नई दिल्ली
: चुनाव आयोग साइकिल चुनाव निशान के विवाद का निपटारा जल्द ही परिपाटी और
स्थापित सिद्धातों के आधार पर करेगा। सपा के दोनों धड़ों ने इस चुनाव निशान
पर अपना दावा ठोंका है।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘चुनाव निशान संबंधी प्रावधान के अनुसार आयोग अब तक की परिपाटी एवं स्थापित सिद्धातों को ध्यान में रखते हुए अपने समक्ष आए दस्तावेजों की छानबीन करेगा और सही समय पर उचित फैसला करेगा।’ मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सपा के दोनों धड़ों ने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए साइकिल चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया है।
आयोग ने कहा कि इस विवाद को लेकर चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश-1968 के पैरा 15 का अनुसरण किया जायेगा जो आयोग को मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के अलग हो गए समूहों या विरोधी समूहों के संदर्भ में फैसला करने का अधिकार देता है।
जैदी ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों में चुनाव आयोग को मुलायम सिंह यादव से एक प्रतिवेदन मिला और दूसरा प्रतिवेदन राम गोपाल यादव एवं अखिलेश यादव की तरफ से मिला। बीती शाम राम गोपाल यादव की तरफ से एक विस्तृत दस्तावेज सौंपा गया।
सपा में चल रहा घमासान उस वक्त चुनाव आयोग की चौखट तक पहुंच गया जब बीते एक जनवरी को लखनऊ में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले धड़े की ओर से आहूत अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
अखिलेश के नेतृत्व वाले धड़े ने कल चुनाव आयोग का रुख किया और इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का नेतृत्व अब मुलायम नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। इससे पहले मुलायम के नेतृत्व वाले धड़े ने साइकिल पर अपना दावा करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘चुनाव निशान संबंधी प्रावधान के अनुसार आयोग अब तक की परिपाटी एवं स्थापित सिद्धातों को ध्यान में रखते हुए अपने समक्ष आए दस्तावेजों की छानबीन करेगा और सही समय पर उचित फैसला करेगा।’ मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सपा के दोनों धड़ों ने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए साइकिल चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया है।
आयोग ने कहा कि इस विवाद को लेकर चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश-1968 के पैरा 15 का अनुसरण किया जायेगा जो आयोग को मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के अलग हो गए समूहों या विरोधी समूहों के संदर्भ में फैसला करने का अधिकार देता है।
जैदी ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों में चुनाव आयोग को मुलायम सिंह यादव से एक प्रतिवेदन मिला और दूसरा प्रतिवेदन राम गोपाल यादव एवं अखिलेश यादव की तरफ से मिला। बीती शाम राम गोपाल यादव की तरफ से एक विस्तृत दस्तावेज सौंपा गया।
सपा में चल रहा घमासान उस वक्त चुनाव आयोग की चौखट तक पहुंच गया जब बीते एक जनवरी को लखनऊ में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले धड़े की ओर से आहूत अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
अखिलेश के नेतृत्व वाले धड़े ने कल चुनाव आयोग का रुख किया और इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का नेतृत्व अब मुलायम नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। इससे पहले मुलायम के नेतृत्व वाले धड़े ने साइकिल पर अपना दावा करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था।
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