भोपाल। आज पांच जनवरी को सिक्खों के दसवें गुरु, गुरु गोविन्द सिंह का जन्मदिन है। उनका जन्म 22 दिसम्बर, 1666, को पटना साहिब, बिहार के पटना में हुआ था। लेकिन हिंदी कलेंडर के हिसाब से गुरु गोविन्द की जयंती आज गुरुवार यानि पांच जनवरी को है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के हमीदिया स्थित गुरुद्वारा में मत्था टेकने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत पटना साहब के लिए विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की। गुरु गोविंद सिंह की जयंती के मौके पर आज गुरुवार को पूरे मध्यप्रदेश में शासकीय अवकाश घोषित किया गया था।
जानकारी के अनुसार गुरु गोविंद सिंह की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। आज से ठीक 350 साल पहले गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। इस अवसर पर देश भर में ही आयोजन किए जा गए है और इसे प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। गोविन्द सिंह अपने पिता गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के एक मात्र पुत्र थे। उनके पिता तेग बहादुर की मृत्यु के बाद 11 नवंबर सन 1675 में गुरु बने। महाराष्ट्र के नांदेड शहर में स्थित ‘हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा’ में सिखों के दसवें तथा अंतिम गुरु.. गोविन्द सिंह जी ने अपने प्रिय घोड़े दिलबाग के साथ अंतिम सांस ली थी। ऐसा कहा जाता है कि यह हत्या धार्मिक तथा राजनैतिक कारणों से कराई गई थी। गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर भोपाल में भी हमीदिया स्थित गुरुद्वारा में विशेष आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज गुरुवार को हमीदिया अस्पताल के समीप स्थित गुरुद्वारा में मत्था टेकने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने केवल भारत को ही नहीं पुरी दुनिया को सच्ताई पर चलने की राह दिखाई है। मुख्यमंत्री ने सभी को गुरु गोविंद सिंह जयंती की बधाई दी।
इस मौके पर धर्म गुरु ज्ञानी दलीप सिंह ने भी सभी को प्रकाश पर्व की बधाईयां दी। दलीप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत पटना साहब के लिए विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की है।
जानकारी के अनुसार गुरु गोविंद सिंह की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। आज से ठीक 350 साल पहले गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। इस अवसर पर देश भर में ही आयोजन किए जा गए है और इसे प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। गोविन्द सिंह अपने पिता गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के एक मात्र पुत्र थे। उनके पिता तेग बहादुर की मृत्यु के बाद 11 नवंबर सन 1675 में गुरु बने। महाराष्ट्र के नांदेड शहर में स्थित ‘हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा’ में सिखों के दसवें तथा अंतिम गुरु.. गोविन्द सिंह जी ने अपने प्रिय घोड़े दिलबाग के साथ अंतिम सांस ली थी। ऐसा कहा जाता है कि यह हत्या धार्मिक तथा राजनैतिक कारणों से कराई गई थी। गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर भोपाल में भी हमीदिया स्थित गुरुद्वारा में विशेष आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज गुरुवार को हमीदिया अस्पताल के समीप स्थित गुरुद्वारा में मत्था टेकने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने केवल भारत को ही नहीं पुरी दुनिया को सच्ताई पर चलने की राह दिखाई है। मुख्यमंत्री ने सभी को गुरु गोविंद सिंह जयंती की बधाई दी।
इस मौके पर धर्म गुरु ज्ञानी दलीप सिंह ने भी सभी को प्रकाश पर्व की बधाईयां दी। दलीप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत पटना साहब के लिए विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की है।
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