नमामि देवी नर्मदे यात्रा में भले ही सरकार तन मन धन से भीड़ जुटाने में लगी है..फ़िल्मी सितारों को बुलाया जा रहा है...जिन जिलो से ये यात्रा गुजर रही है वहाँ के अधिकारियो और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की जा रही है बावजुद इसके यात्रा में भीड़ नहीं जूट रही है ऊपर से अब सरपंच और सचिवो ने एलान कर दिया है की वो यात्रा में भीड़ नहीं जुटने देंगे...यानी जिस उम्मीद से ये यात्रा शुरू की गयी थी उस पर पानी फिरता नजर आ रहा है...
सी एम् शिवराज को बड़ी उम्मीद थी की उनकी घटती लोकप्रियता को माँ नर्मदा का आशीर्वाद मिलेगा लेकिन अब तक नर्मदा यात्रा में जो हुआ है उससे ऐसा लगता तो नहीं है..यात्रा की सबसे बड़ी सभा जिस दिन थी उस दिन पूर्व सी एम् सुन्दरलाल पटवा का निधन हो गया हालांकि संयोग से पत्रकारो के भोज और पटवाजी को श्रद्दांजलि का कार्यक्रम एक ही दिन रखा गया...
वापिस आते है "नमामि देवी नर्मदे "सेवा यात्रा की तरफ ..अमरकंटक से शुरू हुयी इस यात्रा में मंडला..डिंडोरी और जबलपुर के बाद नरसिंहपुर भी जल्द ही गुजर जाएगा लेकिन करोडो रुपया पानी की तरह बहाने के बाद भी ना तो जनमानस में इसकी चर्चा है ना तो इससे अब तक कोई जाग्रति और परिवर्तन आता दिखता है|
आलम ये है की अब तक तय की गयी यात्रा के दौरान जिन घाटों पर अवैध उत्खनन हो रहा था वो अनावरत जारी है किसानो को वृक्षारोपण की जो सलाह दी गयी है वो किसानो को हजम ही नहीं हो पा रही क्योंकि अनाज की फसल 6 माह में पैसा वापिस देती है तो फलदार वृक्षो से लक्ष्मी की कृपा कम से कम 5 साल बाद बरसेगी.....
सी एम् शिवराज को बड़ी उम्मीद थी की उनकी घटती लोकप्रियता को माँ नर्मदा का आशीर्वाद मिलेगा लेकिन अब तक नर्मदा यात्रा में जो हुआ है उससे ऐसा लगता तो नहीं है..यात्रा की सबसे बड़ी सभा जिस दिन थी उस दिन पूर्व सी एम् सुन्दरलाल पटवा का निधन हो गया हालांकि संयोग से पत्रकारो के भोज और पटवाजी को श्रद्दांजलि का कार्यक्रम एक ही दिन रखा गया...
वापिस आते है "नमामि देवी नर्मदे "सेवा यात्रा की तरफ ..अमरकंटक से शुरू हुयी इस यात्रा में मंडला..डिंडोरी और जबलपुर के बाद नरसिंहपुर भी जल्द ही गुजर जाएगा लेकिन करोडो रुपया पानी की तरह बहाने के बाद भी ना तो जनमानस में इसकी चर्चा है ना तो इससे अब तक कोई जाग्रति और परिवर्तन आता दिखता है|
आलम ये है की अब तक तय की गयी यात्रा के दौरान जिन घाटों पर अवैध उत्खनन हो रहा था वो अनावरत जारी है किसानो को वृक्षारोपण की जो सलाह दी गयी है वो किसानो को हजम ही नहीं हो पा रही क्योंकि अनाज की फसल 6 माह में पैसा वापिस देती है तो फलदार वृक्षो से लक्ष्मी की कृपा कम से कम 5 साल बाद बरसेगी.....
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