हैं। बीजेपी से ज्यादा झूठ कौन बोल सकता है।'
- 'कालाधन रखने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। परेशानियों का जनता जवाब देगी।'
- 'किसान बर्बाद होगा तो देश प्रभावित होगी। बीज और खाद के लिए किसान परेशान है।'
नोटबंदी का दिखा असर
- आमतौर पर सपा के ऐसे आयोजनों में झंडा, बैनर, पोस्टर से मुख्य सड़कों को पाट दिया जाता है।
- लेकिन इस बार मुलायम सिंह के आगमन पर भी बैनर, पोस्टर और स्वागत द्वारों की कतार कम दिखी।
- बता दें, इससे पहले सपा ने मंडलीय रैली की शुरुआत पूर्वांचल के गाजीपुर से की थी।
जनार्दन रेड्डी ने कालेधन को सफेद कैसे किया, यह जानने का दावा करने वाले ड्राइवर ने आत्महत्या की
बेंगलुरु : कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के ड्राइवर रमेश गौड़ा ने कल मंगलवार को आत्महत्या कर ली. उस ड्राइवर का यह दावा था कि वह यह जानता था कि राजनीतिज्ञ जी जनार्दन रेड्डी ने किस तरह अपने सौ करोड़ कालेधन को सफेद किया.एएनआई के अनुसार ड्राइवर गौड़ा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि रेड्डी कनार्टक प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को 20 प्रतिशत कमीशन देते थे. ड्राइवर का यह भी आरोप है कि उसे खनन कारोबारी मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे.
रमेश गौड़ा ने जहर खाकर आत्महत्या की है, उनका शव बीती रात पाया गया. वह भूमि अधिग्रहण अधिकारी भीमा नायक के ड्राइवर थे. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि कि मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही थी, इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं. सुसाइड नोट के अनुसार रेड्डी एक भाजपा सांसद श्रीमालू के साथ अकसर नायक से मिलते थे. रेड्डी की बेटी की शादी से पूर्व भी एक पांच सितारा होटल में इनकी मुलाकात हुई थी.
गौड़ा का आरोप है कि नायक को रेड्डी से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. गौरतलब है कि रेड्डी इन दिनों चर्चा में है क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपये खर्च किये और 50,000 से ज्यादा मेहमानों का स्वागत किया. जबकि नोटबंदी के कारण लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं और सबके पास कैश की सख्त कमी है. गौरतलब है कि खनन घोटाला के आरोपी रेड्डी ने चार साल बेंगलुरू और हैदराबाद की जेल में बिताया है.
रमेश गौड़ा ने जहर खाकर आत्महत्या की है, उनका शव बीती रात पाया गया. वह भूमि अधिग्रहण अधिकारी भीमा नायक के ड्राइवर थे. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि कि मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही थी, इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं. सुसाइड नोट के अनुसार रेड्डी एक भाजपा सांसद श्रीमालू के साथ अकसर नायक से मिलते थे. रेड्डी की बेटी की शादी से पूर्व भी एक पांच सितारा होटल में इनकी मुलाकात हुई थी.
गौड़ा का आरोप है कि नायक को रेड्डी से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. गौरतलब है कि रेड्डी इन दिनों चर्चा में है क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपये खर्च किये और 50,000 से ज्यादा मेहमानों का स्वागत किया. जबकि नोटबंदी के कारण लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं और सबके पास कैश की सख्त कमी है. गौरतलब है कि खनन घोटाला के आरोपी रेड्डी ने चार साल बेंगलुरू और हैदराबाद की जेल में बिताया है.
बुलंदशहर गैंगरेप कमेंट: सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के माफीनामे को किया खारिज
बुलंदशहर रेप पर विवादित बयानबाजी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान के माफीनामे को खारिज कर दिया है. असल में सुप्रीम कोर्ट ने उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा था, लेकिन आजम खान ने अपने हलफनामे में 'यदि' शब्द का प्रयोग करते हुए गोलमोल माफी मांगी थी. कोर्ट ने उन्हें नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर रेप को राजनीतिक साजिश करार दिया था. अटॉर्नी जनरल और एमिकस क्यूरी द्वारा आजम खान के हलफनामे की भाषा पर एतराज जाहिर करने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. इस बीच आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल ' माफी' के बजाए 'खेद' शब्द का इस्तेमाल करेंगे..
अब 15 दिसम्बर को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आजम खान का नया हलफनामा उपयुक्त है या नही. केंद्र सरकार का कहना है कि अभी आजम खान ने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और इस वाक्य का इस्तेमाल किया है कि 'यदि मेरे बयान से किसी को चोट पहुंचा हो तो...' जो कि स्वीकार्य नहीं है.
बिना शर्त माफी मांगने तो तैयार थे आजम
इसके पहले नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए आजम खान की खिंचाई की थी. कोर्ट ने कहा था कि आजम खान गैंगरेप केस पर बयानबाजी करने के लिए माफीनामा दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं? आजम खान इस पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हो गए.
रेप पर बयानबाजी ठीक नहीं
कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है. 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा था.
गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर रेप को राजनीतिक साजिश करार दिया था. अटॉर्नी जनरल और एमिकस क्यूरी द्वारा आजम खान के हलफनामे की भाषा पर एतराज जाहिर करने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. इस बीच आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल ' माफी' के बजाए 'खेद' शब्द का इस्तेमाल करेंगे..
अब 15 दिसम्बर को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आजम खान का नया हलफनामा उपयुक्त है या नही. केंद्र सरकार का कहना है कि अभी आजम खान ने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और इस वाक्य का इस्तेमाल किया है कि 'यदि मेरे बयान से किसी को चोट पहुंचा हो तो...' जो कि स्वीकार्य नहीं है.
बिना शर्त माफी मांगने तो तैयार थे आजम
इसके पहले नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए आजम खान की खिंचाई की थी. कोर्ट ने कहा था कि आजम खान गैंगरेप केस पर बयानबाजी करने के लिए माफीनामा दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं? आजम खान इस पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हो गए.
रेप पर बयानबाजी ठीक नहीं
कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है. 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा था.
