बुलंदशहर रेप पर विवादित बयानबाजी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान के माफीनामे को खारिज कर दिया है. असल में सुप्रीम कोर्ट ने उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा था, लेकिन आजम खान ने अपने हलफनामे में 'यदि' शब्द का प्रयोग करते हुए गोलमोल माफी मांगी थी. कोर्ट ने उन्हें नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर रेप को राजनीतिक साजिश करार दिया था. अटॉर्नी जनरल और एमिकस क्यूरी द्वारा आजम खान के हलफनामे की भाषा पर एतराज जाहिर करने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. इस बीच आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल ' माफी' के बजाए 'खेद' शब्द का इस्तेमाल करेंगे..
अब 15 दिसम्बर को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आजम खान का नया हलफनामा उपयुक्त है या नही. केंद्र सरकार का कहना है कि अभी आजम खान ने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और इस वाक्य का इस्तेमाल किया है कि 'यदि मेरे बयान से किसी को चोट पहुंचा हो तो...' जो कि स्वीकार्य नहीं है.
बिना शर्त माफी मांगने तो तैयार थे आजम
इसके पहले नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए आजम खान की खिंचाई की थी. कोर्ट ने कहा था कि आजम खान गैंगरेप केस पर बयानबाजी करने के लिए माफीनामा दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं? आजम खान इस पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हो गए.
रेप पर बयानबाजी ठीक नहीं
कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है. 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा था.
गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर रेप को राजनीतिक साजिश करार दिया था. अटॉर्नी जनरल और एमिकस क्यूरी द्वारा आजम खान के हलफनामे की भाषा पर एतराज जाहिर करने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. इस बीच आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल ' माफी' के बजाए 'खेद' शब्द का इस्तेमाल करेंगे..
अब 15 दिसम्बर को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आजम खान का नया हलफनामा उपयुक्त है या नही. केंद्र सरकार का कहना है कि अभी आजम खान ने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और इस वाक्य का इस्तेमाल किया है कि 'यदि मेरे बयान से किसी को चोट पहुंचा हो तो...' जो कि स्वीकार्य नहीं है.
बिना शर्त माफी मांगने तो तैयार थे आजम
इसके पहले नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए आजम खान की खिंचाई की थी. कोर्ट ने कहा था कि आजम खान गैंगरेप केस पर बयानबाजी करने के लिए माफीनामा दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं? आजम खान इस पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हो गए.
रेप पर बयानबाजी ठीक नहीं
कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है. 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा था.
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