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Sunday, August 16, 2020
Tuesday, December 6, 2016
राजकीय सम्मान के साथ MGR की समाधि के पास दफनाई गईं जयललिता, शशिकला ने निभाई अंतिम संस्कार की रस्म
चेन्नई : लाखों लोगों ने मंगलवार को नम आंखों से अपनी प्रिय नेता और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को आखिरी विदाई दी जिनका सोमवार देर रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। अन्नाद्रमुक की मुखिया जयललिता को यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफन किया गया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित राजनीति की कई बड़ी हस्तियों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम, कई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन और सुपरस्टार रजनीकांत सहित कई प्रमुख लोगों ने राजाजी हॉल में दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जयललिता का शव आज अंतिम दर्शन के लिए सुबह से राजाजी हॉल में रखा गया था और उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन पूरे दिन पार्थिव शरीर के बगल में खड़ी रहीं और दफन किये जाने से पहले उन्होंने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा किया। जयललिता को मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि के निकट दफनाया गया।
नायडू, राव, गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पनीरसेलवम, विधानसभा अध्यक्ष धनपाल और पूर्व राज्यपाल के. रोसैया ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये।
अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद जयललिता को करीब छह बजे दफनाया गया। इससे पहले उनकी अंतिम यात्रा निकली और ‘अम्मा वजगा’ (अम्मा अमर रहे) के नारे के उद्घोष के साथ तोप की सलामी दी गई। उनकी शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और वे ‘पुरतची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) के नारे लगा रहे थे। जयललिता का पार्थिव शरीर राष्ट्रध्वज में लिपटा हुआ था और फूलों से ढंका हुआ था।
शवयात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकली और यह धीरे-धीरे आगे बढ़ी। करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके उस स्थान पर पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पार्थिव शरीर के ताबूत के चारो ओर जयललिता की बड़ी तस्वीरें लगाई गई थीं और लोग इस पर पुष्प बरसा रहे थे। पार्थिव शरीर के बगल में शशिकला मौजूद थीं।
केंद्र सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का आदेश दिया था। ऐसे में सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जयललिता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शशिकला ने एक ब्राह्मण पुजारी की मदद से अंतिम अनुष्ठानों को पूरा किया और जयललिता को दफन किया गया। धर्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बड़ी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं चले और ऐसे में लोगों ने लंबी दूरी तक पैदल चलने में भी परहेज नहीं किया।
शहर के बीचोबीच, अन्ना सलाई के करीब स्थित राजाजी हॉल में उदासी और दुख के माहौल के बीच, नम आंखें के साथ लोग अम्मा की आखिरी झलक पाने के लिए पहुंचे। जयललिता के चाहने वाले उन्हें ‘अम्मा’ (मां) कहकर पुकारते थे। तड़के जयललिता का पार्थिव शरीर उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल लाया गया था। इसके बाद से यहां लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। इस स्थान पर पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था, लेकिन उसे भी भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुखर्जी ने यहां राजाजी हॉल में जयललिता के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।
प्रधानमंत्री मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली से चेन्नई पहुंचे। उनके जयललिता के साथ अच्छे संबंध थे। मोदी ने शशिकला को ढांढस बंधाया और उनके सिर पर हाथ रखा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्यपाल पी सदाशिवम और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रजनीकांत, शरत कुमार, शिवकार्तिकेयन, धनुष, अभिनेत्री गौतमी तथा कई दूसरी फिल्मी हस्तियों ने भी श्रद्धांजलि दी। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने भी दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम, कई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन और सुपरस्टार रजनीकांत सहित कई प्रमुख लोगों ने राजाजी हॉल में दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जयललिता का शव आज अंतिम दर्शन के लिए सुबह से राजाजी हॉल में रखा गया था और उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन पूरे दिन पार्थिव शरीर के बगल में खड़ी रहीं और दफन किये जाने से पहले उन्होंने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा किया। जयललिता को मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि के निकट दफनाया गया।
नायडू, राव, गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पनीरसेलवम, विधानसभा अध्यक्ष धनपाल और पूर्व राज्यपाल के. रोसैया ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये।
अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद जयललिता को करीब छह बजे दफनाया गया। इससे पहले उनकी अंतिम यात्रा निकली और ‘अम्मा वजगा’ (अम्मा अमर रहे) के नारे के उद्घोष के साथ तोप की सलामी दी गई। उनकी शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और वे ‘पुरतची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) के नारे लगा रहे थे। जयललिता का पार्थिव शरीर राष्ट्रध्वज में लिपटा हुआ था और फूलों से ढंका हुआ था।
शवयात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकली और यह धीरे-धीरे आगे बढ़ी। करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके उस स्थान पर पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पार्थिव शरीर के ताबूत के चारो ओर जयललिता की बड़ी तस्वीरें लगाई गई थीं और लोग इस पर पुष्प बरसा रहे थे। पार्थिव शरीर के बगल में शशिकला मौजूद थीं।
केंद्र सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का आदेश दिया था। ऐसे में सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जयललिता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शशिकला ने एक ब्राह्मण पुजारी की मदद से अंतिम अनुष्ठानों को पूरा किया और जयललिता को दफन किया गया। धर्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बड़ी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं चले और ऐसे में लोगों ने लंबी दूरी तक पैदल चलने में भी परहेज नहीं किया।
शहर के बीचोबीच, अन्ना सलाई के करीब स्थित राजाजी हॉल में उदासी और दुख के माहौल के बीच, नम आंखें के साथ लोग अम्मा की आखिरी झलक पाने के लिए पहुंचे। जयललिता के चाहने वाले उन्हें ‘अम्मा’ (मां) कहकर पुकारते थे। तड़के जयललिता का पार्थिव शरीर उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल लाया गया था। इसके बाद से यहां लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। इस स्थान पर पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था, लेकिन उसे भी भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुखर्जी ने यहां राजाजी हॉल में जयललिता के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।
प्रधानमंत्री मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली से चेन्नई पहुंचे। उनके जयललिता के साथ अच्छे संबंध थे। मोदी ने शशिकला को ढांढस बंधाया और उनके सिर पर हाथ रखा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्यपाल पी सदाशिवम और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रजनीकांत, शरत कुमार, शिवकार्तिकेयन, धनुष, अभिनेत्री गौतमी तथा कई दूसरी फिल्मी हस्तियों ने भी श्रद्धांजलि दी। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने भी दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Saturday, December 3, 2016
अमेरिकी लड़की ने ईमेल से दर्ज की रेप की शिकायत, गाइड समेत पांच लोगों पर लगाया आरोप
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस में एक फाइव स्टार होटल में एक अमेरिकी टूरिस्ट के साथ कथित तौर पर गैंगरेप होने की खबर है। एक एनजीओ ने आरोप लगाया है कि कनॉट प्लेस में एक होटल में मार्च महीने में पांच लोगों ने एक अमेरिकी महिला टूरिस्ट के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया।
पुलिस के मुताबिक ई-मेल के जरिए एनजीओ से मिली शिकायत की जांच की जा रही है जिसमें कहा गया है कि पांच लोगों ने पर्यटन और यात्रा संबंधी कुछ काम के बहाने अमेरिकी महिला के कमरे में घुस कर उसके साथ गैंगरेप किया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला वापस अपने देश चली गई। वह डरी हुयी थी, इसलिए उसने पुलिस से संपर्क नहीं किया। शिकायत की जांच की जा रही है और जांच के बाद कुछ दिनों में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक ई-मेल के जरिए एनजीओ से मिली शिकायत की जांच की जा रही है जिसमें कहा गया है कि पांच लोगों ने पर्यटन और यात्रा संबंधी कुछ काम के बहाने अमेरिकी महिला के कमरे में घुस कर उसके साथ गैंगरेप किया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला वापस अपने देश चली गई। वह डरी हुयी थी, इसलिए उसने पुलिस से संपर्क नहीं किया। शिकायत की जांच की जा रही है और जांच के बाद कुछ दिनों में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
Friday, December 2, 2016
उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.2
नई दिल्ली : उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर गुरुवार रात मध्यम तीव्रता का भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.2 थी।
पृथ्वी
विज्ञान मंत्रालय की इकाई राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के मुताबिक, इस
भूकंप का केन्द्र उत्तराखंड में भारत और नेपाल सीमा पर था।अधिकारियों ने कहा कि यह भूकंप रात 10:22 बजे आया। इससे पहले दिन में हिमाचल प्रदेश में कुल्लू क्षेत्र में एक हल्का भूकंप आया था जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.3 थी। उन्होंने कहा कि यह भूकंप सुबह 4:12 बजे आया था।
बंगाल में सेना की तैनाती पर भड़कीं ममता, कहा-इमरजेंसी जैसे हालात
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग के बाद राज्य सचिवालय नबन्ना के पास स्थित टोल प्लाजा से सैन्य कर्मियों को देर रात हटा लिया गया. दूसरे हुगली पुल के टोल प्लाजा पर सैन्यकर्मियों के लिए बनाए गए एक अस्थायी शेड को भी हटा दिया गया है.