Tuesday, December 6, 2016
राजकीय सम्मान के साथ MGR की समाधि के पास दफनाई गईं जयललिता, शशिकला ने निभाई अंतिम संस्कार की रस्म
चेन्नई : लाखों लोगों ने मंगलवार को नम आंखों से अपनी प्रिय नेता और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को आखिरी विदाई दी जिनका सोमवार देर रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। अन्नाद्रमुक की मुखिया जयललिता को यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफन किया गया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित राजनीति की कई बड़ी हस्तियों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम, कई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन और सुपरस्टार रजनीकांत सहित कई प्रमुख लोगों ने राजाजी हॉल में दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जयललिता का शव आज अंतिम दर्शन के लिए सुबह से राजाजी हॉल में रखा गया था और उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन पूरे दिन पार्थिव शरीर के बगल में खड़ी रहीं और दफन किये जाने से पहले उन्होंने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा किया। जयललिता को मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि के निकट दफनाया गया।
नायडू, राव, गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पनीरसेलवम, विधानसभा अध्यक्ष धनपाल और पूर्व राज्यपाल के. रोसैया ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये।
अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद जयललिता को करीब छह बजे दफनाया गया। इससे पहले उनकी अंतिम यात्रा निकली और ‘अम्मा वजगा’ (अम्मा अमर रहे) के नारे के उद्घोष के साथ तोप की सलामी दी गई। उनकी शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और वे ‘पुरतची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) के नारे लगा रहे थे। जयललिता का पार्थिव शरीर राष्ट्रध्वज में लिपटा हुआ था और फूलों से ढंका हुआ था।
शवयात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकली और यह धीरे-धीरे आगे बढ़ी। करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके उस स्थान पर पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पार्थिव शरीर के ताबूत के चारो ओर जयललिता की बड़ी तस्वीरें लगाई गई थीं और लोग इस पर पुष्प बरसा रहे थे। पार्थिव शरीर के बगल में शशिकला मौजूद थीं।
केंद्र सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का आदेश दिया था। ऐसे में सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जयललिता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शशिकला ने एक ब्राह्मण पुजारी की मदद से अंतिम अनुष्ठानों को पूरा किया और जयललिता को दफन किया गया। धर्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बड़ी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं चले और ऐसे में लोगों ने लंबी दूरी तक पैदल चलने में भी परहेज नहीं किया।
शहर के बीचोबीच, अन्ना सलाई के करीब स्थित राजाजी हॉल में उदासी और दुख के माहौल के बीच, नम आंखें के साथ लोग अम्मा की आखिरी झलक पाने के लिए पहुंचे। जयललिता के चाहने वाले उन्हें ‘अम्मा’ (मां) कहकर पुकारते थे। तड़के जयललिता का पार्थिव शरीर उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल लाया गया था। इसके बाद से यहां लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। इस स्थान पर पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था, लेकिन उसे भी भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुखर्जी ने यहां राजाजी हॉल में जयललिता के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।
प्रधानमंत्री मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली से चेन्नई पहुंचे। उनके जयललिता के साथ अच्छे संबंध थे। मोदी ने शशिकला को ढांढस बंधाया और उनके सिर पर हाथ रखा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्यपाल पी सदाशिवम और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रजनीकांत, शरत कुमार, शिवकार्तिकेयन, धनुष, अभिनेत्री गौतमी तथा कई दूसरी फिल्मी हस्तियों ने भी श्रद्धांजलि दी। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने भी दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम, कई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन और सुपरस्टार रजनीकांत सहित कई प्रमुख लोगों ने राजाजी हॉल में दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जयललिता का शव आज अंतिम दर्शन के लिए सुबह से राजाजी हॉल में रखा गया था और उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन पूरे दिन पार्थिव शरीर के बगल में खड़ी रहीं और दफन किये जाने से पहले उन्होंने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा किया। जयललिता को मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि के निकट दफनाया गया।
नायडू, राव, गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पनीरसेलवम, विधानसभा अध्यक्ष धनपाल और पूर्व राज्यपाल के. रोसैया ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये।
अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद जयललिता को करीब छह बजे दफनाया गया। इससे पहले उनकी अंतिम यात्रा निकली और ‘अम्मा वजगा’ (अम्मा अमर रहे) के नारे के उद्घोष के साथ तोप की सलामी दी गई। उनकी शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और वे ‘पुरतची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) के नारे लगा रहे थे। जयललिता का पार्थिव शरीर राष्ट्रध्वज में लिपटा हुआ था और फूलों से ढंका हुआ था।
शवयात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकली और यह धीरे-धीरे आगे बढ़ी। करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके उस स्थान पर पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पार्थिव शरीर के ताबूत के चारो ओर जयललिता की बड़ी तस्वीरें लगाई गई थीं और लोग इस पर पुष्प बरसा रहे थे। पार्थिव शरीर के बगल में शशिकला मौजूद थीं।
केंद्र सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का आदेश दिया था। ऐसे में सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जयललिता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शशिकला ने एक ब्राह्मण पुजारी की मदद से अंतिम अनुष्ठानों को पूरा किया और जयललिता को दफन किया गया। धर्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बड़ी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं चले और ऐसे में लोगों ने लंबी दूरी तक पैदल चलने में भी परहेज नहीं किया।
