Tuesday, October 27, 2020
उपचुनाव में कहाँ चूके चौहान !
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान लगभग हार मान चुके हैं,,,यह इस बात से भी साफ दिख रहा है कि उन्होंने आखिरी समय में फिर एक बार कांग्रेस को ही विधायकों को तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है,, जहां खुद शिवराज सिंह चौहान और भाजपा यह मान रही है कि कांग्रेस के विधायकों को लेने से भाजपा की छवि खराब हो रही है ,, बावजूद उसके राहुल लोधी को भाजपा पार्टी में शामिल करने को मजबूर रही ,,,असल में तो शिवराज सिंह चौहान की सबसे बड़ी मुश्किल ज्योतिरादित्य सिंधिया ही साबित हो रहे हैं ,,, ना खुद शिवराज सिंह चौहान ना ही सिंधिया और ना ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सिंधिया समर्थक प्रत्याशियों के लिए जनता के बीच जा पा रहे हैं ,,,हर जगह गद्दारों के नाम से नवाजे गए सिंधिया समर्थकों के लिए वोट मांग पाना भाजपा के लिए मुश्किल साबित हो रहा है ,,असल में शिवराज सिंह चौहान को यह उम्मीद नहीं थी की परिस्थितियां इस तरीके से उनके खिलाफ चली जाएंगी वहीं दूसरी तरफ देखें तो अमित शाह और मोदी ने मध्य प्रदेश का पूरा जिम्मा शिवराज सिंह चौहान के कंधों पर सौंप दिया है ,,ऐसे में शिवराज को उनके साथी नेताओं का समर्थन भी नहीं मिल पा रहा कभी शिवराज सिंह चौहान के संकटमोचक रहे नरेंद्र सिंह तोमर ,कैलाश विजयवर्गीय ,प्रभात झा और नरोत्तम मिश्रा जैसे नेताओ ने अपने आप को इस चुनाव प्रचार से लगभग अलग कर रखा है और यही कारण है कि ग्वालियर चंबल में 16 में से 14 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की हालत खस्ता हो गई है.....
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