हालांकि सैन्यकर्मियों को हटाने के बारे में सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी भी नबन्ना में ही हैं, जिन्होंने टोल प्लाजा से सैन्यकर्मियों के हटने तक कार्यालय छोड़ने से इनकार कर दिया था.
ममता बनर्जी का आरोप है कि प्रदेश सरकार को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर पलसित और दानकुनी के दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है, जो 'अभूतपूर्व और गंभीर मुद्दा है.' राज्य सचिवालय से ममता ने कहा, 'राज्य सरकार को सूचित किए बगैर दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है. यह बहुत गंभीर स्थिति है, आपातकाल से भी खराब.' ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में ही रुके रहने का फैसला करते हुए कहा कि जब तक टोल प्लाजा से सेना नहीं हटाई जाती, वह तब तक वहां से नहीं जाएंगी.
यह अटकल गलत है कि टोल प्लाजा को नियंत्रण में ले रहे हैं : सेना
इससे पहले, देर रात सेना ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और समन्वय के साथ नियमित अभ्यास कर रही है. सेना की पूर्वी कमान ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, 'सेना पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और समन्वय के साथ नियमित अभ्यास कर रही है. यह अटकल गलत है कि सेना टोल प्लाजा का नियंत्रण ले रही है'. कोलकाता पुलिस ने हालांकि कहा कि उसने सेना के इस अभ्यास पर सुरक्षा कारणों और यातायात समस्या की वजह से आपत्ति जताई थी.
ममता का सवाल, क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?
हालांकि, ममता ने कहा, 'उनका इरादा राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है. मैंने निर्णय किया है कि जब तक सेना को इस सचिवालय के सामने से नहीं हटाया जाता है, मैं यहां से नहीं जाउंगी. मैं आज रात यहां ठहरूंगी. क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?'
ममता बोलीं- क्या यह संघीय व्यवस्था पर हमला है...
मुख्यमंत्री ने जानना चाहा, "क्या यह संघीय व्यवस्था पर हमला है. हम विस्तार में जानकारी चाहते हैं. मुख्य सचिव केंद्र को पत्र लिख रहे हैं. अवसर मिलने पर इस मुद्दे को लेकर मैं राष्ट्रपति से बात करूंगी. क्या देश में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है?" मुख्यमंत्री ने कहा, "सेना हमारी संपति है. हमें उन पर गर्व है. हमें बड़ी अापदाओं और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सेना की जरूरत होती है." उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानती कि क्या हुआ है. यदि छद्म अभ्यास है, तब भी राज्य सरकार को सूचित किया जाता है." ममता ने दावा किया कि टोल प्लाजा पर सेना तैनात होने के कारण लोगों में अफरा-तफरी है.
मैं पूरी स्थिति को करीब से देख रही हूं : ममता बनर्जी
ममता ने संवाददाताओं से कहा, 'वे (सेना) क्यों यहां खड़े हैं. पुलिस आयुक्त ने उन्हें जाने को कहा, लेकिन वे अब भी यहां खड़े हैं. मैं पूरी स्थिति को करीब से देख रही हूं. मैं अपने लोगों की संरक्षक हूं और जब तक सेना यहां खड़ी है, मैं सचिवालय से नहीं जा सकती'. ममता ने दावा किया, 'राज्य सरकार को सूचना दिए बगैर यहां सेना तैनात की गई है. यह अप्रत्याशित है और एक बहुत गंभीर मामला है'. उन्होंने कहा, 'यह सचिवालय एक संवेदनशील क्षेत्र है और टोल प्लाजा एक संवेदनशील जगह है. यहां सेना क्यों है? वे जो भी कारण दे रहे हैं, वह सही नहीं है. वे झूठ बोल रहे हैं. वे समय-समय पर अपने कारण बदल रहे हैं. गृह मंत्रालय के पास विभिन्न राज्यों में चल रहे वाहनों के संपूर्ण आंकड़े हैं'.
