नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में मची कलह अब लखनऊ से नई दिल्ली पहुंच चुकी है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी परिवार में पिता और बेटे के बीच वर्चस्व को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच दिल्ली पहुंचे मुलायम सिंह यादव अपने भाई शिवपाल सिंह और करीबी अमर सिंह के साथ ही जया प्रदा को लेकर चुनाव आयोग पहुंच चुके हैं। जहां पर मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोका। उधर, समाजवादी पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित हो चुके रामगोपाल यादव भी मंगलवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे चुनाव आयोग पहुंचेंगे। उन्होंने पहले ही चुनाव आयोग में मिलने के लिए समय मांगा था।
इससे पहले लंदन से दिल्ली पहुंचे अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी में चल रहे कलह पर मीडिया से बात करते हुए कहा, 'अगर उनके (मुलायम) साथ रह के कभी नायक बने, तो अगर खलनायक भी बने तो बनने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने कहा, मुलायम सिंह जी ने एक बार कहा था अमर सिंह हमारे दल में नहीं, दिल में हैं।
वहीं शिवपाल यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा, 'नेताजी इस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, आगे भी रहेंगे। हम नेताजी के साथ मरते दम तक रहेंगे।' वहीं 5 जनवरी को होने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को मुलायम सिंह यादव ने स्थगित कर दिया, जिसकी जानकारी खुद शिवपाल यादव ने ट्वीट कर दी।
पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग में किसी भी फैसले से पहले दोनों पक्षों की शिकायत और दावों को सबूतों और हलफनामों की जांच परख होगी। इसमें कम से कम तीन चार महीने का समय लग सकता है, जबकि राज्य में चुनाव सिर पर हैं।
ऐसे में चुनाव से पहले फैसला आना संभव नहीं होगा। ऐसे में निपटारा होने तक चुनाव आयोग इस चुनाव में चुनाव चिन्ह जब्त कर सकता है और मूल समाजवादी पार्टी के नाम के बजाए दोनों धड़ों को अलग-अलग नया नाम भी दे सकता है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी कहते हैं कि अगर दोनों धड़े असली पार्टी होने का दावा करते हुए आयोग पहुंचेंगे तो आयोग दोनों से हलफनामे पर उनका पक्ष लेगा। विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की हस्ताक्षरित सूची भी मांगेगा। तय प्रक्रिया में जो बहुमत साबित करेगा वही धड़ा मूल पार्टी और साइकिल चुनाव चिन्ह का दावेदार होगा।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश के महासम्मेलन को असंवैधानिक बताने के बाद मुलायम सिंह सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। पार्टी पर अपने दबदबे को कायम रखने के लिए मुलायम सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
इस बीच शिवपाल यादव ने कहा है कि नेताजी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और रहेंगे। हम नेताजी के साथ मरते दम तक रहेंगे। वहीं पार्टी से निष्कासित हो चुके किरणमय नंदा ने कहा कि सरकार पार्टी की है इसलिए पार्टी सिंबल बड़ी बात नहीं है। हमारे पास पार्टी के सभी नेता और विधायक हैं।
पूरे दिन के घटनाक्रम के बाद शिवपाल सिंह का एक वीडियो सामने आया जिसमें वो गाना गाकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह वीडियो रविवार रात का है जब शिवपाल एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वहां उन्होंने एक पुराना गीत, 'कसमें वादे प्यार वफा' गाया। लोग इसे सपा की वर्तमान स्थिति से जोड़कर देख रहे हैं। उनके गाने का वीडियो भी सामने आया है।
इससे पहले लंदन से दिल्ली पहुंचे अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी में चल रहे कलह पर मीडिया से बात करते हुए कहा, 'अगर उनके (मुलायम) साथ रह के कभी नायक बने, तो अगर खलनायक भी बने तो बनने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने कहा, मुलायम सिंह जी ने एक बार कहा था अमर सिंह हमारे दल में नहीं, दिल में हैं।
वहीं शिवपाल यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा, 'नेताजी इस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, आगे भी रहेंगे। हम नेताजी के साथ मरते दम तक रहेंगे।' वहीं 5 जनवरी को होने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को मुलायम सिंह यादव ने स्थगित कर दिया, जिसकी जानकारी खुद शिवपाल यादव ने ट्वीट कर दी।
पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग में किसी भी फैसले से पहले दोनों पक्षों की शिकायत और दावों को सबूतों और हलफनामों की जांच परख होगी। इसमें कम से कम तीन चार महीने का समय लग सकता है, जबकि राज्य में चुनाव सिर पर हैं।
ऐसे में चुनाव से पहले फैसला आना संभव नहीं होगा। ऐसे में निपटारा होने तक चुनाव आयोग इस चुनाव में चुनाव चिन्ह जब्त कर सकता है और मूल समाजवादी पार्टी के नाम के बजाए दोनों धड़ों को अलग-अलग नया नाम भी दे सकता है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी कहते हैं कि अगर दोनों धड़े असली पार्टी होने का दावा करते हुए आयोग पहुंचेंगे तो आयोग दोनों से हलफनामे पर उनका पक्ष लेगा। विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की हस्ताक्षरित सूची भी मांगेगा। तय प्रक्रिया में जो बहुमत साबित करेगा वही धड़ा मूल पार्टी और साइकिल चुनाव चिन्ह का दावेदार होगा।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश के महासम्मेलन को असंवैधानिक बताने के बाद मुलायम सिंह सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। पार्टी पर अपने दबदबे को कायम रखने के लिए मुलायम सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
इस बीच शिवपाल यादव ने कहा है कि नेताजी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और रहेंगे। हम नेताजी के साथ मरते दम तक रहेंगे। वहीं पार्टी से निष्कासित हो चुके किरणमय नंदा ने कहा कि सरकार पार्टी की है इसलिए पार्टी सिंबल बड़ी बात नहीं है। हमारे पास पार्टी के सभी नेता और विधायक हैं।
पूरे दिन के घटनाक्रम के बाद शिवपाल सिंह का एक वीडियो सामने आया जिसमें वो गाना गाकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह वीडियो रविवार रात का है जब शिवपाल एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वहां उन्होंने एक पुराना गीत, 'कसमें वादे प्यार वफा' गाया। लोग इसे सपा की वर्तमान स्थिति से जोड़कर देख रहे हैं। उनके गाने का वीडियो भी सामने आया है।
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