Tuesday, April 1, 2025

सीएम मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक के पहले मंत्री को किया संबोधित

*मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक के पहले मंत्रीगण को दिए संबोधन में राज्य शासन की प्राथमिकताओं और गतिविधियों से अवगत करवाया।* *औद्योगिक इकाइयों को राशि के भुगतान का कार्य पूर्ण करने वाला मध्य प्रदेश प्रथम राज्य* *औद्योगिक इकाइयों को राशि का भुगतान* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश ऐसा एकमात्र राज्य है जहां वृहद और लघु सूक्ष्म ,मध्यम उद्योगों को समस्त राशि का भुगतान पूर्ण हो चुका है। लगभग 2500 इकाइयों को यह लाभ मिल रहा है। औद्योगिक इकाइयों को कुल 3100 करोड़ की राशि जो वर्षों से दी जाना लंबित थी, प्रदान करने का कार्य किया गया है। एमएसएमई इकाइयों के लिए 216 करोड़ और वृहद इकाइयों के लिए 1777 करोड़ की राशि इसमें शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इस सफलता के लिए मंत्री परिषद सदस्यों को बधाई भी दी। *मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की दी विक्रम संवत2082 की शुभकामनाएं* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सर्वप्रथम सभी मंत्रियों को भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2082 प्रारंभ होने की बधाई और मंगल कामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भारतीय सनातन परंपरा का अपना महत्व है। यह सौभाग्य की बात है कि सम्राट विक्रमादित्य मध्य प्रदेश से हैं। विक्रम संवत शुभारंभ पर महत्वपूर्ण प्रकल्प प्रदेश में प्रारंभ हुए हैं। *स्कूल चलें हम अभियान* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि आज से स्कूल चले हम अभियान प्रारंभ हुआ है। इस अभियान के तहत चार दिवसीय विशेष गतिविधियां हो रही हैं। मंत्री गण अपने प्रभार के जिले में एक से चार अप्रैल तक प्रवेश उत्सव को सफल बनाने का प्रयास करें। राज्य में लगभग 85 लाख विद्यार्थियों को सत्र के प्रारंभ में ही पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने का निर्णय लिया गया।इसके साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों खेलकूद आदि से संबंधित कैलेंडर तैयार कर क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है। *सीएम राइज विद्यालयों का नाम अब सांदीपनी विद्यालय* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को अवगत करवाया कि सीएम राइज विद्यालयों का नाम अब सांदीपनि विद्यालय होगा। *इंदौर में 27 अप्रैल को होगी आईटी कॉन्क्लेव* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जानकारी दी कि आगामी 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी कॉन्क्लेव का आयोजन होगा. सूचना प्रौद्योगिकी की दृष्टि से मध्य प्रदेश में इंदौर संभावना से भरा क्षेत्र है। यहां लगभग 200 कंपनियों की भागीदारी कॉन्क्लेव में रहेगी। *उद्योगों में कार्यरत बहनों को रहवास सुविधा के लिए 284 करोड़* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रदेश की औद्योगिक कामकाजी बहनों की रहवास सुविधा के लिए 284 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की है ,जो 5000 से अधिक महिलाओं के लिए हॉस्टल सुविधा के लिए रहेगी। *जल गंगा संवर्धन अभियान* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि 30 मार्च से यह अभियान प्रारंभ किया है। अभियान आगामी 30 जून तक चलना है। प्रदेश में 90 दिन से अधिक चलने वाले इस अभियान के निश्चित ही अच्छे परिणाम आएंगे। ऐसा विश्वास है कि इस अभियान को सरकार और समाज द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित कर सफल बनाया जाएगा। *गेहूं उपार्जन* मुख्यमंत्री डॉ यादव ने प्रदेश में गेहूं उपार्जन का उल्लेख करते हुए बताया की गत 15 मार्च से उपार्जन प्रारंभ हुआ है। किसानों को ₹2600 प्रति क्विंटल की राशि मिल रही है। प्रभारी मंत्री और जनप्रतिनिधि तोल कांटे आदि व्यवस्थाओं का अवलोकन कर इस कार्य के सुचारू संचालन में सहयोग करें। प्रदेश में 14.76 लाख किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया है। अब तक 8 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन लगभग 1 लाख किसानों से किया जा चुका है। इस माह अर्थात अप्रैल में उपार्जन कार्य में गति आएगी।

