इस्तांबुल : तुर्की का प्रमुख शहर इस्तांबुल में सैंटा क्लॉज की वेष धरे बंदूकधारियों ने नाइट क्लब में अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग घायल हुए हैं.
तुर्की की दोगन सामाचार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तांबुल के सबसे लोकप्रिय रेइना नाइट क्लब में सैंटा क्लॉज का वेष धरे दो बंदूकधारी घुसे और वहां नए साल का जश्न मना रहे लोगों पर गोलियां दागने लगे. हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हो पाई है.
वहीं शहर के यूरोप से सटे बॉसफोरस इलाके में स्थित इस नाइट क्लब के पास ही मौजूद इस्तांबुल के गवर्नर वासिप साहीन ने कहा, ' उन्होंने निर्ममता से गोलीबारी की. हमारे कम से कम 35 लोगों की जान चली गई. इनमें से एक पुलिस अधिकारी था. वहीं इस हमले में घायल हुए 40 लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.' उन्होंने साथ ही कहा, 'आज जो हुआ वह आतंकी हमला था.'
वहीं तुर्की के गृहमंत्री सुलेमान सोयलू ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में कहा कि 21 मृतकों की पहचान की गई है और उनमें से 16 विदेशी और पांच तुर्की के हैं. अन्य 69 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसके साथ उन्होंने बताया कि हमलावर वहां से फरार हो गया और अब उसके लिए एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जिससे उम्मीद है कि वह जल्द पकड़ा जाएगा. टीवी पर प्रदर्शित तस्वीरों में पुलिस ने इलाके को घेर रखा है.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक, उस क्लब में कम से कम 700 लोग नए साल का जश्न मना रहे थे. टर्किश समाचार चैनल एनटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के बाद कई घबराये लोगों ने खुद को बचाने के लिए बॉसफोरस नदी में छलांग लगा दी और अभी उन्हें नदी से निकालने की कोशिशें जारी हैं.
गौरतलब है कि तुर्की पिछले कुछ दिनों के दौरान कई आतंकी हमलों का शिकार रहा है. इससे पहले राजधानी अंकारा में रूसी राजदूत एंड्रे कार्लोफ की गोली मार कर हत्या कर दी गई. वह एक आर्ट गैलरी में एक प्रदर्शनी में भाषण दे रहे थे, तभी दंगारोधी पुलिस के सदस्य 22 वर्षीय मेवलुत मेर्त एडिन्टास ने उन पर गोलियां दाग दीं. खबरों के मुताबिक, हमले के बाद बंदूकधारी नारे लगा रहा था, 'अलेप्पो को मत भूलो, सीरिया को मत भूलो.'
तुर्की की दोगन सामाचार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तांबुल के सबसे लोकप्रिय रेइना नाइट क्लब में सैंटा क्लॉज का वेष धरे दो बंदूकधारी घुसे और वहां नए साल का जश्न मना रहे लोगों पर गोलियां दागने लगे. हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हो पाई है.
वहीं शहर के यूरोप से सटे बॉसफोरस इलाके में स्थित इस नाइट क्लब के पास ही मौजूद इस्तांबुल के गवर्नर वासिप साहीन ने कहा, ' उन्होंने निर्ममता से गोलीबारी की. हमारे कम से कम 35 लोगों की जान चली गई. इनमें से एक पुलिस अधिकारी था. वहीं इस हमले में घायल हुए 40 लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.' उन्होंने साथ ही कहा, 'आज जो हुआ वह आतंकी हमला था.'
वहीं तुर्की के गृहमंत्री सुलेमान सोयलू ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में कहा कि 21 मृतकों की पहचान की गई है और उनमें से 16 विदेशी और पांच तुर्की के हैं. अन्य 69 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसके साथ उन्होंने बताया कि हमलावर वहां से फरार हो गया और अब उसके लिए एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जिससे उम्मीद है कि वह जल्द पकड़ा जाएगा. टीवी पर प्रदर्शित तस्वीरों में पुलिस ने इलाके को घेर रखा है.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक, उस क्लब में कम से कम 700 लोग नए साल का जश्न मना रहे थे. टर्किश समाचार चैनल एनटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के बाद कई घबराये लोगों ने खुद को बचाने के लिए बॉसफोरस नदी में छलांग लगा दी और अभी उन्हें नदी से निकालने की कोशिशें जारी हैं.
गौरतलब है कि तुर्की पिछले कुछ दिनों के दौरान कई आतंकी हमलों का शिकार रहा है. इससे पहले राजधानी अंकारा में रूसी राजदूत एंड्रे कार्लोफ की गोली मार कर हत्या कर दी गई. वह एक आर्ट गैलरी में एक प्रदर्शनी में भाषण दे रहे थे, तभी दंगारोधी पुलिस के सदस्य 22 वर्षीय मेवलुत मेर्त एडिन्टास ने उन पर गोलियां दाग दीं. खबरों के मुताबिक, हमले के बाद बंदूकधारी नारे लगा रहा था, 'अलेप्पो को मत भूलो, सीरिया को मत भूलो.'
इधर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकी हमले को ‘बर्बरतापूर्ण' करार देते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में भारत, तुर्की के साथ खड़ा है. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ इस्तांबुल में हमले में लोगों की त्रासदपूर्ण मौत पर तुर्की की सरकार और जनता के प्रति हृदय से संवेदना प्रकट करता हूं. ' उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस बर्बरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करते हैं और इस दुख की घड़ी में तुर्की के साथ खड़े हैं.
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