शहर के बीचोबीच, अन्ना सलाई के करीब स्थित राजाजी हॉल में उदासी और दुख के माहौल के बीच, नम आंखें के साथ लोग अम्मा की आखिरी झलक पाने के लिए पहुंचे। जयललिता के चाहने वाले उन्हें ‘अम्मा’ (मां) कहकर पुकारते थे। तड़के जयललिता का पार्थिव शरीर उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल लाया गया था। इसके बाद से यहां लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। इस स्थान पर पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था, लेकिन उसे भी भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुखर्जी ने यहां राजाजी हॉल में जयललिता के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।
प्रधानमंत्री मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली से चेन्नई पहुंचे। उनके जयललिता के साथ अच्छे संबंध थे। मोदी ने शशिकला को ढांढस बंधाया और उनके सिर पर हाथ रखा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्यपाल पी सदाशिवम और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रजनीकांत, शरत कुमार, शिवकार्तिकेयन, धनुष, अभिनेत्री गौतमी तथा कई दूसरी फिल्मी हस्तियों ने भी श्रद्धांजलि दी। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने भी दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Sunday, December 4, 2016
मोदी, गनी के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता, व्यापार और सुरक्षा पर चर्चा
अमृतसर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच आज (रविवार) द्विपक्षीय वार्ता हुई जिसमें व्यापार और निवेश बढ़ाने, युद्ध से जर्जर देश में भारत की पुनर्निर्माण गतिविधियों और दोनों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा साझेदारी मजबूत करने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच मालवाहक विमान सेवा के लिए समझौते की बात भी वार्ता के दौरान उठी है। इससे भारत-अफगानिस्तान में पाकिस्तान के मुकाबले कुछ लाभ की स्थिति में आ जाएगा क्योंकि इस्लामाबाद लगातार उसकी सीमा से ट्रांजिट संपर्क देने से इनकार कर रहा है।
अमृतसर में कल से शुरू हुए हार्ट बॉफ एशिया सम्मेलन के लिए गनी कल शाम यहां पहुंचे हैं। बैठक में मोदी ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत का समर्थन जारी रखने का आश्वासन गनी को दिया। सूचनाओं के अनुसार, अफगानिस्तान ने सैन्य हार्डवेयर आपूर्ति बढ़ाने संबंधी मांग भी भारत से की है।
करीब दो साल पहले शुरू हुई नाटो बलों की संख्या में कमी लाने की प्रक्रिया के बाद तालिबान के फिर से सिर उठाने के कारण, अफगानिस्तान उससे लड़ने के लिए अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के प्रयासों में लगा हुआ है। सूत्रों ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान दोनों ही जितनी जल्दी संभव हो विमान मालवाहक सेवा समझौता शुरू करने तथा पहले से तय समझौते में विस्तार करने के इच्छुक हैं।
भारत और अफगानिस्तान बेहतर द्विपक्षीय संपर्क परियोजनाओं के विकल्प तलाश रहे हैं। इस वर्ष मई में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने ईरान के चाहबहार बंदरगाह को मुख्य बिन्दू बनाते हुए एक व्यापार और परिवहन कोरिडोर बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस लक्ष्य एक ट्रांजिट कोरिडोर विकसित करना है। चाबहार बंदरगाह का समुद्री-सड़क मार्ग पाकिस्तान को दरकिनार करने के लिहाज से विकसित किया गया है। चीन द्वारा पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह विकसित किए जाने पर भारत की प्रतिक्रिया के रूप में इस रास्ते को देखा जा रहा है।
अफगानिस्तान भारत के साथ अपने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने को इच्छुक है और संकेत मिल रहे हैं कि गनी हथियारों और सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर भारत पर जोर दे रहे हैं। भारत-अफगानिस्तान क बीच किसी प्रकार के करीबी सैन्य संबंधों से पाकिस्तान बहुत नाखुश होगा। भारत ने चार सैन्य हेलीकॉप्टरों में से चौथा और अंतिम हेलीकॉप्टर पिछले सप्ताह अफगानिस्तान भेजा है।
भारत ने अफगानिस्तान के सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है लेकिन वह हथियारों की आपूर्ति को लेकर थोड़ा सतर्क रहता है। भारत इस मामले में पाकिस्तान को उकसाना नहीं चाहता। अफगानिस्तान सोवियत-काल के हेलीकॉप्टरों और मालवाहक विमानों को प्रयोग योग्य बनाने में भी भारत की सहायता चाहता है। फिलहाल ये सभी उड़ान भरने की स्थिति में नहीं हैं। भारत की अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी है और वह देश की अवसंचरना पुनर्निर्माण में मदद कर रहा है।
माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच मालवाहक विमान सेवा के लिए समझौते की बात भी वार्ता के दौरान उठी है। इससे भारत-अफगानिस्तान में पाकिस्तान के मुकाबले कुछ लाभ की स्थिति में आ जाएगा क्योंकि इस्लामाबाद लगातार उसकी सीमा से ट्रांजिट संपर्क देने से इनकार कर रहा है।
अमृतसर में कल से शुरू हुए हार्ट बॉफ एशिया सम्मेलन के लिए गनी कल शाम यहां पहुंचे हैं। बैठक में मोदी ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत का समर्थन जारी रखने का आश्वासन गनी को दिया। सूचनाओं के अनुसार, अफगानिस्तान ने सैन्य हार्डवेयर आपूर्ति बढ़ाने संबंधी मांग भी भारत से की है।
करीब दो साल पहले शुरू हुई नाटो बलों की संख्या में कमी लाने की प्रक्रिया के बाद तालिबान के फिर से सिर उठाने के कारण, अफगानिस्तान उससे लड़ने के लिए अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के प्रयासों में लगा हुआ है। सूत्रों ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान दोनों ही जितनी जल्दी संभव हो विमान मालवाहक सेवा समझौता शुरू करने तथा पहले से तय समझौते में विस्तार करने के इच्छुक हैं।
भारत और अफगानिस्तान बेहतर द्विपक्षीय संपर्क परियोजनाओं के विकल्प तलाश रहे हैं। इस वर्ष मई में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने ईरान के चाहबहार बंदरगाह को मुख्य बिन्दू बनाते हुए एक व्यापार और परिवहन कोरिडोर बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस लक्ष्य एक ट्रांजिट कोरिडोर विकसित करना है। चाबहार बंदरगाह का समुद्री-सड़क मार्ग पाकिस्तान को दरकिनार करने के लिहाज से विकसित किया गया है। चीन द्वारा पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह विकसित किए जाने पर भारत की प्रतिक्रिया के रूप में इस रास्ते को देखा जा रहा है।
अफगानिस्तान भारत के साथ अपने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने को इच्छुक है और संकेत मिल रहे हैं कि गनी हथियारों और सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर भारत पर जोर दे रहे हैं। भारत-अफगानिस्तान क बीच किसी प्रकार के करीबी सैन्य संबंधों से पाकिस्तान बहुत नाखुश होगा। भारत ने चार सैन्य हेलीकॉप्टरों में से चौथा और अंतिम हेलीकॉप्टर पिछले सप्ताह अफगानिस्तान भेजा है।
