नई दिल्ली: बीएसएफ के जवान तेज बहादुर के वीडियो पर आज बीएसएफ गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी. बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में तैनात डीआईजी स्तर के अधिकारी ये रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जवान ने वीडियो में खराब खाने और राशन घोटाले का आरोप लगाया था.
वीडियो में तेज बहादूर कहते हैं, “देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं.” सोशल मीडिया पर अपने संदेश को डालते हुए तेज बहादुर ने अपील की है कि उसके दर्द को देश समझे.
तेजबहादुर ने कहा, ”मैंने इस बारे में अपने प्रजेंट कमांडर से तीन चार बार शिकायत की थी लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन वीडियो डालना पड़ा. और अगर मैंने वीडियो डाला तो क्या सच्चाई दिखाना गलत है? मैंने सिर्फ देश के नागरिकों को सच्चाई दिखाई है. 80% शिकायतें मौखिक होती हैं, मैंने भी शिकायत की थी.”
वीडियो में तेज बहादुर ने अपने सीनियर अधिकारियों पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. अपने कैंप के खाने पीने में हो रहे कथित घोटाले के लिए तेज बहादुर केवल अपने अधिकारियों पर आरोप लगा रहा है, सरकार या सेना प्रशासन पर नहीं. रोटी के एक टुकड़े और दाल के नाम पर हल्दी पानी का ये मसला उस समय और गंभीर हो जाता है जब आपको पता चलेगा कि तेज बहादुर को कहां और किस हालत में अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है.
बीएसएफ की तरफ से बताया गया है कि इस जवान(तेज बहादुर यादव) को अनुशासनहीनता और एक वरिष्ठ अधिकारी पर बंदूक तानने के लिए 2010 में कोर्ट मार्शल किया जा चुका है. इसके बावजूद तेज बहादुर के सोशल मीडिया पर बताए गये दर्द की पूरी जांच का बीएसएफ की तरफ से आश्वासन दिया जा रहा है.
पिछले बीस साल की सेवा में तेज बहादुर यादव को चार बार कड़ी सजा मिल चुकी है, जिसके तहत उन्हें क्वार्टर गार्ड में भी रखा जा चुका है. नशे में ड्यूटी करना, सीनियर का आदेश न मानना, बिना बताए ड्यूटी से गायब रहना और कमांडेंट पर बंदूक तानने तक का भी आरोप लगा था.
तेज बहादुर मानते हैं कि उन्हें सजा मिल चुकी है, लेकिन वह ये भी दावा कर रहे हैं कि उन्हें 16 बार सम्मानित भी किया जा चुका है.
तेज बहादुर के दादा देश की आजादी के लिए लड़े तो परिवार के तीन और सदस्य सुरक्षा सेवा में लगे हैं. सबसे बड़े भाई गुजरात पुलिस में हैं और उनका बेटा सेना में है. तेज बहादुर के एक और भाई बीएसएफ में इलेक्ट्रीशियन हैं.
20 साल की ड्यूटी में तेज बहादुर पश्चिम बंगाल, मणिपुर, असम, त्रिपुरा, में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
वीडियो में तेज बहादूर कहते हैं, “देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं.” सोशल मीडिया पर अपने संदेश को डालते हुए तेज बहादुर ने अपील की है कि उसके दर्द को देश समझे.
तेजबहादुर ने कहा, ”मैंने इस बारे में अपने प्रजेंट कमांडर से तीन चार बार शिकायत की थी लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन वीडियो डालना पड़ा. और अगर मैंने वीडियो डाला तो क्या सच्चाई दिखाना गलत है? मैंने सिर्फ देश के नागरिकों को सच्चाई दिखाई है. 80% शिकायतें मौखिक होती हैं, मैंने भी शिकायत की थी.”
वीडियो में तेज बहादुर ने अपने सीनियर अधिकारियों पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. अपने कैंप के खाने पीने में हो रहे कथित घोटाले के लिए तेज बहादुर केवल अपने अधिकारियों पर आरोप लगा रहा है, सरकार या सेना प्रशासन पर नहीं. रोटी के एक टुकड़े और दाल के नाम पर हल्दी पानी का ये मसला उस समय और गंभीर हो जाता है जब आपको पता चलेगा कि तेज बहादुर को कहां और किस हालत में अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है.
बीएसएफ की तरफ से बताया गया है कि इस जवान(तेज बहादुर यादव) को अनुशासनहीनता और एक वरिष्ठ अधिकारी पर बंदूक तानने के लिए 2010 में कोर्ट मार्शल किया जा चुका है. इसके बावजूद तेज बहादुर के सोशल मीडिया पर बताए गये दर्द की पूरी जांच का बीएसएफ की तरफ से आश्वासन दिया जा रहा है.
पिछले बीस साल की सेवा में तेज बहादुर यादव को चार बार कड़ी सजा मिल चुकी है, जिसके तहत उन्हें क्वार्टर गार्ड में भी रखा जा चुका है. नशे में ड्यूटी करना, सीनियर का आदेश न मानना, बिना बताए ड्यूटी से गायब रहना और कमांडेंट पर बंदूक तानने तक का भी आरोप लगा था.
तेज बहादुर मानते हैं कि उन्हें सजा मिल चुकी है, लेकिन वह ये भी दावा कर रहे हैं कि उन्हें 16 बार सम्मानित भी किया जा चुका है.
तेज बहादुर के दादा देश की आजादी के लिए लड़े तो परिवार के तीन और सदस्य सुरक्षा सेवा में लगे हैं. सबसे बड़े भाई गुजरात पुलिस में हैं और उनका बेटा सेना में है. तेज बहादुर के एक और भाई बीएसएफ में इलेक्ट्रीशियन हैं.
20 साल की ड्यूटी में तेज बहादुर पश्चिम बंगाल, मणिपुर, असम, त्रिपुरा, में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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