शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा मे दो बिलो को पारित किया गया है इनमे से एक बिल का जोरशोर से प्रचार किया जा रहा है कि इससे महिला अपराध पर लगाम लगेगी लेकिन हकीकत यही है कि इस तरह के शिगूफे सरकार लगातार छोड़ती आयी है बिल कितना ही सज़ा धजा हो लेकिन इसे कानून बनाना इतना आसान नही है फिर क्यो इसका इतना प्रचार किया जा रहा है काम पूरा हुए बिना ये समझा जा सकता है
एक और बिल पारित किया गया है जिसके नाम बड़े और दर्शन खोटे है ये बिल स्कूल फीस नियंत्रण के लिए है और इसे भी समझ लीजिए...
२००८ से लगातार फीस नियामक कानून बनाने की बात चल रही थी सरकार की मंशा नहीं थी की स्कूली शिक्षा के ऊपर कोई ठोस कानून लाये अब २०१७ में विधयक पास हुआ लेकिन इसमें अभिभावकों के हित में कोई खास कदम नहीं उठाए ये विधयक किस रूप में बनाया ये समझ नहीं पाया की
* स्कूल को प्रति वर्ष १० % फीस बढ़ाने की आज़ादी
*जरुरत पड़ने पर जिला समिति की आज्ञा लेकर फीस ज्यादा भी बढ़ाई जा सकती है
*धर्मार्थ विद्यालय और आवासीय विद्यालय को इससे दूर रखा गया
*फीस १२ माह की लगेगी या १० माह की कोई जानकारी नहीं
*सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था कोई जानकारी नहीं
*स्कूल अगर लापरवाही करता है तो मात्र २ लाख की पेनाल्टी देकर बरी
*अभिभावक याने (मरीज )से कोई जानकारी या मीटिंग नहीं ली गयी
*उसके बाद भी दावा सबसे बढ़िया मध्य प्रदेश का फीस विधेयक २०१७
*कॉपी किताब ड्रेस डायरी इत्यादि का कोई जिक्र नहीं
एक और बिल पारित किया गया है जिसके नाम बड़े और दर्शन खोटे है ये बिल स्कूल फीस नियंत्रण के लिए है और इसे भी समझ लीजिए...
२००८ से लगातार फीस नियामक कानून बनाने की बात चल रही थी सरकार की मंशा नहीं थी की स्कूली शिक्षा के ऊपर कोई ठोस कानून लाये अब २०१७ में विधयक पास हुआ लेकिन इसमें अभिभावकों के हित में कोई खास कदम नहीं उठाए ये विधयक किस रूप में बनाया ये समझ नहीं पाया की
* स्कूल को प्रति वर्ष १० % फीस बढ़ाने की आज़ादी
*जरुरत पड़ने पर जिला समिति की आज्ञा लेकर फीस ज्यादा भी बढ़ाई जा सकती है
*धर्मार्थ विद्यालय और आवासीय विद्यालय को इससे दूर रखा गया
*फीस १२ माह की लगेगी या १० माह की कोई जानकारी नहीं
*सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था कोई जानकारी नहीं
*स्कूल अगर लापरवाही करता है तो मात्र २ लाख की पेनाल्टी देकर बरी
*अभिभावक याने (मरीज )से कोई जानकारी या मीटिंग नहीं ली गयी
*उसके बाद भी दावा सबसे बढ़िया मध्य प्रदेश का फीस विधेयक २०१७
*कॉपी किताब ड्रेस डायरी इत्यादि का कोई जिक्र नहीं
No comments:
Post a Comment