कटनी हवाला मामले सिर्फ ना तो 500 करोड से ज्यादा का है बल्कि इसका कनेक्शन अब बी जे पी के साथ जुडे लोगो से ही नही बल्कि एक और बडी पार्टी के एक बडे नेता के साथ नजर आ रहा है हालंकि MP times इसे हवाला नहीँ मानता ..इस मामले का पोलिटिकल कनेक्शन सिर्फ बी जे पी के साथ ही नही है ,इसमे अब हो सकता है की एक बहुत बडे दुसरी पार्टी के नेता का नाम भी सामने आये ..जिसके कारण ही SP Gaurav Tiwari का तबादला छिंदवाडा ही किया गया हो...और कौन है वो बी जे पी के अलावा दुसरी पार्टी का नेता जिसकी मंत्री संजय पाठक से ट्रेन मे मुलाकात हुयी ...और क्या ये मामला आगे की जांच मे FERA के उल्लंघन का भी हो सकता है
MP Times की अब तक की तहकीकात ये कहती है की ये मामला अब ई डी के पाले मे जा सकता है क्युंकि ये पुरा मामला हवाला नही बल्कि इससे भी बडा हो सकता है ये मामला .... अब तक की जांच मे इंकम टेक्स चोरी ,420..के साथ साथ अब FERA के उल्लंघन का भी दिख रहा है.....और इस सबके खुलासे के लिये जिस शख्स का मुँह खोलना जरुरी है वो है ..मानवेंद्र मिस्त्री.......
कटनी हवाला मामले मे छह माह की इन्वेस्टीगेशन में पुलिस मानवेन्द्र मिस्त्री का मुंह नहीं खुला पाई है जबकि पूरे केस में इसे ही मास्टर माइंड बताया जा रहा है क्युंकि मांवेंद्र ने जो किया है अगर उसका खुलासा हो गया तो.....बी जे पी ही नहीँ कांग्रेस की राजनीती मे भी हडकम्प मचना तय है
IDBI BANK की भी होनी थी जांच
इस कांड में एक्सिस बैंक से ज्यादा फर्जीवाड़ा आईडीबीआई की ब्रांच की इन्वेस्टीगेशन में सामने आ सकता है। यह दावा करने वाली पुलिस ने आगे स्टेप लिए ही थे कि एसपी गौरव तिवारी का तबादला हो गया। ऐसा माना कटनी हवाला कांड का एक नया राजनैतिक कनेक्शन जल्द ही सामने आ सकता है हालंकि MP times इसे इंकम टेक्स चोरी और FERA के उल्लंघन का मामला मान रहा है ना की हवाला का...लेकिन सच तभी सामने आयेगा जब मानवेंद्र मिस्त्री मुँह खोलेगा ,कटनी मे जिस भवन में एक्सिस बैंक और आईडीबीआई की ब्रांच हैं,आखिर वो किसकी है...
असल मे कटनी चाईना प्रोडक्टस का एक बडा डिस्ट्रीब्युशन सेंटर है और कहा जाता है की इस गोरख धंधे मे लगा है प्रदेश की दोनो ही राजनैतिक पार्टियो से जुडे लोगो का पैसा ......लेकिन चीन मे व्यापारी कैसे भुगतान करते है और क्या ये मामला 500 करोड से कही ज्यादा का है.....असल में शहडोल चुनाव के दौरान कुछ ऐसा घटा की एक पूर्व कांग्रेसी नेता को अपने पूर्व दिग्गज नेता की मदद करनी पड़ी ...जिसकी भनक सरकार को लगी---और फिर पुराने मामले की नए सिरे से जांच शुरू हो गयी....
अब तक ये भी कहा गया की 18 बोरे दस्तावेज गायब करने की थी साजिश थी.......
6 जनवरी को पुलिस द्वारा कोयला कारोबारी मनीष सरावगी की फर्म के दस्तावेजों के 28 बोरे जब्त किए गए थे। इन्हें लोडिंग रिक्शा में भरकर कहीं गायब करने के लिए ले जाया जा रहा था। अब कहा जा रहा है की इन दस्तावेजो को पुलिस से वापिस लेने की भी कोशिश हुयी ..तो क्या इसके लिये प्रभावशाली मंत्री संजय पाठक ने SP Gaurav tiwari को फोन किये ! ....अगर किये तो इतना होने के बाद ये बात अब तक कोई सामने क्यु नही ला पाया......जो बडी आसानी से सामने आ लायी जा सकती है......या फिर गौरव तिवारी को फोन लगाने वालो मे प्रदेश के कई और बडे दिग्गज नेता भी शामिल थे....
एम पी टाईम्स जल्द ही बतायेगा की आखिर गौरव तिवारी को छिंदवाडा ही ट्रांस्फर क्युँ किया गया ..क्या कांग्रेस के किसी दिग्गज का भी इससे कनेक्शन है ..क्या कोई कांग्रेस नेता शहडोल चुनाव के दौरान ट्रेन मे संजय पाठक से मिला था..क्योँ व्यापम से ज्यादा है अरुण यादव कि कटनी हवाला मामले मे रुची ..और क्योँ सी एम भी चाहते है इस मामले की जांच केंद्र की जांच एजेंसी करे..
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