इस अभ्यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है : रक्षा प्रवक्ता
इससे पहले एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि लोड कैरियर्स के बारे में आंकड़ें हासिल करने के लिए सेना द्वारा देशभर में किए जाने वाले द्विवार्षिक अभ्यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है. संपर्क करने पर एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सेना साल में दो बार देशभर में ऐसा अभ्यास करती है, जिसका लक्ष्य सड़कों के भारवहन संबंधी आंकड़े एकत्र करना होता है, जिसके मुश्किल घड़ी में सेना को उपलब्ध कराया जा सके. विंग कमांडर एसएस बिर्दी ने कहा, "इसमें चौंकाने वाला कुछ भी नहीं है क्योंकि यह सरकारी आदेश के अनुसार होता है."
हालांकि सैन्यकर्मियों को हटाने के बारे में सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी भी नबन्ना में ही हैं, जिन्होंने टोल प्लाजा से सैन्यकर्मियों के हटने तक कार्यालय छोड़ने से इनकार कर दिया था.
ममता बनर्जी का आरोप है कि प्रदेश सरकार को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर पलसित और दानकुनी के दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है, जो 'अभूतपूर्व और गंभीर मुद्दा है.' राज्य सचिवालय से ममता ने कहा, 'राज्य सरकार को सूचित किए बगैर दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है. यह बहुत गंभीर स्थिति है, आपातकाल से भी खराब.' ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में ही रुके रहने का फैसला करते हुए कहा कि जब तक टोल प्लाजा से सेना नहीं हटाई जाती, वह तब तक वहां से नहीं जाएंगी.
यह अटकल गलत है कि टोल प्लाजा को नियंत्रण में ले रहे हैं : सेना
इससे पहले, देर रात सेना ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और समन्वय के साथ नियमित अभ्यास कर रही है. सेना की पूर्वी कमान ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, 'सेना पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और समन्वय के साथ नियमित अभ्यास कर रही है. यह अटकल गलत है कि सेना टोल प्लाजा का नियंत्रण ले रही है'. कोलकाता पुलिस ने हालांकि कहा कि उसने सेना के इस अभ्यास पर सुरक्षा कारणों और यातायात समस्या की वजह से आपत्ति जताई थी.
ममता का सवाल, क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?
हालांकि, ममता ने कहा, 'उनका इरादा राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है. मैंने निर्णय किया है कि जब तक सेना को इस सचिवालय के सामने से नहीं हटाया जाता है, मैं यहां से नहीं जाउंगी. मैं आज रात यहां ठहरूंगी. क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?'
ममता बोलीं- क्या यह संघीय व्यवस्था पर हमला है...
मुख्यमंत्री ने जानना चाहा, "क्या यह संघीय व्यवस्था पर हमला है. हम विस्तार में जानकारी चाहते हैं. मुख्य सचिव केंद्र को पत्र लिख रहे हैं. अवसर मिलने पर इस मुद्दे को लेकर मैं राष्ट्रपति से बात करूंगी. क्या देश में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है?" मुख्यमंत्री ने कहा, "सेना हमारी संपति है. हमें उन पर गर्व है. हमें बड़ी अापदाओं और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सेना की जरूरत होती है." उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानती कि क्या हुआ है. यदि छद्म अभ्यास है, तब भी राज्य सरकार को सूचित किया जाता है." ममता ने दावा किया कि टोल प्लाजा पर सेना तैनात होने के कारण लोगों में अफरा-तफरी है.
मैं पूरी स्थिति को करीब से देख रही हूं : ममता बनर्जी
ममता ने संवाददाताओं से कहा, 'वे (सेना) क्यों यहां खड़े हैं. पुलिस आयुक्त ने उन्हें जाने को कहा, लेकिन वे अब भी यहां खड़े हैं. मैं पूरी स्थिति को करीब से देख रही हूं. मैं अपने लोगों की संरक्षक हूं और जब तक सेना यहां खड़ी है, मैं सचिवालय से नहीं जा सकती'. ममता ने दावा किया, 'राज्य सरकार को सूचना दिए बगैर यहां सेना तैनात की गई है. यह अप्रत्याशित है और एक बहुत गंभीर मामला है'. उन्होंने कहा, 'यह सचिवालय एक संवेदनशील क्षेत्र है और टोल प्लाजा एक संवेदनशील जगह है. यहां सेना क्यों है? वे जो भी कारण दे रहे हैं, वह सही नहीं है. वे झूठ बोल रहे हैं. वे समय-समय पर अपने कारण बदल रहे हैं. गृह मंत्रालय के पास विभिन्न राज्यों में चल रहे वाहनों के संपूर्ण आंकड़े हैं'.
