बरेली.यहां मुलायम सिंह यादव ने सपा वर्कर्स को आने वाले चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया। उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी ने हर वर्ग के लिए काम किया है। केंद्र ने किसानों से 15 लाख रुपए देने के लिए कहा था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया है। सपा ने दवाइयां फ्री कर दीं। बीजेपी ने नोट बदल दिए। इसका क्या मतलब था। कालेधन वालों को कोई फर्क नहीं पड़ा। बीजेपी तो झूठ बोलने में नंबर एक है।' और क्या बोले मुलायम...?
- जीआईसी मैदान में बुधवार को मंडलीय सम्मेलन में बोलते हुए मुलायम ने कहा, 'सपा में सभी के साथ एक जैसेा व्यवहार होता है।'
- 'सरकार जनता को परेशान करने के लिए नहीं होती है। बीजेपी झूठ बोलने में नंबर एक है।'
- 'सपा की करनी और करनी में अंतर नहीं है। सपा सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है।'
- 'जनता सेे किया वादा निभाया जाना चाहिए। शिवपाल ने पार्टी के लिए बहुत काम किया है।'
- 'हिंदी और उर्दू भाषा सगी बहनों की तरह हैं। हम अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ हैं।'
- 'हम भाषा और धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते हैं। हमने घोषणा पत्र में किए सारे वादे पूरे किए हैं।'
- 'कांग्रेस-बीजेपी ने देश को पीछे ढकेल दिया। नोट बदलने का क्या मतलब था, क्या जरूरत थी। उससे क्या फायदा हो गया। जनता आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।'
- 'नोटबंदी से लोगों को जनता को किए गए 15-15 लाख के वादे का क्या हुआ। नए नोट तो बैंक और एटीएम में हैं ही नहीं।'
- 'बीजेपी की नीति से किसान, व्यापारी, बुनकर सब परेशान हैं। नोटबंदी से कई किसानों की मौत हो गई।'
- 'किसान और प्यापारी सगे भाई की तरह हैं। बीजेपी से ज्यादा झूठ कौन बोल सकता है।'
- 'कालाधन रखने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। परेशानियों का जनता जवाब देगी।'
- 'किसान बर्बाद होगा तो देश प्रभावित होगी। बीज और खाद के लिए किसान परेशान है।'
नोटबंदी का दिखा असर
- आमतौर पर सपा के ऐसे आयोजनों में झंडा, बैनर, पोस्टर से मुख्य सड़कों को पाट दिया जाता है।
- लेकिन इस बार मुलायम सिंह के आगमन पर भी बैनर, पोस्टर और स्वागत द्वारों की कतार कम दिखी।
- बता दें, इससे पहले सपा ने मंडलीय रैली की शुरुआत पूर्वांचल के गाजीपुर से की थी।
- जीआईसी मैदान में बुधवार को मंडलीय सम्मेलन में बोलते हुए मुलायम ने कहा, 'सपा में सभी के साथ एक जैसेा व्यवहार होता है।'
- 'सरकार जनता को परेशान करने के लिए नहीं होती है। बीजेपी झूठ बोलने में नंबर एक है।'
- 'सपा की करनी और करनी में अंतर नहीं है। सपा सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है।'
- 'जनता सेे किया वादा निभाया जाना चाहिए। शिवपाल ने पार्टी के लिए बहुत काम किया है।'
- 'हिंदी और उर्दू भाषा सगी बहनों की तरह हैं। हम अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ हैं।'
- 'हम भाषा और धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते हैं। हमने घोषणा पत्र में किए सारे वादे पूरे किए हैं।'
- 'कांग्रेस-बीजेपी ने देश को पीछे ढकेल दिया। नोट बदलने का क्या मतलब था, क्या जरूरत थी। उससे क्या फायदा हो गया। जनता आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।'
- 'नोटबंदी से लोगों को जनता को किए गए 15-15 लाख के वादे का क्या हुआ। नए नोट तो बैंक और एटीएम में हैं ही नहीं।'
- 'बीजेपी की नीति से किसान, व्यापारी, बुनकर सब परेशान हैं। नोटबंदी से कई किसानों की मौत हो गई।'
- 'किसान और प्यापारी सगे भाई की तरह हैं। बीजेपी से ज्यादा झूठ कौन बोल सकता है।'
- 'कालाधन रखने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। परेशानियों का जनता जवाब देगी।'
- 'किसान बर्बाद होगा तो देश प्रभावित होगी। बीज और खाद के लिए किसान परेशान है।'
नोटबंदी का दिखा असर
- आमतौर पर सपा के ऐसे आयोजनों में झंडा, बैनर, पोस्टर से मुख्य सड़कों को पाट दिया जाता है।
- लेकिन इस बार मुलायम सिंह के आगमन पर भी बैनर, पोस्टर और स्वागत द्वारों की कतार कम दिखी।
- बता दें, इससे पहले सपा ने मंडलीय रैली की शुरुआत पूर्वांचल के गाजीपुर से की थी।
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