भारत ने अफगानिस्तान के सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है लेकिन वह हथियारों की आपूर्ति को लेकर थोड़ा सतर्क रहता है। भारत इस मामले में पाकिस्तान को उकसाना नहीं चाहता। अफगानिस्तान सोवियत-काल के हेलीकॉप्टरों और मालवाहक विमानों को प्रयोग योग्य बनाने में भी भारत की सहायता चाहता है। फिलहाल ये सभी उड़ान भरने की स्थिति में नहीं हैं। भारत की अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी है और वह देश की अवसंचरना पुनर्निर्माण में मदद कर रहा है।
मेरी दिव्यांग बेटी का निकाह अब जल्द होगा : शमीम बी
भोपाल : मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूँ और मेरे पति और बेटी दोनों ही दिव्यांग हैं। बेटी के निकाह की चिन्ता से बहुत परेशान थी पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मजदूरों का जीवन-स्तर सुधारने के साथ उनकी जरूरत और मुसीबत के वक्त सुरक्षा के लिये मजदूर सुरक्षा योजना का लाभ हम जैसे लोगों को दिलवाया है, इसके लिये हम उनके आभारी हैं। यह कहना था हरदा की शमीम बी का, जिन्हें जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रशिक्षण में मजदूर सुरक्षा योजना में विवाह सहायता योजना के लिये 25 हजार रुपये दिये गये। इसी योजना में हरदा की श्रीमती ज्योति राव और शांति नागवंशी बैतूल को मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि अनुग्रह के लिये 80-80 हजार रुपये दिये गये।
अपंजीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु पर बैतूल के श्री रूपलाल अवलेका को एक लाख 5 हजार का चेक दिया गया।
योजना में राज्य के 18 से 60 वर्ष आयु के खेतिहर मजदूरों को परिवार की स्त्री को प्रसूति व्यय और छह सप्ताह का मजदूरी का भुगतान, पति को पितृत्व अवकाश के साथ दो सप्ताह की मजदूरी का भुगतान, बच्चों को पहली कक्षा से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये छात्रवृत्ति, पाँचवी कक्षा तथा आगे तक प्रथम श्रेणी में पास होने वाले विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार, विवाह सहायता योजना में कन्याओं को मदद दी जाती है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन
योजना में राज्य के वृद्ध, विकलांग, असहाय तथा बंधुआ मजदूरों को जिनकी आयु 60 वर्ष के ऊपर है, को प्रतिमाह 300 रुपये प्रति पेंशनधारी की दर से प्रतिमाह देय होगा। 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को 500 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। अब तक इस योजना में 33 लाख 35 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया है। जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नौशीन, फारुख, सकीना बी, साहिल रघुवंशी तथा पवन कुमार लोधी को लाभान्वित किया गया।
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में मध्यप्रदेश के मूल निवासी, जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो, जो आयकर-दाता नहीं हैं, उन्हें विभिन्न तीर्थ-स्थलों की यात्रा करवायी जाती है। अब 4 लाख 15 हजार लोगों को विभिन्न तीर्थ-स्थलों की यात्रा करवायी जा चुकी है।
अपंजीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु पर बैतूल के श्री रूपलाल अवलेका को एक लाख 5 हजार का चेक दिया गया।
योजना में राज्य के 18 से 60 वर्ष आयु के खेतिहर मजदूरों को परिवार की स्त्री को प्रसूति व्यय और छह सप्ताह का मजदूरी का भुगतान, पति को पितृत्व अवकाश के साथ दो सप्ताह की मजदूरी का भुगतान, बच्चों को पहली कक्षा से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये छात्रवृत्ति, पाँचवी कक्षा तथा आगे तक प्रथम श्रेणी में पास होने वाले विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार, विवाह सहायता योजना में कन्याओं को मदद दी जाती है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन
योजना में राज्य के वृद्ध, विकलांग, असहाय तथा बंधुआ मजदूरों को जिनकी आयु 60 वर्ष के ऊपर है, को प्रतिमाह 300 रुपये प्रति पेंशनधारी की दर से प्रतिमाह देय होगा। 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को 500 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। अब तक इस योजना में 33 लाख 35 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया है। जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नौशीन, फारुख, सकीना बी, साहिल रघुवंशी तथा पवन कुमार लोधी को लाभान्वित किया गया।
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में मध्यप्रदेश के मूल निवासी, जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो, जो आयकर-दाता नहीं हैं, उन्हें विभिन्न तीर्थ-स्थलों की यात्रा करवायी जाती है। अब 4 लाख 15 हजार लोगों को विभिन्न तीर्थ-स्थलों की यात्रा करवायी जा चुकी है।
रोजगार लेने नहीं देने वाले बन रहे है मध्यप्रदेश के युवा : शिवराज
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ जम्बूरी मैदान पर जन-कल्याण की योजनाओं पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रोजगार, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा, उज्जवला और किसानों की आय दोगुनी करने के लिये संचालित कृषि योजनाओं के हितग्राहियों को वित्तीय सहायता के चेक तथा सामग्री भेंट की। मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रीगण, जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में मौजूद हितग्राहियों की उपस्थिति में जन-कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी हुआ।
मुख्यमंत्री रोजगार की विभिन्न योजनाओं युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, आर्थिक कल्याण से संबंधित फिल्म प्रदर्शन में योजनाओं को पिछले 11 साल के दौरान मिली शानदार सफलता की विस्तृत जानकारी हितग्राहियों को दी गयी। युवा उद्यमी योजना का लाभ लेकर रोजगार स्थापित करने वाले हितग्राही सुश्री नीतिका त्रिपाठी, श्री सुनील अहिरवार, श्री सुनील पराते, श्री रक्षपाल सिंह, श्री दुर्गेश धुर्वे और श्री संजय सिंह को मुख्यमंत्री ने स्वयं का उद्योग शुरू करने के लिये ऋण राशि का चेक प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना में स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिये 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक की परियोजना के लिये बैंक ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। ऋण गारंटी निधि शुल्क अनुदान एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जाता है। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिये 20 हजार से 10 लाख रुपये तक की परियोजना के लिये बैंक ऋण मुहैया करवाया जाता है। श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर प्रदेश के युवा अब रोजगार लेने वाले नहीं, देने वाले बन रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना का लाभ उठाने आगे आये युवा हितग्राही श्री अक्षय, सुश्री ममता देवी, श्री अमन, श्री आमिर खान और श्री वीरेन्द्र ठाकुर को ऋण राशि के चेक प्रदान किये।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हितग्राही श्री सईद, सुश्री गायत्री चौबे, श्री सुरेश साहू सहित अन्य को अंत्योदय अन्न योजना के प्रपत्र सौंपे। फिल्म प्रदर्शन के दौरान बताया गया कि योजना में बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के 5 करोड़ 43 लाख सदस्यों को खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे परिवारों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूँ, चावल और आयोडीनयुक्त नमक दिया जा रहा है। अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य प्रतिमाह के मान से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पण्डाल में मौजूद हितग्राहियों से पूछा कि गरीबों को एक रुपये किलो गेहूँ, चावल और नमक देना जरूरी है कि नहीं, इसके प्रतिउत्तर में जन-समुदाय की ओर से 'जरूरी है'' की आवाज आयी।
उज्जवला योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू हुई उज्जवला योजना में प्रदेश की महिलाओं को चूल्हे के धुएँ से मुक्ति दिलवाकर उन्हें गैस कनेक्शन और किट प्रदान की जा रही है। उज्जवला योजना के फिल्म प्रदर्शन में बताया गया कि अगले 3 साल में प्रदेश के 72 लाख परिवार को गैस कनेक्शन दिलवाये जायेंगे। पिछले 5 माह के दौरान 13 लाख 50 हजार परिवार को गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाये गये हैं। उज्जवला योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना का लाभ उठाने वाली हितग्राही श्रीमती लालूबाई, श्रीमती रीनाबाई, श्रीमती कलाबाई, श्रीमती राधाबाई और श्रीमती प्रीतिबाई को गैस कनेक्शन के लिये गैस चूल्हा और किट प्रदान की। मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना द्वारा गरीब परिवारों की महिलाओं को धुएँ के प्रदूषण से मुक्त करवाते हुए उनके लिये गैस चूल्हे का इंतजाम किया गया है।
कृषि योजना
किसानों की आय दोगुनी करने के लिये संचालित कृषि योजनाओं पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बलराम तालाब, सूरजधारा मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने वाले हितग्राहियों को चेक सौंपे। फिल्म प्रदर्शन के दौरान बताया गया कि कृषि उत्पादन में 98 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में कृषि उत्पादन जहाँ 2 करोड़ 14 लाख मीट्रिक टन था, वहीं वह वर्ष 2015-16 में बढ़कर 4 करोड़ 23 लाख मीट्रिक टन हो गया। कृषि उत्पादन के दोगुना होने पर श्री शिवराज सिंह चौहान ने हितग्राहियों से आव्हान किया कि वे किसानों के लिये ताली बजाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करें। मुख्यमंत्री के आव्हान पर पण्डाल में तालियों की करतल ध्वनि सुनाई दी।
मुख्यमंत्री रोजगार की विभिन्न योजनाओं युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, आर्थिक कल्याण से संबंधित फिल्म प्रदर्शन में योजनाओं को पिछले 11 साल के दौरान मिली शानदार सफलता की विस्तृत जानकारी हितग्राहियों को दी गयी। युवा उद्यमी योजना का लाभ लेकर रोजगार स्थापित करने वाले हितग्राही सुश्री नीतिका त्रिपाठी, श्री सुनील अहिरवार, श्री सुनील पराते, श्री रक्षपाल सिंह, श्री दुर्गेश धुर्वे और श्री संजय सिंह को मुख्यमंत्री ने स्वयं का उद्योग शुरू करने के लिये ऋण राशि का चेक प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना में स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिये 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक की परियोजना के लिये बैंक ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। ऋण गारंटी निधि शुल्क अनुदान एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जाता है। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिये 20 हजार से 10 लाख रुपये तक की परियोजना के लिये बैंक ऋण मुहैया करवाया जाता है। श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर प्रदेश के युवा अब रोजगार लेने वाले नहीं, देने वाले बन रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना का लाभ उठाने आगे आये युवा हितग्राही श्री अक्षय, सुश्री ममता देवी, श्री अमन, श्री आमिर खान और श्री वीरेन्द्र ठाकुर को ऋण राशि के चेक प्रदान किये।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हितग्राही श्री सईद, सुश्री गायत्री चौबे, श्री सुरेश साहू सहित अन्य को अंत्योदय अन्न योजना के प्रपत्र सौंपे। फिल्म प्रदर्शन के दौरान बताया गया कि योजना में बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के 5 करोड़ 43 लाख सदस्यों को खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे परिवारों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूँ, चावल और आयोडीनयुक्त नमक दिया जा रहा है। अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य प्रतिमाह के मान से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पण्डाल में मौजूद हितग्राहियों से पूछा कि गरीबों को एक रुपये किलो गेहूँ, चावल और नमक देना जरूरी है कि नहीं, इसके प्रतिउत्तर में जन-समुदाय की ओर से 'जरूरी है'' की आवाज आयी।
उज्जवला योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू हुई उज्जवला योजना में प्रदेश की महिलाओं को चूल्हे के धुएँ से मुक्ति दिलवाकर उन्हें गैस कनेक्शन और किट प्रदान की जा रही है। उज्जवला योजना के फिल्म प्रदर्शन में बताया गया कि अगले 3 साल में प्रदेश के 72 लाख परिवार को गैस कनेक्शन दिलवाये जायेंगे। पिछले 5 माह के दौरान 13 लाख 50 हजार परिवार को गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाये गये हैं। उज्जवला योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना का लाभ उठाने वाली हितग्राही श्रीमती लालूबाई, श्रीमती रीनाबाई, श्रीमती कलाबाई, श्रीमती राधाबाई और श्रीमती प्रीतिबाई को गैस कनेक्शन के लिये गैस चूल्हा और किट प्रदान की। मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना द्वारा गरीब परिवारों की महिलाओं को धुएँ के प्रदूषण से मुक्त करवाते हुए उनके लिये गैस चूल्हे का इंतजाम किया गया है।
कृषि योजना
