Thursday, December 7, 2017

हाईकोर्ट में भी डगर आसान नही होगी मंत्री आर्य की जानिए क्यों!

एम पी टाइम्स के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि जिस समय भिंड जिला अदालत में लालसिंह आर्य को पेश होना था वो भोपाल में अपने सरकारी आवास पर थे और गिरफ्तारी वारंट जारी होते वहां से निकल गए अब देखना होगा कि आर्य हाईकोर्ट में जमानत के लिए क्या आधार बनाते हैं
 तत्कालीन एमएलए माखनलाल जाटव की हत्या के मामले में भिंड जिले की स्पेशल कोर्ट से मंगलवार को गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद जहां पूरे प्रदेश की पुलिस मिनिस्टर लाल सिंह आर्य को लापता बता रही है वहीं मिनिस्टर आर्य ने बुधवार को मंत्रालय पहुंचकर चीफ मिनिस्टर शिवराज सिंह चौहान की गैर मौजूदगी में सीएम के कैबिन में जाकर डीजीपी ऋषि शुक्ला और सीएम के ओएसडी एवं एडीजी आदर्श कटियार के साथ गुप-चुप तरीके से एक घंटा चालीस मिनिट तक चर्चा की। आर्य बुधवार को दोपहर 3.50 बजे मंत्रालय पहुंचे थे। 5.30 बजे आर्य मंत्रालय से चले गए। इसका खुलासा अंग्रेजी दैनिक डीबी पोस्ट के वरिष्ठ पत्रकार हरीश दिवेकर ने अपनी रिपोर्ट में किया है|
जिस समय सीएम के कैबिन में जब मिनिस्टर आर्य, डीजीपी शुक्ला और ओएसडी कटियार अंदर जा रहे थे तो उस समय डीबी पोस्ट के रिपोर्टर मौके पर मौजूद थे। बैठक खत्म होने के बाद जब मामले की हकीकत जानने के लिए जब सीएम के ओएसडी एवं एडीजी कटियार से बात की गई तो उन्होंने यह कहते हुए टालने का प्रयास किया कि मेरी मिनिस्टर आर्य के साथ कोई बैठक नहीं हुई, जब उन्हें कहा गया कि आप लोगों को सीएम के कैबिन में जाते हुए देखा है तो वह हंसते हुए बोले मेरी मिनिस्टर से कोई मिटिंग नहीं हुई। इस मामले में डीजीपी ऋषि शुक्ला से बात करने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन उनसे बात नहीं हुई। उन्हें मोबाइल पर मैसेज भी छोड़ा गया लेकिन उनका कोई जवाब तक नहीं आया। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन एमएलए जाटव के हत्या के मामले में जमानती वारंट पर 6 बार पेश न होने पर कोर्ट ने मिनिस्टर लाल सिंह आर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

गिरफ्तारी के डर से की बैठक
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीशन की नाराजगी के बाद भिण्ड जिले की पुलिस पर मिनिस्टर आर्य की गिरफ्तारी को लेकर दवाब बना हुआ है। इसी मामले को लेकर आर्य ने सीएम को पूरा मामला बताते हुए अर्जेंट में मिलने का समय मांगा था, लेकिन बुधवार की सुबह 11 बजे सीएम कोलारस उप चुनाव की तैयारी के लिए बदरवास के लिए रवाना हो चुके थे। इसके बाद मिनिस्टर आर्य ने मंत्रालय पहुंचकर डीजी और सीएम के ओएसडी कटियार ने मिनिस्टर आर्य के साथ चर्चा की। बताया जा रहा है कि मैदानी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मिनिस्टर आर्य को हाईकोर्ट में जाने तक उन्हें गिरफ्तार न किया जाए।  

मामले पर एक नजर-
- माखनलाल जाटव की हत्या अप्रैल 2009 में चुनावप्रचार के दौरान हुई थी।  जाटव के बेटे रणवीर सिंह नेस्पेशल कोर्ट में आवेदन दिया था कि उनके पिता कीहत्या के मामले में मंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपीबनाया जाए, क्योंकि मंत्री ने अपने चार लोगों के साथछिरैंटा में मौजूद रहकर 13 अप्रैल 2009 की रात आठबजे उनके पिता की हत्या करवाई थी।
-स्पेशल कोर्ट ने तत्कालीन विधायक  जाटवहत्याकांड में मिनिस्टर आर्य को आरोपी बनाया था। लगातार 6 बार 25 हजार रुपए के जमानती वारंट जारीहोने के बाद भी आर्य कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे।
- मंगलवार को स्पेशल कोर्ट योगेश कुमार गुप्ता नेउनका गिरफ्तारी वारंट जारी कर अगली सुनवाई 19दिसंबर को तय कर दी है।

-इसी दिन स्पेशल कोर्ट के सामने मामले मेंप्रत्यक्षदर्शी गवाह सूर्यभान सिंह उर्फ बंटी गुर्जर निवासीखरुआ ने अपने वकील रामप्रताप सिंह कुशवाह केमाध्यम से आवेदन देकर कहा कि मिनिस्टर आर्य बयानबदलने के लिए उन्हें प्रलोभन देने के साथ ही दबाव भीबना रहे हैं।

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