इस अभ्यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है : रक्षा प्रवक्ता
इससे पहले एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि लोड कैरियर्स के बारे में आंकड़ें हासिल करने के लिए सेना द्वारा देशभर में किए जाने वाले द्विवार्षिक अभ्यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है. संपर्क करने पर एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सेना साल में दो बार देशभर में ऐसा अभ्यास करती है, जिसका लक्ष्य सड़कों के भारवहन संबंधी आंकड़े एकत्र करना होता है, जिसके मुश्किल घड़ी में सेना को उपलब्ध कराया जा सके. विंग कमांडर एसएस बिर्दी ने कहा, "इसमें चौंकाने वाला कुछ भी नहीं है क्योंकि यह सरकारी आदेश के अनुसार होता है."
Thursday, December 1, 2016
ममता बनर्जी का विमान आसमान में चक्कर लगाता रहा, तृणमूल कांग्रेस ने षड्यंत्र का आरोप लगाया
कोलकाता: कोलकाता स्थित एनएससीबीआई हवाईअड्डे पर बुधवार रात निजी एयरलाइन कंपनी का एक विमान आधे घंटे से अधिक समय तक शहर के आसमान में चक्कर लगाता रहा जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सवार थीं. इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि यह पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी को मारने का एक षड्यंत्र था.
एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि विमान ने पटना से निर्धारित समय से एक घंटे देरी से शाम सात बजकर 35 निनट पर उड़ान भरी और यहां तकनीकी कारणों से आसमान में आधे घंटे से अधिक समय तक चक्कर लगाने के बाद रात नौ बजे से कुछ समय पहले उतर गया. अधिकारियों ने कहा कि किसी भी हवाईअड्डे पर ऐसी घटना कोई नई बात नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम, ममता के साथ उसी विमान में थे. उन्होंने यद्यपि विमान के उतरने के लिए एटीसी से ''अनुमति मिलने में देरी'' पर कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री को मारने का एक षड्यंत्र है.
हकीम ने दावा किया कि पायलट ने कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर घोषणा की कि विमान पांच मिनट के भीतर उतर जाएगा, विमान अंतत: आधे घंटे से अधिक समय बाद उतरा.
उन्होंने कहा, ''पायलट ने विमान को उतारने के लिए एटीसी से अनुमति मांगी क्योंकि विमान में ईंधन कम था लेकिन एटीसी ने विमान को रोके रखा.'' हकीम ने कहा, ''यह और कुछ नहीं बल्कि हमारे मुख्यमंत्री की हत्या का षड्यंत्र था क्योंकि उन्होंने नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाई है और जनविरोधी निर्णय के खिलाफ जन आंदोलन के लिए देश का दौरा कर रही हैं.'' संपर्क किए जाने पर एटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है.
एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि विमान ने पटना से निर्धारित समय से एक घंटे देरी से शाम सात बजकर 35 निनट पर उड़ान भरी और यहां तकनीकी कारणों से आसमान में आधे घंटे से अधिक समय तक चक्कर लगाने के बाद रात नौ बजे से कुछ समय पहले उतर गया. अधिकारियों ने कहा कि किसी भी हवाईअड्डे पर ऐसी घटना कोई नई बात नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम, ममता के साथ उसी विमान में थे. उन्होंने यद्यपि विमान के उतरने के लिए एटीसी से ''अनुमति मिलने में देरी'' पर कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री को मारने का एक षड्यंत्र है.
हकीम ने दावा किया कि पायलट ने कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर घोषणा की कि विमान पांच मिनट के भीतर उतर जाएगा, विमान अंतत: आधे घंटे से अधिक समय बाद उतरा.
उन्होंने कहा, ''पायलट ने विमान को उतारने के लिए एटीसी से अनुमति मांगी क्योंकि विमान में ईंधन कम था लेकिन एटीसी ने विमान को रोके रखा.'' हकीम ने कहा, ''यह और कुछ नहीं बल्कि हमारे मुख्यमंत्री की हत्या का षड्यंत्र था क्योंकि उन्होंने नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाई है और जनविरोधी निर्णय के खिलाफ जन आंदोलन के लिए देश का दौरा कर रही हैं.'' संपर्क किए जाने पर एटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है.
