7 जनवरी से विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है लेकिन उसके ठीक पहले दोनो पार्टियो ने एक दूसरे के विधायकों पर डोरे डालना शुरू कर दिया है बताया जा रहा है कि बी जे पी के 5 विधायक कांग्रेस के संपर्क में है वही कांग्रेस के दो विधायक और एक निर्दलीय बी जे पी के सम्पर्क में है .दोनों ही पार्टियो ने बी एस पी और सपा पर नजरें भी ठिकाये रखी है कांग्रेस के लिए अंदरूनी गुटबाजी भी थोड़ा सरदर्द बनी हुई है लेकिन कमलनाथ पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे हैं... खबर ये भी है कि बी एस पी के दोनो विधायक व्यक्तिगत रूप से कमलनाथ के संपर्क में है...राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक इस समय कांग्रेस के ही दो बड़े नेता सीएम कमलनाथ पर अपना दबाव बना रहे हैं इसका बड़ा कारण ये भी है कि सी एम ईमानदार और बेहतर काम करने वालो को बड़ी जिम्मेदारी देना चाहते हैं लेकिन ये दोनों ही नेता अपने अपने समर्थकों को मलाईदार विभाग और जिम्मेदारियां दिलवाना चाहते हैं इन सबके बीच खबर ये भी है कि बी जे पी में भी आंतरिक गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है एम पी में अधिकांश विधायक शिवराज के साथ हैं लेकिन अमित शाह एम पी में किसी नए चेहरे को आगे बढ़ाना चाहते है हालांकि अभी तक ये तय नही हो पाया है कि ये जोड़ तोड़ सिर्फ अध्यक्ष पद के लिए है या इसके पीछे की कहानी कुछ और है पर बी जे पी की चुप्पी को तूफान के पहले की शांति भी माना जा रहा है, यही कारण है कि इन दिनों एम पी की राजनीति पूरी तरह अनिश्चितता और अस्थिरता की दिख रही है...
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