इंग्लैंड को चौथे टेस्ट में हराकर सीरीज जीतने के लिए टीम इंडिया पूरे आत्मविश्वास से ओतप्रोत है. गुरुवार से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुरू हो रहे चौथे टेस्ट को जीत दर्ज कर टीम इंडिया पांच टेस्ट मैचों की क्रिकेट सीरीज अपने नाम करने के इरादे से उतरेगी. यह वानखेड़े में सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट टेस्ट के बाद पहली बार खेला जा रहा टेस्ट मैच है. तीन टेस्ट के बाद भारत ने 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है. विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम के हौसले बुलंद है और 2012 में एलिस्टेयर कुक की टीम को गंवाई एंथोनी डि मेलो ट्रॉफी वह फिर हासिल करने की फिराक में है.
इंग्लैंड से हिसाब चुकता करने का मौका
यह मैच ड्रा भी रहता है तो भारत सीरीज जीत जाएगा. इससे पहले इंग्लैंड ने 2011 में इंग्लैंड में, 2012 में भारत में और 2014 में फिर इंग्लैंड में भारत को हराया था. वानखेड़े पर पिछले दो टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को हराया है और 2012 का टेस्ट तो खासकर इसलिए याद रखा जाएगा क्योंकि केविन पीटरसन ने भारतीय सरजमीं पर किसी विदेशी बल्लेबाज की सबसे उम्दा पारियों में से एक खेली थी.
दुबई से फ्रेस होकर पहुंच रही है इंग्लिश टीम
गुरुवार से शुरू हो रहे मैच से भारत को पिछली तमाम पराजयों का बदला चुकता करने का मौका मिल जाएगा. इंग्लैंड को मोहाली में करारी हार का सामना करना पड़ा था और अब दुबई में एक हफ्ते तरोताजा होकर टीम नयी ऊर्जा के साथ खेलेगी. इंग्लैंड ने एशियाई मूल के दो खिलाड़ियों हसीब हमीद और जफर अंसारी की जगह नए चेहरों कीटन जेनिंग्स और लियाम डासन को उतारा है. हमीद और अंसारी दोनों फिटनेस समस्या से जूझ रहे हैं.
कोहली, अश्विन, पुजारा जबरदस्त फॉर्म में
भारतीय टीम भी फिटनेस समस्याओं से जूझ रही है लेकिन नए खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है. तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली ने उम्दा बल्लेबाजी की है जबकि निचले क्रम पर आर अश्विन शानदार फार्म में हैं. आठ साल बाद टीम में लौटे पार्थिव पटेल ने पारी की शुरुआत करके मोहाली में 42 और 67 रन बनाए. केएल राहुल चोट से उबरकर लौटे हैं और ऐसे में भारत के पास विकेटकीपर पार्थिव पटेल के रूप में तीसरे वैकल्पिक ओपनर बन गए हैं जो मध्यक्रम में उतारे जा सकते हैं. राहुल के लौटने पर करुण नायर को बाहर रहना होगा. इसके अलावा टीम में किसी बदलाव की संभावना नहीं दिखती.
मुरली-रहाणे का फॉर्म चिंता का विषय
मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे का खराब फार्म भारत की चिंता का सबब हो सकता है. विजय ने राजकोट में शतक जमाया था जबकि रहाणे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में आखिरी टेस्ट में 188 रन जोड़े थे. इसके बाद से दोनों बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं. विजय जहां शॉर्ट गेंदों का शिकार हुए, वहीं रहाणे गैर जिम्मेदाराना शॉट्स खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे. हालांकि हेड कोच अनिल कुंबले शॉर्ट बॉल नहीं खेल पाने को विजय की कमी नहीं मानते हैं. भारत के लिए मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने नई गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया है जबकि अश्विन, रविंद्र जडेजा और नए खिलाड़ी जयंत यादव ने फिरकी का कमाल दिखाया है. तीसरे टेस्ट के बाद सात दिन के ब्रेक से गेंदबाजों को काफी मदद मिली होगी और अब वे फिर इंग्लैंड की बल्लेबाजी की बखिया उधेड़ने को बेताब होंगे.
कुक-रूट इंग्लैंड की परेशानी!
इंग्लैंड की परेशानी कुक और जो रूट के फार्म में निरंतर आई गिरावट है. वानखेड़े पर उन्हें संतोष इस बात का होगा कि पिछले दोनों मैचों के परिणाम उनके अनुकूल रहे हैं. स्टुअर्ट ब्रॉड फिट होकर लौट रहे हैं जो विशाखापत्तनम टेस्ट के बाद से बाहर थे. पिछले साल अगस्त में गाले में श्रीलंका से हारने के बाद भारत ने पिछले 16 टेस्ट में से एक में भी पराजय का सामना नहीं किया है. उसने 12 टेस्ट जीते जबकि चार ड्रॉ रहे.
कपिल के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे कोहली
भारत अब लगातार 17 टेस्ट के अपराजेय रिकॉर्ड की बराबरी से सिर्फ एक मैच पीछे है. भारत ने यह कमाल 1985 से 1987 के बीच किया था. इसकी शुरुआत 14 सितंबर 1985 को श्रीलंका के खिलाफ कैंडी में ड्रॉ टेस्ट से हुई और नौ मार्च 1987 को अहमदाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ ड्रॉ रहे टेस्ट तक यह सिलसिला चला था. बंगलुरु में जीत का यह क्रम टूटा जब पाकिस्तान ने 16 रन से जीत दर्ज की. उस अपराजेय अभियान में कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने चार जीत दर्ज की थी और बाकी मैच ड्रॉ रहे थे.
टीमें:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन, पार्थिव पटेल, रविंद्र जडेजा, अमित मिश्रा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, करुण नायर, जयंत यादव, भुवनेश्वर कुमार.
इंग्लैंड: एलिस्टेयर कुक (कप्तान), कीटन जेनिंग्स, मोईन अली, जानी बेयरस्टा, जैक बाल, गैरी बालांस, जेरेथ बेट्टी, स्टुअर्ट ब्रॉड, जोस बटलर, बेन डकेट, स्टीवन फिन, लियाम डासन, आदिल रशीद, जो रूट, बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स.
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