Friday, February 23, 2024

महाकाल का उज्जैन,उज्जैन के मोहन

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने क्षेत्र उज्जैन को पूर्ण विकसित करने की तैयारी कर ली है अब विक्रम उत्सव के साथ ही उज्जैन में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन हो रहा है, डॉ मोहन यादव तैयारी का जायजा लेने के लिए गुरुवार को उज्जैन पहुंचे, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन में विगत कई वर्षों से विक्रमोत्सव का आयोजन हो रहा है। सम्राट विक्रमादित्य 2 हजार साल पहले एक अद्वितीय राजपुरूष हुए। जिनको पूरे देश में अत्यंत श्रद्धा से स्मरण किया जाता है। राजा विक्रमादित्य का सुशासन, 32 पुतलियों का शासन, उनका सिंहासन, उनके शासन के विभिन्न प्रकार के नवरत्नों को स्मरण किया जाता है। उसी आयोजन को राज्य शासन के माध्यम से लगभग 20 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इसबार इसी का विस्तृत रूप आप सबके सामने आएगा। उज्जैन में आयोजित होने वाला विक्रमोत्सव में न केवल विक्रम महोत्सव मनेगा, बल्कि विक्रम व्यापार मेला भी स्थापित होगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि केवल अधोसंरचना पर काम करने से काम नहीं चलेगा, अधोसंरचना के साथ-साथ सभी प्रकार की व्यापार की गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसलिए प्रदेशभर में क्षेत्रीय समिट भी चालू कर रहे हैं जिसकी शुरुआत उज्जैन से होगी। आने वाले समय में ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, टीकमगढ़ और सागर क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार के जहां-जहां उद्योग व्यापार की संभावना है, सभी जगह इस प्रकार की समिट लगाते हुए विकास को समान रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा हर वर्ष उज्जैन में दीपज्योति अर्पणम का विश्व रिकॉर्ड मनाया जाता है, इस वर्ष भी उसकी तैयारी बहुत अच्छे से की जा रही है। सांस्कृतिक मंत्रालय, विक्रमादित्य शोधपीठ के माध्यम से गुड़ी पड़वा के अवसर पर इस आयोजन को करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में 25 लाख दीपक लगाने का निर्णय किया गया है। इस आयोजन में सरकार के साथ पूरा समाज खड़ा होता है, लगभग 25 हजार से ज्यादा लोग मिलकर के मां क्षिप्रा के किनारे दीप प्रज्वलित करने के लिए अपने घरों से आते हैं। समाज के साथ जुड़कर जो कार्यक्रम होता है उसका आनंद ही अलग होता है।

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