किसानों की आय दोगुनी करने के लिये संचालित कृषि योजनाओं पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बलराम तालाब, सूरजधारा मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने वाले हितग्राहियों को चेक सौंपे। फिल्म प्रदर्शन के दौरान बताया गया कि कृषि उत्पादन में 98 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में कृषि उत्पादन जहाँ 2 करोड़ 14 लाख मीट्रिक टन था, वहीं वह वर्ष 2015-16 में बढ़कर 4 करोड़ 23 लाख मीट्रिक टन हो गया। कृषि उत्पादन के दोगुना होने पर श्री शिवराज सिंह चौहान ने हितग्राहियों से आव्हान किया कि वे किसानों के लिये ताली बजाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करें। मुख्यमंत्री के आव्हान पर पण्डाल में तालियों की करतल ध्वनि सुनाई दी।
सीएम के सम्मेलन में आ रही बस अनियंत्रित होकर पलटी
भोपाल। सीएम शिवराज के जन-कल्याण की योजनाओं पर प्रशिक्षण सम्मेलन में हितग्राहियों को लेकर आ रही राजपूत ट्रेवल्स आज रविवार दोपहर अनियंत्रित होकर पलट गई। मिली जानकारी के अनुसार इंदौर भोपाल रोड स्थित खजुरी करतार पेट्रोल पम्प के पास बस अनियंत्रित होकर पलटी गई।
जानकारी के मुताबिक बस में 50 लोग सवार थे। जिनमें चार लोग बुरी तरह घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस में सवार एक महिला यात्री ने बताया कि बस ड्रायवर तेज गति से गाड़ी चल रहा था गति अधिक होने की वजह से बस अनियंत्रित होकर पलटी गई जिसमें कई महिलाएं घायल हो गई।
जानकारी के मुताबिक बस में 50 लोग सवार थे। जिनमें चार लोग बुरी तरह घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस में सवार एक महिला यात्री ने बताया कि बस ड्रायवर तेज गति से गाड़ी चल रहा था गति अधिक होने की वजह से बस अनियंत्रित होकर पलटी गई जिसमें कई महिलाएं घायल हो गई।
घने कोहरे और ठंड के बीच स्वचछ भोपाल के लिए मैराथन में दौड़ा भोपाल
भोपाल। रविवार सुबह स्वच्छ भोपाल के लिए घने कोहरे और ठंड के बीच शहर के फिटनेस लवर्स लाल परेड ग्राउंड से ‘रन भोपाल रन’ के तहत मैराथन के लिए दौड़े। लंबे समय के बाद मैराथान का इंतजार रनर्स को था। लोगों ने मैराथन में बड़े को उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया। इस मौके आलोक सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, महापौर आलोक शर्मा, कलेक्टर निशांत वरवड़े ने रनर्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रन भोपाल रन की मैराथन तीन चरणों में हुई इस मैराथन की शुरुआत 21 किमी की एलीट हाफ मैराथन से हुई। जो सुबह 6 बजे लाल परेड मैदान से शुरू होकर टीटी नगर स्टेडियम पर खत्म हुई। गौरतलब है कि इस मैराथन का आयोजन भोपाल रनर्स संस्था करती है। कलेक्टर वरवड़े इसके संस्थापक अध्यक्ष हैं। इस बार इसकी थीम ‘स्वच्छ भोपाल’ रखी गई थी।
रन भोपाल रन की मैराथन तीन चरणों में हुई इस मैराथन की शुरुआत 21 किमी की एलीट हाफ मैराथन से हुई। जो सुबह 6 बजे लाल परेड मैदान से शुरू होकर टीटी नगर स्टेडियम पर खत्म हुई। गौरतलब है कि इस मैराथन का आयोजन भोपाल रनर्स संस्था करती है। कलेक्टर वरवड़े इसके संस्थापक अध्यक्ष हैं। इस बार इसकी थीम ‘स्वच्छ भोपाल’ रखी गई थी।
मध्यप्रदेश में कोहरे के साथ बढ़ी ठिठुरन
भोपाल| मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रविवार सुबह छाए कोहरे ने ठिठुरन बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान ग्वालियर, चंबल, रीवा, शहडोल, सागर संभागों के कई जिलों में कोहरे व धुंध का असर बने रहने की संभावना जताई है। भोपाल का रविवार को न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री, इंदौर का 12 डिग्री, ग्वालियर का 10.4 डिग्री और जबलपुर का 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इससे पहले शनिवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री, इंदौर का 27.5 डिग्री, ग्वालियर का 26.1 डिग्री और जबलपुर का 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
इससे पहले शनिवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री, इंदौर का 27.5 डिग्री, ग्वालियर का 26.1 डिग्री और जबलपुर का 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
Saturday, December 3, 2016
भूमाता ब्रिगेड के सदस्यों के साथ हाजी अली के लिए रवाना हुई तृप्ति देसाई
पुणे : भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई आज महिलाओं की एक टोली के साथ मुंबई के हाजी अली दरगाह में प्रवेश करने की कोशिश करेंगी. तृप्ति ने इसे महिला के समानता वाला बात बताते हुए उम्मीद जतायी है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. हालांकि दरगाह में विरोध किये जाने की भी संभावना है. तृप्ति देसाई आज सुबह से ही इस मुद्दे पर सक्रिय हैं और मीडिया को उन्होंने बयान भी दिया है. तृप्ति देसाई दस बजे के करीब पुणे से मुंबई के लिए महिला टीम के साथ रवाना हुई हैं.
इससे पहले उन्होंने आज सुबह न्यूज एजेंसी एएनआइ से कहा, हमलोग आप हाजी अली दरगाह में प्रवेश करेंगे. यह महिलाओं की एक ऐतिहासिक जीत है. तृप्ति देसाई ने उम्मीद जतायी है कि उन्हें दरगाह में प्रवेश में कोई दिक्कत नहीं होगी.
इससे पहले उन्होंने आज सुबह न्यूज एजेंसी एएनआइ से कहा, हमलोग आप हाजी अली दरगाह में प्रवेश करेंगे. यह महिलाओं की एक ऐतिहासिक जीत है. तृप्ति देसाई ने उम्मीद जतायी है कि उन्हें दरगाह में प्रवेश में कोई दिक्कत नहीं होगी.
अमेरिकी लड़की ने ईमेल से दर्ज की रेप की शिकायत, गाइड समेत पांच लोगों पर लगाया आरोप
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस में एक फाइव स्टार होटल में एक अमेरिकी टूरिस्ट के साथ कथित तौर पर गैंगरेप होने की खबर है। एक एनजीओ ने आरोप लगाया है कि कनॉट प्लेस में एक होटल में मार्च महीने में पांच लोगों ने एक अमेरिकी महिला टूरिस्ट के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया।
पुलिस के मुताबिक ई-मेल के जरिए एनजीओ से मिली शिकायत की जांच की जा रही है जिसमें कहा गया है कि पांच लोगों ने पर्यटन और यात्रा संबंधी कुछ काम के बहाने अमेरिकी महिला के कमरे में घुस कर उसके साथ गैंगरेप किया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला वापस अपने देश चली गई। वह डरी हुयी थी, इसलिए उसने पुलिस से संपर्क नहीं किया। शिकायत की जांच की जा रही है और जांच के बाद कुछ दिनों में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक ई-मेल के जरिए एनजीओ से मिली शिकायत की जांच की जा रही है जिसमें कहा गया है कि पांच लोगों ने पर्यटन और यात्रा संबंधी कुछ काम के बहाने अमेरिकी महिला के कमरे में घुस कर उसके साथ गैंगरेप किया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला वापस अपने देश चली गई। वह डरी हुयी थी, इसलिए उसने पुलिस से संपर्क नहीं किया। शिकायत की जांच की जा रही है और जांच के बाद कुछ दिनों में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पीएम की तस्वीर छापने पर केवल 500 रुपए का जुर्माना!
