Tuesday, August 13, 2024

जानिए एमपी में मंत्रियो को दिए गए जिलों के प्रभार के समीकरण

मध्य प्रदेश में मंत्रियों को जिलों के प्रभार दिए गए हैं जिलों के प्रभार में मंत्रियों की सीनियरिटी की बजाय उनकी कनेक्टिविटी का ध्यान रखा गया है,, यही कारण है की बड़े मंत्रियों के हिस्से में महानगर नहीं आए हैं मध्य प्रदेश के मंत्रियों को जो जिले के प्रभाव दिए गए हैं उनमें सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय जैसे मंत्रियों को महानगर नही दिए गए है ,,महिला मंत्रियो को पड़ोस के जिले तो वही अन्य मंत्रियो को जातिगत समीकरण के हिसाब से आवंटन हुए है,सिंधिया समर्थकों को सिंधिया के प्रभाव के जिले दिए गए है ,,आइये जानते है किस मंत्री को किस जिले का प्रभार क्यो दिया गया मंत्री प्रभार के जिले डॉ. मोहन यादव इंदौर -प्रदेश की आर्थिक राजधानी ,और सीएम का पड़ोसी जिला जगदीश देवड़ा- जबलपुर, देवास -डिप्टी सीएम होने के नाते महानगर का प्रभार ,, राजेन्द्र शुक्ल सागर, शहडोल-डिप्टी सीएम के कद देखते हूए सागर जिले का प्रभार,, शहडोल रीवा का पड़ोसी जिला विजय शाह/रतलाम, झाबुआ-रतलाम झाबुआ लोकसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है और विजय शाह सरकार में सबसे सीनियर आदिवासी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय-सतना, धार -कद के अनुरूप नही मिले जिले ,धार इंदौर का पड़ोसी जिला और विधानसभा क्षेत्र की सीमा से जुड़ा है प्रहलाद पटेल-भिंड, रीवा -प्रह्लाद पटेल कर सकते है बदलाव की मांग ,हालांकि रीवा प्रदेश का पांचवा सबसे बड़ा शहर राकेश सिंह -छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम-दोनो ही जिलों में प्रभाव,, नर्मदा नदी से भावनात्मक जुड़ाव करण सिंह वर्मा-मुरैना, सिवनी-कारण सिंह वर्मा के लिए बन सकती है मुश्किल ,शिवराज के करीबी को भेजा दिग्गजों के क्षेत्र में उदय प्रताप सिंह-बालाघाट, कटनी -कटनी गृह जिले नरसिंहपुर का करीबी जिला लेकिन बालाघट से कोई कनेक्ट नही संपतिया उइके -सिंगरौली, आलीराजपुर-आदिवासी चेहरा होने के नाते आदिवासी जिले अलीराजपुर का प्रभार तुलसी सिलावट ग्वालियर, बुरहानपुर-पिछली बार भी थे ग्वालियर के प्रभारी ,सिंधिया के।करीबी होने के चलते दुबारा ग्वालियर की जिम्मेदारी एदल सिंह कंसान-दतिया, छतरपुर पड़ोसी जिले के साथ साथ पुराने विधायक मित्र के जिले की जिम्मेदारी निर्मला भूरिया-मंदसौर, नीमच -दोनो ही जिले गृह जिले झाबुआ के पड़ोसी क्षेत्र गोविंद सिंह राजपूत नरसिंहपुर, गुना-सिंधिया समर्थक होने के कारण गुना की और नरसिंहपुर गृह जिले से लगा है विश्वास सारंग-खरगोन, हरदा-सीएम्ब्से दूरियों के चलते नही पा।पाए मनमाफिक जिला नारायण सिंह कुशवाह-शाजापुर, निवाड़ी -कार्यशैली से सक्रिय मंत्री नही इसीलिए छोटे जिलों की जिम्मेदारी नागर सिंह चौहान-आगर, उमरिया -सीएमनके खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलना पड़ा भारी ,आदिवासी चेहरा होने के नाते उमरिया का प्रभार प्रद्युम्न सिंह तोमर-शिवपुरी, पाढूर्णा-सिंधिया के करीबी होने के नाते उनके लोकसभा क्षेत्र के जिले शिवपुरी का प्रभार चैतन्य कुमार काश्यप-भोपाल, राजगढ़-सीएम के करीबी होने का बड़ा फायदा मिला ,,राजधानी भोपाल के प्रभार में बड़े दावेदारों को पछाड़ा इंदर सिंह परमार-पन्ना, बड़वानी-सीएम से दूरियां रही है चर्चा में ,वीडी शर्मा के क्षेत्र के प्रभारी बने राकेश शुक्ला-श्योपुर, अशोकनगर-सिंधिया के करीबी नेता को सिन्धिया के लोकसभा क्षेत्र के जिले का प्रभार रामनिवास रावत -मंडला, दमोह-वनमंत्री होने के चलते मंडला की जिम्मेदारी कृष्णा गौर -सीहोर, टीकमगढ़-महिला नेत्री होनेके चलते गृह जिले केकरीबी जिले सीहोर का प्रभार,, टीकमगढ़ यादव बाहुल्य धर्मेन्द्र सिंह लोधी -खंडवा-धर्म और पर्यटन की दृष्टि से विभागीय रुप से महत्वपूर्ण जिला दिलीप जायसवाल-सीधी- गृह जिले अनुपपुर का।पड़ोसी जिला गौतम टेटवाल/उज्जैन-सीएम ने अपने गृह जिले में दी।अपने करीबी को जिम्मेदारी लखन पटेल-विदिशा, मऊगंज-गृह जिले का पड़ोसी जिला और मऊगंज पटेल बाहुल्य नारायण सिंह पवार-रायसेन/पड़ोसी जिला और जातिगत समीकरण के लिहाज से उपयुक्त नरेन्द्र शिवाजी पटेल-बैतूल-जातिगत समीकरणों के लिहाज से आवंटन प्रतिमा बागरी-डिंडौरी-कम अनुभव के चलते छोटे जिले।की जिम्मेदारी दिलीप अहिरवार अनूपपुर- अनुभव की कमी के चलते छोटे जिले की जिम्मेदारी राधा सिंह-मैहर- अनुभव की कमी के चलते नए जिले।की जिम्मेदारी

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