2018 के विधानसभा चुनाव के पहले हो रहे कोलारस और मूंगावली के उपचुनाव पर पूरे प्रदेश की नजर है,माना जा रहा है कि ये उपचुनाव 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले जनता की नब्ज टटोलने का आखिरी मौका है कोलारस की अगर बात करे तो इस चुनाव को पहले जातिगत समीकरणों के आधार पर लड़ा जा रहा था लेकिन अब ये चुनाव शिवराज बनाम सिंधिया हो गया है इस क्षेत्र के लोगो ने पानी की समस्या को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है आइए हम आपको बताते है कि उपचुनाव को लेकर कोलारस का मिज़ाज़ क्या है...
पूरे प्रदेश की आखें इस समय कोलारस उपचुनाव की ओर हैं... इस सीट पर कौन बाजी मारता है.. यह चुनाव प्रदेश के अगले होने वाले सीएम की बनती बिगडती तस्वीर पेश कर सकता है... यहां मुकाबला सीधे-सीधे प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच माना जा रहा है। मप्र के राज्य गठन के बाद कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पहली पर उपचुनाव हो रहा है.. अभी तक जनता ने यहा आम चुनावों का नजारा दिखा है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र से अभी तक 6 बार कांग्रेस एवं 7 बार भाजपा जीत चुकी है। अनारक्षित सीट पर कांग्रेस एवं भाजपा तीन-तीन बार एवं आरक्षित सीट पर कांग्रेस तीन बार एवं भाजपा चार बार विजयी हो चुकी है ,कोलारस विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक रामसिंह यादव के निधन से खाली हुई है और यहाँ उनके पुत्र महेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है और उनके सामने है पिछला चुनाव हारे और बी जे पी के पूर्व विधायक देवेंद्र जैन...
कोलारस उपचुनाव को दोनों ही पार्टिया जातिगत समीकरणों के आधार पर लड़ रही है दोनों ही पार्टियों ने अलग अलग समाज के नेताओ को यहां जातिगत समीकरण साधने की जिम्मेदारी दी है इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता आदिवासी और यादव समाज के है
इस क्षेत्र में कुल मतदाता 2 लाख 36 हजार और
कुल मतदान केंद्र 311 हैं जिनमे
37 हजार आदिवासी
29 हजार जाटव
27 हजार यादव
25 हजार धाकड़
17 हजार कुशवाह
12 हजार लोधी
7 हजार वैश्य
7 हजार ब्राम्हण
6 हजार रघुवंशी
4 हजार मुस्लिम मतदाता हैं
इस उपचुनाव में भी बी एस पी ने अपना उम्मीदवार नही उतारा है और यही कारण है कि कांग्रेस इसे आने लिए फायदेमंद मान रही है पिछले चुनाव में कोलारस में बी एस पी को 23 हजार वोट मिले थे
अगर इस पूरे क्षेत्र की समस्याओं की बात करे तो हर जुबान पर बस एक ही मांग है वो पानी की...किसान हो या कस्बाई लोग सबका कहना है कि ना तो यहां पीने के लिए पानी है ना ही सिंचाई के लिये
यहां की सबसे बड़ी सिंध नदी भी सुख गयी है और यही कारण है कि पूरे इलाके में गर्मी आने के पहले ही चिंता की लकीरें है
हालांकि इस क्षेत्र में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है युवाओ का मानना है कि इस क्षेत्र में उद्योग लगने चाहिये
कोलारस चूंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्रों में गिना जाता है यही कारण है कि कांग्रेस के इस सबसे लोकप्रिय चेहरे को घेरने के लिए बी जे पी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है सी एम शिवराज यहाँ ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे है तो सिंधिया भी सीधे सी एम शिवराज को चैलेंज करते नजर आ रहे हैं
हालांकि प्रत्याशियों की बात की जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव अपने पिता और पिछले विधायक रामसिंह यादव के नाम पर वोट मांगते नजर आते हैं तो बी जे पी प्रत्याशी देवेंद्र जैन खुद विधायक राह चुके है और अपने पुराने कार्यकाल का हिसाब देते नजर आते है
बतौर मध्य भारत जब विधान सभा के चुनाव हुए थे तब मध्यभारत में पंडित लीलाधर जोशी के नेतृत्व में सरकार बनी और कोलारस विधान सभा से स्वतंतत्रता संग्राम सेनानी पंडित वैदही चरण पाराशर पाराशर कानून, स्वास्थ्य एंव शिक्षा मंत्री बने थे।
इसके बाद मध्यभारत के आम चुनावो में कांग्रेस के तुलाराम और पंडित नरहरि प्रसाद विधायक बने। 1 नवबंर को 1956 को मप्र राज्य का गठन हुआ और सन 57 में आम चुनाव हुए। इस चुनाव में कांग्रेस से पंडित वैदेहीचरण पाराशर,
1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस श्रीमती मनोरमा त्रिवेदी,
1967 में स्वतंत्र पार्टी से जगदीश वर्मा,
1972 में भारतीय जनसंघ से जगदीश वर्मा,
1977 में हुए परिसीमन में यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ।
इसके बाद भारतीय जनसंघ से कामता प्रसाद बेमटे,
1980 में कांग्रेस से पूरन सिंह बेड़िया,
1985 में कांग्रेस से पूरन सिंह बेड़िया,
1990 में भाजपा से ओमप्रकाश खटीक,
1993 में भाजपा से ओमप्रकाश खटीक,
1998 में कांग्रेस से पूरनसिंह बेड़िया,
2003 में भाजपा से ओमप्रकाश खटीक,
2008 में हुए परिसीमन में यह विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित हुआ तब भाजपा से देवेन्द्र जैन
और 2013 में कांग्रेस के रामसिंह यादव विजयी हो चुके हैं
इस उपचुनाव में जिस तरह से प्रचार हो रहा है उसे देखकर यहाँ के बुजुर्ग सबसे ज्यादा अवाक है दनदनाती मंत्रियों की गाड़ियां,सी एम और सिंधिया की सभाएं ,लोगो का कहना है कि उन्होंने 7 दशकों में ये नजारा पहली बार देखा है
कोलारस में 24 फरवरी को मतदान होगा और 28 फरवरी को मतगणना ,ये सीट किसी भी पार्टी की परंपरागत सीट नही मानी जाती है ऐसे में अब देखना ये होगा जनता किसे खुश होने का मौका देती हज
इस उपचुनाव में जिस तरह से प्रचार हो रहा है उसे देखकर यहाँ के बुजुर्ग सबसे ज्यादा अवाक है दनदनाती मंत्रियों की गाड़ियां,सी एम और सिंधिया की सभाएं ,लोगो का कहना है कि उन्होंने 7 दशकों में ये नजारा पहली बार देखा है
कोलारस में 24 फरवरी को मतदान होगा और 28 फरवरी को मतगणना ,ये सीट किसी भी पार्टी की परंपरागत सीट नही मानी जाती है ऐसे में अब देखना ये होगा जनता किसे खुश होने का मौका देती हज
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