#kamalnath #amitshah #pmmodi #bjp #inc
एम पी में सोशल मीडिया पर इन दिनों जिस तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं उसमें कई भाजपाई कार्यकर्ताओ ने लिखा है कि शिवराज की बजाय मोदी -शाह की जोड़ी का साथ कमलनाथ को ज्यादा मिला..जिस तरह से विधानसभा चुनावों के दौरान अमित शाह और योगी के विवादित बयान आये उसका भी लोग जिक्र करते नजर आ रहे हैं.... मालवा को लेकर भी एक तबके का मानना ये है की बी जे पी के एक बड़े नेता ने वहाँ भी कांग्रेस से सेटिंग कर डाली...लोगो का मानना ये भी है कि एम पी में कमलनाथ सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है इसका बड़ा कारण सी एम नाथ के कारपोरेट सम्बन्धो को माना जा रहा है ये भी माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार को सेफ करने में अडानी-अम्बानी भी एक बड़े रोल में है जिनके कारण बी जे पी हाईकमान कर्नाटक पर तो फोकस कर रहा है लेकिन एम पी में अब तक पार्टी ने विधायको की तोड़फोड़ की कोई कोशिश नही की है हालांकि शाह के करीबी मानेजाने वाले नेता बीच बीच मे धमकी देते जरूर नजर आ रहे हैं लेकिन इसे भी "हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ" के रूप में देखा जा रहा है..हालांकि लोकसभा चुनाव आने तक देखना ये होगा कि कॉरपोरेट का रुख क्या होगा और यही मध्य प्रदेश में राजनैतिक स्थिरता को तय करेगा लेकिन फिलहाल एम पी में का कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नजर नही आ रहा है....
एम पी में सोशल मीडिया पर इन दिनों जिस तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं उसमें कई भाजपाई कार्यकर्ताओ ने लिखा है कि शिवराज की बजाय मोदी -शाह की जोड़ी का साथ कमलनाथ को ज्यादा मिला..जिस तरह से विधानसभा चुनावों के दौरान अमित शाह और योगी के विवादित बयान आये उसका भी लोग जिक्र करते नजर आ रहे हैं.... मालवा को लेकर भी एक तबके का मानना ये है की बी जे पी के एक बड़े नेता ने वहाँ भी कांग्रेस से सेटिंग कर डाली...लोगो का मानना ये भी है कि एम पी में कमलनाथ सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है इसका बड़ा कारण सी एम नाथ के कारपोरेट सम्बन्धो को माना जा रहा है ये भी माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार को सेफ करने में अडानी-अम्बानी भी एक बड़े रोल में है जिनके कारण बी जे पी हाईकमान कर्नाटक पर तो फोकस कर रहा है लेकिन एम पी में अब तक पार्टी ने विधायको की तोड़फोड़ की कोई कोशिश नही की है हालांकि शाह के करीबी मानेजाने वाले नेता बीच बीच मे धमकी देते जरूर नजर आ रहे हैं लेकिन इसे भी "हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ" के रूप में देखा जा रहा है..हालांकि लोकसभा चुनाव आने तक देखना ये होगा कि कॉरपोरेट का रुख क्या होगा और यही मध्य प्रदेश में राजनैतिक स्थिरता को तय करेगा लेकिन फिलहाल एम पी में का कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नजर नही आ रहा है....
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