Wednesday, March 26, 2025

सहकारिता का अर्थ सामूहिक विकास : सीएम डॉ मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के समन्वय भवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में सहभागिता की।इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने सहकारी संस्थाओं के कृषक सदस्यों के लिए माइक्रो एटीएम का शुभारंभ किया, जिससे किसानों को डिजिटल लेनदेन में अधिक सुविधा मिलेगी। इस दौरान सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि"बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय" की कल्पना संपूर्ण समाज के कल्याण और सामूहिक समृद्धि के लिए की गई है। यह विचार सहकारिता के मूल सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है, जहां सामूहिक प्रयास, समानता और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जाती है, सहकारिता के अनेक आयाम हैं। सहकारिता का मतलब है - सामूहिक विश्वास, समानता और साझा तरक्की का संकल्प,वही cm ने लैंड पुलिंग एक्ट को लेकर बोले हम किसानों के साथ हे,हमारी सरकार किसानों पर आधारित है,में खुद किसान पुत्र हु,हम हर हालत में राज्य का विकास भी चाहेंगे,ओर किसानों की जिंदगी बेहतर से बेहतर हो उनको बराबरी से लाना चाहेंगे

Wednesday, March 19, 2025

मोहन कैबिनेट की बैठक में हुए बड़े निर्णय

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन योजना "अविरल निर्मल नर्मदा" कैम्पा फण्ड के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2031-32 के लिए योजना का कुल आकार राशि 124 करोड़ 46 लाख रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। योजना के अंतर्गत आगामी 7 वर्षों में नर्मदा नदी के दोनों तटों से 10 कि.मी. की दूरी तक स्थित रोपण के लिए उपलब्ध समस्त वन भूमि पर सघन पौधरोपण कार्य 12 वन मंडलों के 95 वन कक्षों में 5600 हेक्टेयर वन क्षेत्र में किया जाएगा। योजना का उद्देश्य अविरलता एवं निर्मलता, मृदा संरक्षण, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर नियंत्रण और स्थानीय समुदाय की सहभागिता है। नर्मदा नदी का अविरलता के साथ नदी के तटों का भूमि का कटाव रूकेगा, स्थानीय पारिस्थितिकीय तंत्र में सुधार होगा, जैव विविधता में सुधार होगा, रोपण कार्यों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी से नदियों के संरक्षण के प्रति जनभागीदारी की भावना का विकास होगा। योजना का क्रियान्वयन वन विभाग के द्वारा किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में आवश्यकतानुसार जनसहयोग और वन समितियों का सहयोग भी प्राप्त किया जाएगा। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में सघन पौधरोपण से जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण, भू-जल स्तर में वृद्धि, कार्बन अवशोषण बढ़ाने, तटीय क्षेत्र का सौंदर्यीकरण के साथ भू-क्षरण में कमी से नदी पर निर्मित बांधों की उपयोगी जीवन में वृद्धि, रोजगार मूलक गतिविधियों का क्रियान्वयन कर ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार जैसे दूरगामी प्रभाव भी होंगे। उल्लेखनीय है कि नर्मदा नदी की अविरलता एवं निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिये गये निर्देशानुसार नर्मदा नदी के दोनों तटों से 10 कि.मी. की दूरी तक स्थित वन क्षेत्रों में पौधरोपण कार्य कराने के लिए नवीन योजना "अविरल निर्मल नर्मदा" योजना तैयार की गई है। इस योजना का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। नर्मदा नदी भारत की पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे बड़ी नदी होने के साथ ही राज्य की सबसे बड़ी नदी भी है। अनंत काल से नर्मदा नदी का जल प्रवाह एवं अविरलता इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित प्रदेश के वनों पर निर्भर करती है। नर्मदा नदी की अविरलता एवं निर्मलता अक्षुण्ण रखने के के लिये नवीन पौधरोपण योजना को प्रारंभ किये जाने की आवश्यकता है। तुअर का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रदेश में खरीफ वर्ष-2024 में केन्द्र सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत तुअर फसल के न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर उपार्जन लक्ष्य का अनुमोदन एवं पंजीकृत कृषकों से निर्धारित लक्ष्य के अतिरिक्त उपार्जन पीएसएस गाईड लाईन के अनुसार किए जाने का निर्णय लिया गया हैं। खरीफ वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में तुअर का प्रदेश के तुअर उत्पादक 43 जिलों के पंजीकृत कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपये 7550 पर म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (राज्य उपार्जन एजेंसी) द्वारा उपार्जन किया जायेगा। तुअर उपार्जन कार्य के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को उपार्जन एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है। एक लाख 27 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। इंदौर-पीथमपुर फाइनेंशियल (इकॉनोमिक) कॉरिडोर मंत्रि-परिषद् ‌द्वारा म.