Thursday, March 18, 2021
मलैया बढ़ाएंगे भाजपा की मुश्किल
भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया दमोह उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की परेशानी बढ़ाते नजर आ रहे हैं , दरअसल पिछले चुनाव में कांग्रेस से टिकट पर चुनाव लड़ने वाले राहुल लोधी ने जयंत मलैया को मात दी थी इसके बाद लोधी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए और अब उनके द्वारा खाली की गयी सीट पर भाजपा ने लोधी को ही प्रत्याशी बना दिया है मलैया इस बात से नाराज हैं कि सिर्फ उनका टिकट ही नहीं काटा गया बल्कि राहुल लोधी को टिकट देने से पहले पार्टी ने उनसे बात भी नहीं की
ठीक एक माह बाद होने वाले दमोह के दंगल यानी उपचुनाव में दोनों ही पार्टियों की मुसीबतें कम नजर नहीं आ रही है भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ा खतरा पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया बने है, वे खुद तो पर्दे के पीछे हैं, लेकिन बेटे सिद्धार्थ को आगे कर दिया है ,, हालांकि भाजपा ने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि प्रत्याशी तो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राहुल लोधी ही होंगे
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस मलैया के बहाने गद्दार के मुद्दे को भुनाने में लग गई है कांग्रेस ने पिला दी जरूर कहा है की प्रत्याशी कांग्रेस से ही होगा लेकिन मलैया को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है
दमोह विधानसभ का इतिहास
अब तक हुए 15 चुनाव में 6 बार बीजेपी के जयंत मलैया जीते हैं
वहीं दूसरी ओर 7 बार कांग्रेस का उम्मीदवार और 2 बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है
राहुल लोधी ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार रहे हैं जो पिछड़े वर्ग से होते हुए यहां जीत पाए हैं
इससे पहले कांग्रेस की ओर से बहुसंख्यक ब्राह्मण नेताओं ने जीत दर्ज की इनमें प्रभु नारायण टंडन, चंद्र नारायण टंडन और मुकेश नायक के नाम प्रमुख हैं
राहुल लोधी के बीजेपी में शामिल होने के बाद से जयंत मलैया ने उनके साथ मंच साझा नहीं किया है,, गौरतलब है कि दमोह के विधायक रहे राहुल लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया , यानी भाजपा के लिए मुकाबले में परीस्थितियां आसान नहीं है,, लेकिन ऐसी ही परिस्थितियों के बावजूद सांची में प्रभुराम चौधरी ने रिकार्ड वोटों से जीत हासिल की थी, जहां भाजपा के दिग्गज गौरीशंकर शेजवार , प्रभराम चौधरी का विरोध कर रहे थे
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