नई दिल्ली
: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को अपने प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक ऐड
में इस्तेमाल करने के लिए रिलायंस जियो पर 500 रुपए का जुर्माना लग सकता
है। यह जुर्माना बिना इजाजत के ऐड में पीएम मोदी की फोटो इस्तेमाल करने को
लेकर लगेगा। गुरुवार (1 दिसंबर) को सूचना एंव प्रसारण राज्यमंत्री
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लिखित में जवाब दिया कि मोदी की फोटोग्राफ
इस्तेमाल करने स पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से कोई इजाजत नहीं ली
गई थी। हालांकि, रिलाइंस जियो ने अबतक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सरकार से रिलायंस जियो के
बारे में यह सवाल समाजवादी पार्टी से सांसद नीरज शेखर ने पूछा था।
राज्यवर्धन ने उसके जवाब में माना कि सरकार को पता था कि रिलायंस ने पीएम
मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया था। इसपर विपक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए
हंगामा किया और पूछा कि किसी निजी कंपनी के विज्ञापन में पीएम की तस्वीर
कैसे इस्तेमाल हो गई ?
इसके साथ ही पेटीएम जैसे ई-वालेट कंपनी के ऐड में भी पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल हुआ था। उसको लेकर भी सवाल पूछा गया। विपक्ष ने आगे पूछा कि क्या पीएमओ ने दोनों कंपनी के खिलाफ बिना इजाजत के फोटो इस्तेमाल करने पर कोई कार्रवाई की? इसपर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ‘प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम’ को खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा देखा जाता है। उन्होंने बताया था कि ऐड के खिलाफ उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली। लेकिन फिर भी हम कानून तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा देते हैं।’
कानून के सेक्शन तीन के हिसाब से किसी भी ‘विशिष्ट’ व्यक्ति के नाम या तस्वीर और चिन्ह को किसी लेन-देन, व्यापार के लिए बिना केंद्र सरकार की इजाजत के इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ‘विशिष्ट’ की लिस्ट में लगभग 3 दर्जन नाम और चिन्ह शामिल हैं जिनका इस्तेमाल बिना केंद्र सरकार की इजाजत के नहीं किया जा सकता। उसमें भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के गवर्नर, भारत या राज्य सरकार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, संयुक्त राष्ट्र संघ, अशोक चक्र और धर्म चक्र शामिल हैं।
इसके साथ ही पेटीएम जैसे ई-वालेट कंपनी के ऐड में भी पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल हुआ था। उसको लेकर भी सवाल पूछा गया। विपक्ष ने आगे पूछा कि क्या पीएमओ ने दोनों कंपनी के खिलाफ बिना इजाजत के फोटो इस्तेमाल करने पर कोई कार्रवाई की? इसपर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ‘प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम’ को खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा देखा जाता है। उन्होंने बताया था कि ऐड के खिलाफ उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली। लेकिन फिर भी हम कानून तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा देते हैं।’
कानून के सेक्शन तीन के हिसाब से किसी भी ‘विशिष्ट’ व्यक्ति के नाम या तस्वीर और चिन्ह को किसी लेन-देन, व्यापार के लिए बिना केंद्र सरकार की इजाजत के इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ‘विशिष्ट’ की लिस्ट में लगभग 3 दर्जन नाम और चिन्ह शामिल हैं जिनका इस्तेमाल बिना केंद्र सरकार की इजाजत के नहीं किया जा सकता। उसमें भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के गवर्नर, भारत या राज्य सरकार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, संयुक्त राष्ट्र संघ, अशोक चक्र और धर्म चक्र शामिल हैं।
PM मोदी करेंगे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शिरकत, कल आएंगे सरताज
अमृतसर : अमृतसर में आज से छठा मंत्री स्तरीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शुरू होगा. यह सम्मेलन अफगानिस्तान पर इस्तांबुल प्रक्रिया का हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी शुरुआत करेंगे. पीएम मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति सम्मेलन में संबोधित करेंगे. सम्मेलन में 14 देशों के विदेश मंत्री जुटेंगे. हार्ट ऑफ एशिया में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज भी पहुंचेगे. हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी.
प्रधानमंत्री शनिवार शाम को अमृतसर पहुंचेगे और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता होगी. सरताज अजीज रविवार को इस सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं. अजीज की अमृतसर यात्रा से पहले भारत ने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सीमापार आतंकवाद की निरंतरता को नई सामान्य स्थिति के रूप में कभी स्वीकार नहीं करेगा. भारत ने स्पष्ट किया कि निरंतर आतंकवाद के माहौल में वार्ता नहीं हो सकती. भारत ने उरी में सैन्य ठिकाने पर हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने करने का आह्वान किया था और हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में उसी दिशा में अपना प्रयास जारी रख सकता है. अक्तूबर में गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद की जननी करार दिया था.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे. सुषमा बीमार चल रही हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पंजाब में भारत-पाक सीमा पर कड़ी चौकसी की जा रही है.
प्रधानमंत्री शनिवार शाम को अमृतसर पहुंचेगे और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता होगी. सरताज अजीज रविवार को इस सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं. अजीज की अमृतसर यात्रा से पहले भारत ने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सीमापार आतंकवाद की निरंतरता को नई सामान्य स्थिति के रूप में कभी स्वीकार नहीं करेगा. भारत ने स्पष्ट किया कि निरंतर आतंकवाद के माहौल में वार्ता नहीं हो सकती. भारत ने उरी में सैन्य ठिकाने पर हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने करने का आह्वान किया था और हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में उसी दिशा में अपना प्रयास जारी रख सकता है. अक्तूबर में गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद की जननी करार दिया था.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे. सुषमा बीमार चल रही हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पंजाब में भारत-पाक सीमा पर कड़ी चौकसी की जा रही है.
