इस दफा चित्रकूट उपचुनाव में बी जे पी नही कांग्रेस राम नाम को मुद्दा बनाएगी असल मे कांग्रेस का आरोप है कि पिछले एक दशक में रामवनपथ के नाम पर वोट मांगने वाली बी जे पी ने दस साल में भी रामोपथ नही बनवाया है मंदसौर में हुए किसान आंदोलन से उपजी किसानों की नाराजगी के बाद चित्रकूट चुनाव शिवराज सिंह चौहान ओर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह दोनों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होने जा रहा है।यही वजह है कि हर हाल में चुनाव जीतने के लिए दोनों पार्टियां विकास और मुद्दों को छोड़ अब ब्राह्मण कार्ड पर भरोसा कर रही है।ब्राह्मण बाहुल्य चित्रकूट में जनेऊ पोलिटीक्स की शुरुवात करते हुए सबसे पहले कांग्रेस ने नीलेश चतुर्वेदी को टिकिट दिया तो जनेऊ पोलटिक्स में पीछे न रहते हुए बीजेपी ने भी आरएसएस के करीबी शंकरदयाल त्रिपाठी पर भरोसा दिखाया।
चित्रकूट में वोटरों की संख्या...
· कुल 1 लाख 68 हज़ार 7 सौ 37 वोटर ।
· 58 हजार ब्राम्हण वोटर...
· 50 हजार हरिजन-आदिवासी वोटर हैं...
· 8 हजार क्षत्रिय वोटर...
· 14 हज़ार कुशवाहा...
· 12 हजार मुस्लिम...
· 16 हजार यादव ...
· 38 हजार पटेल,लोधी,कायस्थ...
जनेऊ पोलिटीक्स के चलते दोनों ही पार्टियों ने ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकिट दे दिया है लेकिन दोनों के लिए वो दावेदार परेशानी का सबब बन सकते हैं जिन्हें टिकट की चाहत थी।बहारहाल राजनीतिक विश्लेषक मानते है को दोनों दल विकास के मुद्दे को छेड़ना नही चाहते है।
.दरअसल जनेऊ पोलिटीक्स की वजह चित्रकूट में तकरीबन 45 फीसदी ब्राम्हण वोटर का होना है।लिहाज़ा दोनों ही पार्टियों को उम्मीद है कि ब्राम्हण वोटर ही जीत का रास्ता आसान करेंगे।
लेकिन इसके चलते बीजेपी से सबसे सशक्त उम्मीदवार ओर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार की नाराजगी का सामना बीजेपी को करना पड़ रहा है।सुरेंद्र सिंह की नाराजगी का असर बीजेपी को ठाकुर वोटों से दूर रख सकता है।वहीं ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकिट देने का विरोध कांग्रेस विधायक रहे प्रेम सिंह के परिवार के सदस्य कर रहे हैं ऐसे में कांग्रेस से
जनेऊ पोलिटीक्स के चलते ठाकुर वोट खिसक सकता है।वंही दोनों पार्टियों का जातिगत आधार पर टिकिट देना बताता है कि विंध्य छेत्र अब भी जातिगत राजनीति के लिए ही पहचाना जाता है।
- देश प्रदेश में विकास के वादे ओर दावे के साथ चुनावो में उतारने वाली भाजपा अब चित्रकूट चुनावो में जनेऊ पोलिटीक्स पर उतर चुकी है तो स्वच्छ राजनीति की बात करने वाली कांग्रेस ने भी ब्राह्मण कार्ड पर भरोसा कर जाता दिया है कि 21 वे सदी में भी जाति की राजनीति विपक्ष ओर विकास दोनों पर हावी है।ऐसे में नाराज ठाकुर वोटरों की तलवार कहीं बीजेपी के जनेऊ को काट न दे ये देखना दिलचस्प होगा।
चित्रकूट में वोटरों की संख्या...
· कुल 1 लाख 68 हज़ार 7 सौ 37 वोटर ।
· 58 हजार ब्राम्हण वोटर...
· 50 हजार हरिजन-आदिवासी वोटर हैं...
· 8 हजार क्षत्रिय वोटर...
· 14 हज़ार कुशवाहा...
· 12 हजार मुस्लिम...
· 16 हजार यादव ...
· 38 हजार पटेल,लोधी,कायस्थ...
जनेऊ पोलिटीक्स के चलते दोनों ही पार्टियों ने ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकिट दे दिया है लेकिन दोनों के लिए वो दावेदार परेशानी का सबब बन सकते हैं जिन्हें टिकट की चाहत थी।बहारहाल राजनीतिक विश्लेषक मानते है को दोनों दल विकास के मुद्दे को छेड़ना नही चाहते है।
.दरअसल जनेऊ पोलिटीक्स की वजह चित्रकूट में तकरीबन 45 फीसदी ब्राम्हण वोटर का होना है।लिहाज़ा दोनों ही पार्टियों को उम्मीद है कि ब्राम्हण वोटर ही जीत का रास्ता आसान करेंगे।
लेकिन इसके चलते बीजेपी से सबसे सशक्त उम्मीदवार ओर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार की नाराजगी का सामना बीजेपी को करना पड़ रहा है।सुरेंद्र सिंह की नाराजगी का असर बीजेपी को ठाकुर वोटों से दूर रख सकता है।वहीं ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकिट देने का विरोध कांग्रेस विधायक रहे प्रेम सिंह के परिवार के सदस्य कर रहे हैं ऐसे में कांग्रेस से
जनेऊ पोलिटीक्स के चलते ठाकुर वोट खिसक सकता है।वंही दोनों पार्टियों का जातिगत आधार पर टिकिट देना बताता है कि विंध्य छेत्र अब भी जातिगत राजनीति के लिए ही पहचाना जाता है।
- देश प्रदेश में विकास के वादे ओर दावे के साथ चुनावो में उतारने वाली भाजपा अब चित्रकूट चुनावो में जनेऊ पोलिटीक्स पर उतर चुकी है तो स्वच्छ राजनीति की बात करने वाली कांग्रेस ने भी ब्राह्मण कार्ड पर भरोसा कर जाता दिया है कि 21 वे सदी में भी जाति की राजनीति विपक्ष ओर विकास दोनों पर हावी है।ऐसे में नाराज ठाकुर वोटरों की तलवार कहीं बीजेपी के जनेऊ को काट न दे ये देखना दिलचस्प होगा।
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