प्र. निवेश क्षेत्र विकास और प्रबंधन योजना के अन्तर्गत इंदौर-पीथमपुर फाइनेंशियल (इकॉनोमिक) कॉरिडोर योजना क्षेत्र में आपसी सहमति के आधार पर भू-अर्जन की कार्यवाही में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। निर्णय अनुसार भू-धारक निजी भूमि क्रय किए जाने के दिनांक को कलेक्टर द्वारा जारी की गई गाइड लाइन की तत्समय प्रभावशील दर के अनुसार संगणित भूमि के मूल्य और भूमि पर स्थित स्थावर परिसम्पत्तियों के मूल्य के बराबर राशि प्रतिफल (Consideration) के रूप में देकर क्रय की जाएगी। उपरोक्त के अतिरिक्त प्रतिफल के समतुल्य राशि विक्रेता को एकमुश्त पुनर्वास अनुदान के रूप में दी जाएगी इस प्रकार विक्रेता को निजी भूमि और उस पर स्थित स्थावर परिसम्पत्तियों के लिए दोगुनी राशि प्राप्त होगी। भूमि के मुआवजा स्वरूप योजना अन्तर्गत आवंटन योग्य क्षेत्रफल का 60 प्रतिशत तक भू-धारकों को उनसे ली गई भूमि के समानुपातिक रूप से प्रदान किया जायेगा। लैण्ड पूलिंग योजना अन्तर्गत भू-अर्जन के लिए राशि विभागीय बजट 9842-औद्योगिक क्षेत्रों का लैण्डपूलिंग योजना अन्तर्गत प्राप्त की जायेगी। इसमें इन्दौर के 9 तथा पीथमपुर के 8 गाँवों की भूमियां समाविष्ट है जिनका कुल रकबा 1290.74 हेक्टेयर है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र एवं आगरा- मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग को एयरपोर्ट से सीधे कनेक्टीविटी प्रदान किये जाने के उद्देश्य से 75 मीटर चौड़े लगभग 19.60 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जायेगा। योजना क्षेत्र के 1290.74 हेक्टेयर में से लगभग 1000 हेक्टेयर से अधिक भूमि निजी स्वामित्व की है तथा शेष शासकीय भूमि है। विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों के पंजीकरण के लिए सैद्धान्तिक सहमति मंत्रि-परिषद ‌द्वारा समेकित विकास के लिए सर्वेक्षण के अंतर्गत विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों का विभागीय समर्थ पोर्टल पर चिन्हाकन उपरांत पंजीकरण के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण विभाग की योजना क्रमांक 9094 सामेकित विकास के लिए सर्वेक्षण के अंतर्गत विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के परिवारों का विभागीय समर्थ पोर्टल पर चिन्हाकन के बाद पंजीकरण किया जायेगा। विभागीय समर्थ पोर्टल पर पंजीयन करने के लिए, मोबाइल ऐप तैयार किया जाकर डाटा टेस्टिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। दिनांक 31 अगस्त 2024 को मोबाईल ऐप का उदघाटन किया गया। राज्य/केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित करना, मूलभूत आवश्यकता के लिए प्रयास जैसे आवास, जल, बिजली, सड़क से पात्रतानुसार लाभान्वित करना। डाटाबेस के आधार पर वर्तमान अजीविका के साथ उनके पास उपलब्ध संसाधनों का युक्तियुक्त उपयोग से रोजगार सृजन की दिशा में व्यक्तिमूलक एवं स्व-सहायता समूह बनाकर रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर भारत बनाना है। मुख्यमंत्री पशु‌पालन विकास योजना के लिए 191 करोड़ रूपये की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी से संबंधित गतिविधियों में रोजगार के नवीन अवसर बढाने, उत्पादकता बढाने, किसानों की आय बढ़ने से जीएसडीपी में वृद्धि तथा राष्ट्र की जीडीपी में योगदान बढाने के लिए मुख्यमंत्री पशु‌पालन विकास योजना (सम्मिलित कार्यक्रम) सहकारिता के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर ब्याज अनुदान, भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम, बांझ निवारण शिविरों का आयोजन, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम प्रदेश की मूल गौ-वंशीय नस्ल एवं भास्तीय उन्नत नस्ल की दूधारू गायों के लिए पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम तथा पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने एवं उन्मुखीकरण के लिए वर्ष 2024-25 विभागीय प्रस्ताव पर 191 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद् ‌द्वारा ग्राम झागरिया खुर्द, तहसील हुजूर, जिला भोपाल स्थित भूमि खसरा क्रमांक 11 रकबा 4.940 हेक्टेयर में से 4 हेक्टेयर भूमि शासकीय आयुषमान भारत योजना की स्थापना के लिए नियंत्रण केन्द्र (एन.सी.डी.सी.) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के पक्ष में भूमि का आवंटन भूमि उपयोग परिवर्तन करने की शर्त पर किया जायेगा। प्रश्नाधीन भूमि के भूमि उपयोग के उपांतरण पश्चात् ही आवंटन शासन की शर्तों के अधीन निःशुल्क प्रब्याजि एवं एक रूपये वार्षिक भू-भाटक पर स्थाई पट्टे पर आवंटित की गई। नियंत्रण केन्द्र एन.सी.डी.सी. का उद्देश्य पूरे देश में निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना है। इसका उद्देश्य पड़ोसी राज्यों और भारत सरकार के साथ मिलकर राज्यों में आपदा और महामारी की तैयारियों को मजबूत करना है। क्षेत्रीय एन.सी.डी.सी. के प्रमुख कार्य एन.सी.डी.सी. शाखा उभरते रोगों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्व के रोगों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के साथ निगरानी, निरीक्षण, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रकोप/जांच, क्षमता निर्माण, रेफरल और निदान सेवाओं में सहायता करेगी। शाखाओं को एक-दूसरे से और एन.सी.डी.सी. मुख्यालय के साथ जोडा जाएगा। डायग्नोस्टिक सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा और उन्हें उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। नियंत्रण केन्द्र प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