PoK के शरणार्थियों के लिए 2000 करोड़ के पैकेज को कैबिनेट ने दी मंजूरी
नई दिल्ली : मोदी सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से आए शरणार्थियों के लिए 2000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणआ की है। ये पैकेज विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पैकेज वितरण के लिए 36,348 परिवारों की पहले ही पहचान कर ली है जिसके तहत प्रत्येक परिवार को लगभग साढ़े 5 लाख रुपए मिलेंगे।
पश्चिमी पाकिस्तान, ज्यादातर POK से आए शरणार्थी जम्मू, कठुआ और राजौरी जिलों के विभिन्न हिस्सों में बस गए हैं। हालांकि वे जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य के स्थाई निवासियों की श्रेणी में नहीं आते। कुछ परिवार 1947 में भारत के बंटवारे के समय विस्थापित हो गए थे और अन्य परिवार 1965 तथा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्धों के दौरान विस्थापित हुए थे। विस्थापित लोग लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव में वे वोट नहीं डाल सकते।
अगस्त में POK के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू कश्मीर शरणार्थी कार्य समिति (जेकेएसएसी) ने सरकार से 9,200 करोड़ रुपये मांगे थे। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की समस्याओं पर विचार करने के बाद मोदी सरकार ने जनवरी 2015 में शरणार्थियों के लिए कुछ रियायतें मंजूर की थीं। रियायतों में इन लोगों को अर्धसैनिक बलों में भर्ती करने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने, राज्य में समान रोजगार अवसर उपलब्ध कराने, शरणार्थियों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला देने जैसे कई कदम शामिल हैं।
पश्चिमी पाकिस्तान, ज्यादातर POK से आए शरणार्थी जम्मू, कठुआ और राजौरी जिलों के विभिन्न हिस्सों में बस गए हैं। हालांकि वे जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य के स्थाई निवासियों की श्रेणी में नहीं आते। कुछ परिवार 1947 में भारत के बंटवारे के समय विस्थापित हो गए थे और अन्य परिवार 1965 तथा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्धों के दौरान विस्थापित हुए थे। विस्थापित लोग लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव में वे वोट नहीं डाल सकते।
अगस्त में POK के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू कश्मीर शरणार्थी कार्य समिति (जेकेएसएसी) ने सरकार से 9,200 करोड़ रुपये मांगे थे। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की समस्याओं पर विचार करने के बाद मोदी सरकार ने जनवरी 2015 में शरणार्थियों के लिए कुछ रियायतें मंजूर की थीं। रियायतों में इन लोगों को अर्धसैनिक बलों में भर्ती करने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने, राज्य में समान रोजगार अवसर उपलब्ध कराने, शरणार्थियों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला देने जैसे कई कदम शामिल हैं।
उत्तर भारत में दूसरे दिन भी छाया कोहरा, सड़क, रेल व हवाई यातायात प्रभावित
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में आज लगातार दूसरे दिन भी घना कोहरा छाया हुआ है। दिल्ली सहित आसपास के कई इलाके घने कोहरे में लिपटे हुए हैं। घने कोहरे की वजह से रेल और विमान सेवाओं पर भी असर पड़ा हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम देखी गई जिसकी वजह से उड़ानों को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। इस दौरान 50 उड़ानों को रोक दिया गया।
कुछ देर बाद जब दिल्ली एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी थोड़ी ठीक हुई तब जाकर विमानों का परिचालन शुरू हुआ जिसमें पांच फ्लाइट्स का रूट बदला गया। कोहरे की वजह से कई फ्लाइट्स में देरी हुई है। दूसरी तरफ घने कोहरे से रेल सेवा भी प्रभावित हुई है। दिल्ली आनेवाली 60 से ज्यादा ट्रेनें देरी से चल रही है। दिल्ली से जानेवाली 25 ट्रेनें देरी से चल रही है। साथ ही 5 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। रेल और विमान सेवाओं के अलावा सड़कों की रफ्तार भी काफी धीमी हो गई है। सड़कों पर दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में गाड़ियां तकरीबन रेंग रही है।
कुछ देर बाद जब दिल्ली एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी थोड़ी ठीक हुई तब जाकर विमानों का परिचालन शुरू हुआ जिसमें पांच फ्लाइट्स का रूट बदला गया। कोहरे की वजह से कई फ्लाइट्स में देरी हुई है। दूसरी तरफ घने कोहरे से रेल सेवा भी प्रभावित हुई है। दिल्ली आनेवाली 60 से ज्यादा ट्रेनें देरी से चल रही है। दिल्ली से जानेवाली 25 ट्रेनें देरी से चल रही है। साथ ही 5 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। रेल और विमान सेवाओं के अलावा सड़कों की रफ्तार भी काफी धीमी हो गई है। सड़कों पर दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में गाड़ियां तकरीबन रेंग रही है।
तमिलनाडु नाडा तूफान से निपटने को तैयार, NDRF की टीमें तैनात
चेन्नई: तमिलनाडु खुद को तूफान नाडा से निपटने के लिए तैयार कर रहा है, जिसके 2 दिसंबर को राज्य के उत्तरी तटीय क्षेत्र को पार करने की संभावना है. तटीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें तैनात की जा रही हैं.
