मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जरूरत के समय मदद मिलने पर और जरूरतमंद
की मदद करने पर दोनों व्यक्तियों को पारस्परिक आनंद की प्राप्ति होती है।
इस व्यवस्था को कार्यरूप में बदलने के प्रारंभिक प्रयास के रूप में ‘आनंदम’
की स्थापना की जाये। श्री चौहान आज मंत्रालय में समाधान ऑन लाइन के बाद
प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।
श्री
चौहान ने कहा कि आनन्दम ऐसा स्थान होगा जहाँ पर देने का और पाने का आनंद
प्राप्त होगा। यहाँ पर ऐसे व्यक्ति जो सामग्री देना चाहते हैं रख सकेंगे।
यहीं से जरूरतमंद व्यक्ति अपने उपयोग के लिए सामग्री प्राप्त भी कर सकेंगे।
उन्होंने कम्बल का उदाहरण देते हुए कहा कि ठंड के समय कम्बल मिलने पर आनंद
की प्राप्ति होती है। उसी तरह ठंड से बचाने में किसी की मदद का प्रयास भी
आनंददायक होता है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी के जीवन में आनंद और प्रसन्नता आए।
इसी मंशा से आनंद विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई
है। उन्होंने कहा कि रूटीन जिंदगी यंत्रवत हो जाती है। इससे हटकर कुछ नया
चिंतन करने के लिए ‘अल्प विराम’ कार्यक्रम का संयोजन किया गया है। शांत मन
से चिंतन करने से नये विचार आते हैं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों का
आव्हान किया कि वे जीवन में इस पर अमल कर देखें। आनंद के साथ उत्साहपूर्ण
जीवन जीने की कोशिश करें।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने विदिशा जिले में 'नई रोशनी एक पहल'' के माध्यम से कोचिंग
दिये जाने के डिप्टी कलेक्टर श्री रामप्रकाश अहिरवार के प्रयासों की सराहना
करते हुए गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की।
उन्होंने सभी संभागायुक्तों से कहा कि क्षेत्रांतर्गत ऐसे नवाचारों का
विस्तृत विवरण भेजें ताकि उन्हें भी पुरस्कृत करने की कार्रवाई की जा सके।
बताया
गया कि कक्षा 9वीं, 11वीं और स्नातक के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को
जीवन और जीने की शैली के संबंध में सप्ताह में एक पीरियड की व्यवस्था
करवायी जायेगी। इसके लिये आनंद सभा का आयोजन विद्यालय, महाविद्यालय में
किया जायेगा।
No comments:
Post a Comment