Tuesday, March 18, 2025

सभी देवस्थानों को तीर्थ के रूप में करेंगे विकसित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव*

ओंकारेश्व
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को ओंकारेश्वर में अवधूत सिद्ध महायोगी श्री दादा गुरुजी की तृतीय चरण माँ नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा के समापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने ओंकारेश्वर स्थित गौमुख घाट पर माँ नर्मदा का मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। यह यात्रा माँ नर्मदा, धर्म, धरा, धेनु, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के लिए पूर्ण समर्पित थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि “यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे” जो-जो इस ब्रह्माण्ड में है वही सब हमारे शरीर में भी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह परमात्मा हमारे अंदर विद्यमान है, उसी तरह जल माँ नर्मदा में विद्यमान है। उन्होंने कहा कि श्री दादा गुरुजी की तृतीय चरण माँ नर्मदा सेवा यात्रा का समापन हुआ है। यह एक अद्भुत यात्रा थी। उन्होंने श्री दादा गुरुजी को प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम इस मृत्यु लोक में अकेले आते हैं और अकेले ही जाते हैं। इस लोक में हमारे कर्म ही होते हैं जो हमें विभिन्न लक्ष्यों तक पहुँचाते हैं। सब अपने कर्मों के अनुसार पुण्य अर्जित करते हैं। इसलिए हम सबको सत्कर्म करने का प्रण लेना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी-2028 में सिंहस्थ को भव्य बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण से मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है। इसी तरह "ओंकारेश्वर लोक" का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर धाम भी आने वाले समय में जगमगाएगा। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं जुटाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जहां लीलाएं की और जहां उनके चरण पड़े, उन सभी देवस्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने सभी धार्मिक नगरों को शराब मुक्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में निरंतर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार गौ-पालन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 10 से ज्यादा गाय खरीदेगा, उसे सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अवधूत सिद्ध महायोगी श्री दादा गुरुजी के साथ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक किया। उन्होंने बाबा ओंकारेश्वर से प्रदेश की सुख-समृद्धि, विकास और कल्याण की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुल से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पैदल पहुंचे।

Monday, March 10, 2025

बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस का प्रदर्शन

मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन हुआ, राज्यपाल की अभिभाषण के पहले सिर पर काला कपड़ा बांधकर कांग्रेस विधायक विधानसभा पहुंचे और सरकार पर बजट सत्र के दौरान मुंह छुपाने का आरोप लगाया , विधायकों ने बजट सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की

Thursday, March 6, 2025

उज्जैन के बाद अब ओंकारेश्वर की होगी काया पलट

भोपाल: 6 मार्च 2025 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आदि शंकराचार्य ने बाल्यकाल में प्रदेश के ओंकारेश्वर में आकर निवास किया। उनके दर्शन और शिक्षाओं को आज भी प्रासंगिक माना जाता है। सम्पूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य करने वाले आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित है। प्रतिमा स्थल सहित सम्पूर्ण ओंकारेश्वर के समग्र विकास के लिए सभी आवश्यक कार्य सम्पन्न किए जाएं। सिंहस्थ : 2028 तक ओंकारेश्वर भी उज्जैन की तरह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र बने, इस दिशा में सभी प्रयास किए जाएं। यह स्थान प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केन्द्र है। उन्होंने कहा कि एकात्म धाम ओंकारेश्वर में शिव पंचायतन मंदिर परिसर का विकास महाकाल लोक की तरह किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) के सभाकक्ष में एक बैठक में एकात्म धाम, ओंकारेश्वर के विकास के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संस्कृति विभाग द्वारा तैयार प्रजेंटेशन भी देखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ओंकारेश्वर में सुविधाओं के विकास से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और अन्य पर्यटकों की संख्या निश्चित ही बढ़ेगी। नागरशैली में अयोध्या के राम मंदिर की तरह इस आस्था स्थल में मंदिर का निर्माण प्रदेश की विशेष पहचान में सहायक होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एकात्म धाम और क्षेत्र में आने-जाने के सुविधाजनक मार्गों के निर्माण और प्रस्तावित रोप-वे की व्यवस्था के लिए समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिवशेखर शुक्ला, पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री इलैयाराजा टी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।