राज्य सरकार ने यहां एक विज्ञप्ति में तैयारियों के बारे में जानकारी दी. यह उल्लेख करते हुए कि मौसम विभाग ने उसे सूचना दी है कि चक्रवाती तूफान नाडा के उत्तरी तमिलनाडु तट को 2 दिसंबर की सुबह पार करने की संभावना है, सरकार ने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को अलर्ट कर दिया गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
राज्य सरकार ने यहां एक विज्ञप्ति में तैयारियों के बारे में जानकारी दी. यह उल्लेख करते हुए कि मौसम विभाग ने उसे सूचना दी है कि चक्रवाती तूफान नाडा के उत्तरी तमिलनाडु तट को 2 दिसंबर की सुबह पार करने की संभावना है, सरकार ने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को अलर्ट कर दिया गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
नोटबंदी के बाद हवाला डीलरों और करेंसी एक्सचेंजों के 40 ठिकानों पर ईडी ने मारे छापे, 1.2 करोड़ रुपये की नकदी जब्त
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटबंदी के मद्देनजर करेंसी एक्सचेंजों, हवाला डीलरों व अन्य के पास कालेधन की थाह पाने के लिए आज देश भर में 40 स्थानों पर तलाशी ली और 1.2 करोड़ रपये की नकदी जब्त की।
एजेंसी ने नई दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित एक निजी बैंक के अधिकारियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। पुराने नोटों को बदलने में कथित अनियमितताओं के लिए आयकर विभाग ने हाल ही में इस बैंक की जांच की थी।
अधिकारियों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने आज के अभियान में लगभग 20 लाख रुपये मूल्य के पुराने नोट, एक करोड़ रुपये मूल्य के नये नोट व 50 लाख रुपये के विदेशी मुद्रा विनिमय से जुड़े कागजात जब्त किए हैं।
उन्होंने कहा कि पुराने नोटों की अवैध अदला-बदली में लगे हवाला डीलरों और करेंसी एक्सचेजों के यहां से सारी नकदी व दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। यह कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, गांधीनगर व बेंगलुरू में विभिन्न स्थानों पर की गई।
पूर्वी भारत में जिन स्थानों पर तलाशी ली गई उनमें कोलकाता में छह, भुवनेश्वर, पारादीप व गुवाहाटी में दो-दो जगह शामिल हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने कोलकाता में एक चिकित्सक के परिसर से 10 लाख रुपये की नकदी नये नोटों में जब्त की है।
एजेंसी ने नई दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित एक निजी बैंक के अधिकारियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। पुराने नोटों को बदलने में कथित अनियमितताओं के लिए आयकर विभाग ने हाल ही में इस बैंक की जांच की थी।
अधिकारियों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने आज के अभियान में लगभग 20 लाख रुपये मूल्य के पुराने नोट, एक करोड़ रुपये मूल्य के नये नोट व 50 लाख रुपये के विदेशी मुद्रा विनिमय से जुड़े कागजात जब्त किए हैं।
उन्होंने कहा कि पुराने नोटों की अवैध अदला-बदली में लगे हवाला डीलरों और करेंसी एक्सचेजों के यहां से सारी नकदी व दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। यह कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, गांधीनगर व बेंगलुरू में विभिन्न स्थानों पर की गई।
पूर्वी भारत में जिन स्थानों पर तलाशी ली गई उनमें कोलकाता में छह, भुवनेश्वर, पारादीप व गुवाहाटी में दो-दो जगह शामिल हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने कोलकाता में एक चिकित्सक के परिसर से 10 लाख रुपये की नकदी नये नोटों में जब्त की है।
Wednesday, August 27, 2014
सिर्फ नर्मदे हर नही....