भोपाल गैस त्रासदी: 32 साल बाद भी हरे हैं जख्म, नहीं मिले कुछ सवालों के जवाब
भोपाल : राजधानी भोपाल में घटित यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी को भले ही 32 वर्ष बीत गए हैं, लेकिन उस हादसे की रात यहां के लोगों के लिए अभी भी डरावनी बनी हुई है। उनकी आंखों के सामने सडक़ों पर बिखरी लाशें और बदहवास भागती भीड़ की तस्वीर ताजा हो जाती है।
गैस हादसे में अपने पति को गंवा चुकीं महिलाओं के लिए गृह निर्माण मंडल द्वारा बसाई गई विधवा कॉलोनी के नाम से चर्चित बस्ती के निवासी लतीफ उर्फ रहमान (54) दो-तीन दिसंबर, 1984 की रात के दृश्य याद कर आज भी सिहर उठते हैं। उन्होंने कहा, उस समय उनका परिवार काजी केंट में रहा करता था। हादसे की रात उनके परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे, अचानक उन्हें लगा कि आंखों में जलन हो रही है, दम घुट रहा है, घर से बाहर निकल कर देखा तो डरावना मंजर था। रहमान ने कहा, सडक़ों पर लोग बेहोशी की हालत में ऐसे पड़े थे, जैसे पतझड़ के मौसम में पत्ते बिखरे पड़े होते हैं। लोग सडक़ों पर भागे जा रहे थे। किसी की गोद में बच्चा था तो कोई बच्चों के हाथ पकडक़र भागे जा रहा था। उस रात कितने लोग मरे होंगे, कोई नहीं जानता। उस रात का मंजर आज भी डरवना बना हुआ है। रफीका बी (60) को लगता है कि जैसे हादसा बीती रात की बात हो। उन्होंने कहा कि उनका परिवार उस समय काजी कैंप में रहा करता था। उस रात ऐसा लगा जैसे किसी ने मिर्ची जला दी हो। उस रात को उन्हें और उनके पति को ऐसी बीमारी मिली, जिस वे आज तक ढो रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे सांस की बीमारी है, पति को आंखों से कम दिखाई देता है। कहने के लिए तो गैस पीडि़तों के लिए कई अस्पताल हैं, मगर इलाज की कोई सुविधा नहीं मिल रही है। शारदा बाई (62) अपने पति और चार बच्चों के साथ शाहजहांनाबाद इलाके में रहा करती थीं, इस हादसे ने उन्हें बीमारियां दी तो उनके जेठ महाराज सिंह को अपना ग्रास बना लिया। वह उस हादसे की रात अब भी भूल नहीं पाई हैं। उन्हें सरकार के इस रवैए से भी नाराजगी है कि उन्हें अपना हक नहीं मिल पाया है।
गैस प्रभावित हादसे की रात इसलिए नहीं भूला पाए हैं, क्योंकि उन्हें जो बीमारियां मिली हैं, उसे वे आज भी भुगत रहे हैं। गैस प्रभावित बस्तियों में पहुंचते ही विकलांग बच्चे, हाफते युवाओं से लेकर बुजुर्गो को देखते ही उनकी स्थिति का अंदाजा लग जाता है। ज्ञात हो कि दो-तीन दिसंबर, 1984 की रात यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस से तीन हजार से ज्यादा लोगों की एक सप्ताह के भीतर मौत हुई थी। इस गैस से बीमार हुए लोगों की मौतों का सिलसिला अब भी जारी है। प्रभावित बस्तियों में जन्म लेने वाली नई पीढ़ी भी बीमारियों की जद में आती जा रही है। भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस हादसे के शिकार लोगों के हित की बात करने के बजाय आरोपी कंपनी का साथ देने की कोशिश की है। यही कारण है कि इस हादसे के प्रभावितों को न तो बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल पाई और न ही मुआवजा मिला है। जब्बार कहते हैं, गैस पीडि़तों में बीमारियां बढ़ रही हैं, हादसे के बाद जन्मे लोग भी गैस का दुष्प्रभाव झेल रहे हैं, मगर उन्हें चिकित्सा की सुविधा नहीं मिल रही है। संभावना ट्रस्ट द्वारा अभी हाल ही में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि गैर प्रभावित बस्तियों के मुकाबले भोपाल गैस पीडि़तों की 10 गुना ज्यादा दर से कैंसर की वजह से मौतें हो रही हैं। इनमें खासकर गुर्दे, गले और फेफड़े के कैंसर पीडि़त हैं। इस शोध से यह बात भी सामने आई है कि गैस प्रभावित बस्तियों के लोगों में क्षयरोग, पक्षाघात व कैंसर कहीं ज्यादा तेजी से पनप रहे हैं।
गैस प्रभावित हादसे की रात इसलिए नहीं भूला पाए हैं, क्योंकि उन्हें जो बीमारियां मिली हैं, उसे वे आज भी भुगत रहे हैं। गैस प्रभावित बस्तियों में पहुंचते ही विकलांग बच्चे, हाफते युवाओं से लेकर बुजुर्गो को देखते ही उनकी स्थिति का अंदाजा लग जाता है। ज्ञात हो कि दो-तीन दिसंबर, 1984 की रात यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस से तीन हजार से ज्यादा लोगों की एक सप्ताह के भीतर मौत हुई थी। इस गैस से बीमार हुए लोगों की मौतों का सिलसिला अब भी जारी है। प्रभावित बस्तियों में जन्म लेने वाली नई पीढ़ी भी बीमारियों की जद में आती जा रही है। भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस हादसे के शिकार लोगों के हित की बात करने के बजाय आरोपी कंपनी का साथ देने की कोशिश की है। यही कारण है कि इस हादसे के प्रभावितों को न तो बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल पाई और न ही मुआवजा मिला है। जब्बार कहते हैं, गैस पीडि़तों में बीमारियां बढ़ रही हैं, हादसे के बाद जन्मे लोग भी गैस का दुष्प्रभाव झेल रहे हैं, मगर उन्हें चिकित्सा की सुविधा नहीं मिल रही है। संभावना ट्रस्ट द्वारा अभी हाल ही में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि गैर प्रभावित बस्तियों के मुकाबले भोपाल गैस पीडि़तों की 10 गुना ज्यादा दर से कैंसर की वजह से मौतें हो रही हैं। इनमें खासकर गुर्दे, गले और फेफड़े के कैंसर पीडि़त हैं। इस शोध से यह बात भी सामने आई है कि गैस प्रभावित बस्तियों के लोगों में क्षयरोग, पक्षाघात व कैंसर कहीं ज्यादा तेजी से पनप रहे हैं।
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