नई दिल्ली: पुराने 500 और 1,000 के नोटों को जमा कराने की समयसीमा आज समाप्त हो रही है। हालांकि नकदी संकट तथा एटीएम के बाहर कतारों को समाप्त होने में अभी कुछ समय और लगेगा क्योंकि नए नोटों की छपाई मांग की तुलना में काफी कम है। हालांकि, 30 दिसंबर के बाद भी लोग पुराने नोटों को जमा नहीं कराने की वैध वजह बताकर रिजर्व बैंक काउंटरों से इन्हें 31 मार्च, 2017 तक बदल सकते हैं।
सरकार एक सीमा से अधिक 500 और 1,000 के पुराने नोट रखने पर जुर्माना लगाने को अध्यादेश लाने की भी तैयारी कर रही है। सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। हालांकि, बैंकों में स्थिति अब काफी सुधर गई है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे एटीएम हैं जिनसे अभी भी पैसा नहीं निकल पा रहा हैं।
नोटबंदी को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था। वहीं इस अवधि में रिजर्व बैंक ने एक के बाद एक नए सकरुलर जारी किए जिससे असमंजस और बढ़ा। हालांकि सरकार ने नकदी निकासी की सीमा 24,000 रुपये सप्ताह तय की है लेकिन नकदी की कमी की वजह से बैंक ग्राहकों को इससे कम नकदी उपलब्ध करा रहे थे। बैंकरों का मानना है कि बैंकों और एटीएम से नकदी निकासी पर अंकुश 30 दिसंबर के बाद भी जारी रहेगा।
सरकार एक सीमा से अधिक 500 और 1,000 के पुराने नोट रखने पर जुर्माना लगाने को अध्यादेश लाने की भी तैयारी कर रही है। सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। हालांकि, बैंकों में स्थिति अब काफी सुधर गई है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे एटीएम हैं जिनसे अभी भी पैसा नहीं निकल पा रहा हैं।
नोटबंदी को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था। वहीं इस अवधि में रिजर्व बैंक ने एक के बाद एक नए सकरुलर जारी किए जिससे असमंजस और बढ़ा। हालांकि सरकार ने नकदी निकासी की सीमा 24,000 रुपये सप्ताह तय की है लेकिन नकदी की कमी की वजह से बैंक ग्राहकों को इससे कम नकदी उपलब्ध करा रहे थे। बैंकरों का मानना है कि बैंकों और एटीएम से नकदी निकासी पर अंकुश 30 दिसंबर के बाद भी जारी रहेगा।
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