विधानसभा सत्र के पहले अचानक बढ़ा सियासती पारा जनवरी के तापमान की तरह अचानक ठंडा पड़ गया है जब कमलनाथ के बंगले पर हुई बैठक में कुल 121 विधायको की मौजूदगी सामने आई...इस तरह से अब ये तय हो गया है कि कांग्रेस के एन पी प्रजापति का विधानसभा अध्यक्ष बनना भी तय हो गया है ..बड़ी बात ये है कि इस सबका बड़ा कारण ये माना जा रहा है कि बी जे पी में इन दिनों गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है और अंदरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक एम पी बी जे पी के कई बड़े नेता पार्टी को साधने की बजाय सी एम कमलनाथ को साधने में लगे हैं.. नेता प्रतिपक्ष के लिए अगर शिवराज सिंह चौहान की राय को तवज्जो नहीं दी गयी तो माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं... कमलनाथ की बढ़ती ताकत के सामने ये भी साफ नजर आया कि अब निर्दलीय और बी एस पी के विधायक भी सरेंडर करते नजर आए....बी एस पी के एक विधायक ये कहते भी नजर आए की उनसे बी जे पी के कुछ नेता मिलने भी आये थे...इन तमाम हलचलों के बीच जो बढ़ी खबर आ रही है वो ये है कि 11 जनवरी के बाद सी एम कमलनाथ कुछ बहुत बड़े और चौंकाने वाले फैसले लेंगें....
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