नर्मदा का उद्गम
कुण्ड इस कदर गन्दा है कि उसके जल को छूने तक की इच्छा नहीं होती । कुण्ड के आसपास
भी गंदगी का साम्राज्य है । कतिपय आदिवासी एवं अन्य जातियों के लोग प्रथा के
अनुसाद मुर्दों को पत्थर से बाँधकर पानी में फेंक देते हैं । बडे-बडे नगरों जैसे
मंडला, जबलपुर, होशंगाबाद आदि में भी लोग शव अधजले या
यों ही, नदी में में
प्रवाहित कर देते हैं । जलाऊ लकडी की कमी और उसके बढते मूल्य इसके प्रमुख कारण हैं
। अन्धपरम्परा, अशिक्षा, अज्ञानता और धर्मान्धता के साथ-साथा, व्यवस्था का अभाव भी इस प्रदूषण के पीछे
कारण है ।
अमरकण्टक मे
नर्मदा कुन्ड में स्नान आदि पर तुरंत प्रतिबंध लगना चाहिए । विकल्प के रूप में
थोडी दूर पर एक अन्य कुण्ड का निर्माण इस प्रयोजन के लिए कराया जा सकता है ।
नीलकंठ में नर्मदाकेवल प्राकृतिक संपदा का अनवरत दोहन अथवा
औद्योगीकरण की प्रवृत्ति ही नर्मदा-प्रदूषण के कारण नहीं हैं । बल्कि गंदगी या
गन्दे पानी के निकास की समुचित व्यवस्था का न होना भी एक प्रमुख कारण है और यह
नर्मदा तट पर बसे हर कस्बे या नगर का हाल है । डंडोरी में बस स्टैण्ड के पीछे
नर्मदा तट पर गंदगी देखकर मन कुत्सा और घृणा से भर जाता है । सारी गंदगी सीधे
नर्मदा में बहाई जाती है इसी तरह जबलपुर के ग्वारीघाट और दरोगाघाट के आसपास एकदम
नदी तट पर गंदगी का ढेर है । जबलपुरमे तो नर्मदा के कोर एरिया मे जमकर निर्माण
कार्य भी हुआ है,होशंगाबाद में कोरीघाट और सेठानीघाट के बीच में एक नाले के
माध्यम से करीब-करीब पूरे शहर का गंदा पानी नर्मदा में गिरता है । जिस स्थान पर
गंदे पानी का झरना झरता है उसके थोडी ही दूर (सेठानी घाट में) लोग नहाते-धोते हैं
। कितनी अस्वास्थ्यकर और भयावह स्थिति है यह !
इन्दौर-खण्डवा
मार्ग पर पश्चिम निमाड जिले का औद्योगिक नगर बडवाह और उसके समीपवर्ती ग्रामीण
क्षेत्र प्रदूषण के घेरे में आ गए हैं । नगर के पूर्वी छोर पर शराब कारखाना, उत्तर दिशा में लगभग तीन कि0मी0 तक चूना उद्योग एवं दक्षिण में एनकाप्स
संयंत्र ने यहाँ के पर्यावरण को प्रभावित किया है । शराब कारखाने से निकलने वाला
अनुपयोगी पानी कारखाने से करीब दो सौ मीटर दूर जाकर चोरल नदी में गिरता है और चोरल
उसे दो कि0मी0 आगे चलकर नर्मदा में गिरा देती है । इस पानी के प्रयोग से
चर्मरोग की शिकायतें प्रकाश में आई हैं । कारखाने के आसपा गड्ढों में जमा पानी जब
मवेशी पीते हैं तो उनका पेट ढोलक की तरह फूलने लगता है ।
नर्मदा में
सर्वाधिक गंदगी भडौंच में दिखती है । शहर की सारी गंदगी सीधे नर्मदा में गिरती है
। मछली उद्योग संभवतः यहाँ सर्वाधिक होता है । मछुआरे नर्मदा तट पर ही बसे हैं ।
गंदगी में डूबी नर्मदा और गंदगी में रात-दिन जी रहीं ये गरीब जातियाँ ! और वहां बगल
में तामम पौराणिक तीर्थ ! भडौंच मल-मूत्र और गंदगी के बीच तीर्थों का एक बेमेल
पडाव है । दाण्डिया बाजार में स्वामीनारायण मंदिर के पास रैलवे पुल से करीब आधे
मील की दूर पर नर्मदा तट पर स्थित भृगु आश्रम नाम मात्र का आश्रम रह गया है ।
चारों ओर गंदगी की भरमार है । नाक दबाकर मानव मल लांघते किसी तरह आश्रम के भीतर जा
पाना संभव है ।
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