Wednesday, September 13, 2017

सिंधिया को पी सी सी चीफ बनाये जाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं:कमलनाथ


एम् पी कांग्रेस के इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी बदले जाने के बाद अब अब नए कप्तान को लेकर कयास तो लगाए ही जा रहे है साथ में नए प्रभारी दीपक बाबरिया से ये उम्मीद की जा रही है की लंबे अरसे से बुझी बुझी  सी एम् पी कांग्रेस को वो रोशनी देंगे वही इस बीच एक बड़े न्यूज चैनल से चर्चा में कमलनाथ ने कहा है की उन्हें इस बात में कोई आपत्ति नहीं है की सिंधिया को PCC चीफ बना दिया जाए ...हालांकि राजनैतिक समीकरणों की बात करे तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एम् पी कांग्रेस का कोई भी बड़ा लीडर नहीं है और इसी कारण हाईकमान उनके नाम का एलान नहीं कर पा रहा है
इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी के बदले जाने के बाद ये तय माना जा रहा है की जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की भी छुट्टी होगी ...और सिंधिया और कमलनाथ में से किसी एक को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जायेगी ...माना जा रहा है अक्टूबर के पहले हफ्ते में किसी एक को कमान सौंप दी जायेगी ..फिलहाल तो दोनों को पलड़ा बराबर ही नजर आता है

अगर कमलनाथ और सिंधिया की संभावनाओ की बात करे तो दोनों नेताओ की अपनी अपनी USP है
1-ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल गांधी की पसंद है तो कमलनाथ सोनिया गांधी की
2-सिंधिया युवाओ में लोकप्रिय है तो कमलनाथ के साथ प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश युवा नेता है जो खुलकर कमलनाथ के नाम की पैरवी कर चुके है इनमे जीतू पटवारी ,कुणाल चौधरी ,विपिन वानखेड़े जैसे नामा शामिल है जिनका अपना प्रभाव है
3-सिंधिया के साथ बड़ी समस्या ये भी है की दिग्गविजय सिंह उनके विरोध में है और यही कारण है राहुल की पसन्द होने के बावजूद उनके नाम का एलान नहीं हो पाया तो कमलनाथ के साथ दिक्कत उनकी उम्र को लेकर है
4-कमलनाथ हालांकि विवेक तन्खा को चुनाव जीताने के बाद कुछ लिहाज से प्रदेश में ज्यादा ताकतवर हुए है लेकिन ये भी सच है की भीड़ को सिंधिया ज्यादा प्रभावित करते हैं पर राजनैति विशेषज्ञो की माने तो इस समय बी जे पी जैसी पार्टी से चुनाव जीतने के लिए कमलनाथ प्रबंधन के चलते ज्यादा बेहतर नाम साबित हो सकते हैं
कांग्रेस में राहुल गांधी के सुपर पावर के रूप में उभरने के बाद किसी भी संभावनाओ को टटोलना इतना आसान नहीं होता लेकिन ये भी तय है जिस तरह से राहुल गांधी ने संगठन चुनाव में गड़बड़ी के चलते प्रभारियो को हटाया है वो अरुण यादव की विदाई का भी कारण बन सकता है लेकिन कौन बनेगा नया अध्यक्ष और कब तक होगा फैसला इस बात के कयास ही लगाए जा सकते हैं 

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