Monday, July 10, 2017

नरोत्तम मामला:कांग्रेस ने की उच्च न्यायालय के खिलाफ संसदीय जांच की मांग !

कांग्रेस नेता योगेश यादव की तरफ से पोस्ट ओर जानकारी दी गयी है जिसमे कहा गया है की
नरोत्तम मिश्रा विधायक एवं मंत्री की मप्र विधान सभा की सदस्यता भ्रष्ट आचरण के कारण  केन्द्रीय चुनाव आयोग ने रद्द कर दी है।

इस आदेश के विरुद्ध श्री नरोत्तम मिश्रा ने मप्र उच्च न्यायालय ग्वालियर बेंच में आदेश को स्थगित करने की याचिका दायर की।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने  नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए 05/07/2017 की तारीख़  तय की। किंतु Bar Association ग्वालियर की हड़ताल की वजह से माननीय अदालत ने सोमवार की तारीख़ 10/07/2017 तय की।

इसी बीच इसी प्रकरण में 05/07/2017 को जबलपुर में श्री अजय रायज़ादा एडवोकेट ने एक पत्रकार की ओर से मप्र उच्च न्यायालय में श्री नरोत्तम मिश्रा के विरुद्ध एक sponsored जन हित याचिका दायर की जिसमें उन्होंने श्री नरोत्तम मिश्रा को कार्य करने से रोकने के लिए आवेदन दिया और urgent hearing की माँग की।

कांग्रेस पार्टी का यह मत है की जब एक याचिका इसी विषय में ग्वालियर में पूर्व से लम्बित है और 10/07/2017 की उस प्रकरण में तारीख़ लगी है तो urgent hearing की आवश्यकता नहीं थी लेकिन माननीय मुख्य न्यायाधीश मोहदय ने उसे स्वीकार कर 06/07/2017 की तारीख़ दे दी।

बिना नोटिस के श्री नरोत्तम मिश्र के वक़ील 06/07/2017 उपस्थित हो गये जिस से यह प्रमाणित होता है की याचिका पूर्ण रूप से sponsored थी और नरोत्तम मिश्रा को उसकी पूर्ण जानकारी थी।

जबलपुर उच्च न्यायालय की माननीय मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने नोटिस जारी कर दिया और 13/07/2017 की तारीख़ लगा दी।

इसी का लाभ उठाते हुए श्री नरोत्तम मिश्रा ने 06/07/2017 को याचिका दायर कर ग्वालियर बेंच के प्रकरण को जबलपुर में दायर प्रकरण के साथ संलग्न करने की प्रार्थना की जिसे माननीय मुख्य न्यायाधीश जी ने स्वीकार कर ली।

यह सब कार्यवाही बिना माननीय केंद्र चुनाव आयोग में आवेदक राजेंद्र भारती की सूचना के की गयी और उन्हें आदेश हो जाने के बाद 06/07/2017 को सूचना दी गयी।

माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा इस जन हित याचिका को स्वीकार कर ग्वालियर बेंच जिसके समक्ष समस्त साक्ष्य थे जबलपुर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को कांग्रेस पार्टी ने गम्भीरता से लिया है।

यह सम्पूर्ण कार्यवाही नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग के आदेश में लाभ पहुँचाने के लिए किया जा रही है जो की न्यायिक प्रक्रिया के विरुद्ध है।

अतः कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय लिया है की 58 संसद सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव सम्बंधित व्यक्तियों के ख़िलाफ़ माननीय उप राष्ट्रपति और अध्यक्ष राज्य सभा के समक्ष भारतीय संविधान के article 217(1)(b) के तहत लाया जाएगा।

यह इस प्रकार की मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय के विरुद्ध संसदीय जाँच स्थापित होने की दूसरी घटना होगी।

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